आप2 (सं.) [सं-पु.] 1. जल; पानी 2. आकाश 3. प्राप्ति 4. एक वसु का नाम। [वि.] प्राप्य।
आपचारी [वि.] मनमानी करने वाला; स्वेच्छाचारी।
आपजात्य (सं.) [सं-पु.] अपने जनक, आधार या उत्पादक से कम गुणी या हीन होना। [वि.] अपजात।
आपत्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. एतराज़; उज़्र 2. प्रतिवाद; विरोध।
आपत्तिजनक (सं.) [वि.] आपत्ति उत्पन्न करने वाला; आपत्तियुक्त।
आपत्य (सं.) [वि.] अपत्य या संतान से संबंधित; संतान का।
आपदा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. विपदा; संकट; आफ़त; मुसीबत 2. ऐसा संकट जिसमें सामूहिक क्षति हुई हो; सामूहिक विपत्ति 2. विपत्तिकारक घटना।
आपद्धर्म (सं.) [सं-पु.] 1. विपत्ति-काल में निर्वाह किया जाने वाला धर्म 2. वह आचरण या वृत्ति जिसकी अनुमति मात्र आपत्ति-काल में होती है।
आपन्न (सं.) [वि.] 1. (संकट में) फँसा हुआ 2. (आपदा) ग्रस्त; दुखी, जैसे- संकटापन्न।
आपबीती [सं-स्त्री.] स्वयं पर गुजरने वाली या स्वयं के जीवन में घटित होने वाली घटना या कहानी।
आपराधिक (सं.) [वि.] 1. अपराध संबंधी 2. अपराध के स्तर का; अपराध के दायरे में आने वाला।
आपराधिक संस्कृति (सं.) [सं-स्त्री.] वह संस्कृति जिसमें अपराध का बोलबाला हो; आपराधिक गतिविधियों को प्रश्रय देने वाली संस्कृति।
आपस [सं-पु.] 1. संबंध 2. हेल-मेल 3. नाता 4. एक दूसरे का; परस्पर, जैसे- आपस का; आपस में आदि।
आपसदारी (हिं.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. बंधुत्व; भाईचारा 2. परस्पर नज़दीक के संबंध वालों का वर्ग।
आपसी [वि.] 1. आपस का; पारस्परिक 2. अंतरंग 3. परिवार, संबंधी तथा मित्रों के बीच का।
आपस्तंब (सं.) [सं-पु.] कल्प, गृह्य और धर्म नामक तीन सूत्र-ग्रंथों के रचयिता, एक प्राचीन ऋषि।
आपा1 [सं-पु.] 1. अहंभाव 2. अपनी सत्ता या अस्तित्व 3. होश, सुध-बुध। [मु.] -खोना : बौखला उठना। आपे में आना : होश में आना। आपे में न रहना : बेकाबू होना; बौखला उठना।
आपा2 (तु.) [सं-स्त्री.] बड़ी बहन के लिए संबोधन।
आपात (सं.) [सं-पु.] 1. अचानक आई हुई संकट की स्थिति; (इमरजेंसी) 2. गिरना; गिराव 3. ऐसी घटना या स्थिति जिसकी कल्पना या संभावना न हो।
आपातकाल (सं.) [सं-पु.] 1. शासन के द्वारा राष्ट्र पर घोषित आपत्ति का काल; राष्ट्र में संकट की स्थिति; (इमरजेंसी) 2. संकट का समय; विपत्तिकाल; बुरा समय।
आपातकालीन (सं.) [वि.] 1. आकस्मिक घटना से संबंधित 2. आपातकाल से संबंधित।
आपातिक (सं.) [वि.] 1. आकस्मिक रूप से सामने आने वाला या उससे संबंध रखने वाला 2. अचानक घटित होने वाला 3. नीचे गिरने या उतरने वाला; (एमर्जेंट)।
आपाद (सं.) [क्रि.वि.] पैर से लेकर; पैर तक। [सं-पु.] 1. वह जो सिद्ध या प्राप्त किया गया हो 2. पारिश्रमिक; मेहनताना 3. पुरस्कार।
आपादमस्तक (सं.) [क्रि.वि.] 1. पैर से सिर तक 2. नीचे से ऊपर तक 3. पूरी तरह; पूर्णतः।
आपाधापी [सं-स्त्री.] 1. खींचतान; व्यर्थ की भाग दौड़ 2. अपने काम की चिंता में भागदौड़; व्यस्तता 3. धाँधली।
आपापंथी [वि.] 1. अपने मन की करने वाला; स्वच्छंद 2. धाँधलीबाज़।
आपूरण (सं.) [सं-पु.] 1. पूरा करना 2. अच्छी तरह भरना; लबालब होना 3. आपूर्ति करना।
आपूर्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. पूर्ति करने की क्रिया या भाव 2. भरना; भरा होना 3. संतुष्टि 4. आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराना; संभरण; (सप्लाई)।
आपेक्षिक (सं.) [वि.] 1. अपेक्षा संबंधी 2. अपेक्षा से युक्त 3. तुलनात्मक 4. अवलंबित; निर्भर।
आप्त (सं.) [सं-पु.] 1. संबंधी; मित्र; विश्वस्त व्यक्ति 2. शब्द प्रमाण 3. अर्हत 4. लब्धि (गणित)। [वि.] 1. प्राप्त; प्रामाणिक 2. कुशल; दक्ष 3. विश्वास करने योग्य।
आप्तकाम (सं.) [वि.] 1. जिसकी सभी कामनाएँ या इच्छाएँ पूरी हो चुकी हों; पूर्णकाम 2. जिसने सांसारिक इच्छाएँ त्याग दी हों।
आप्तवचन (सं.) [सं-पु.] 1. विश्वसनीय व्यक्ति द्वारा कथित बात 2. प्रामाणिक कथन।
आप्तवर्ग (सं.) [सं-पु.] 1. आत्मीय जनों का समूह 2. बंधुवर्ग; स्वजन-समूह।
आप्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. प्राप्ति; लाभ 2. संबंध 3. संयोग 4. उपयुक्तता; पूर्णता।
आप्य (सं.) [वि.] 1. प्राप्त करने योग्य 2. उपनिषदों के अनुसार ऐसा कर्म जिसके द्वारा कोई वस्तु प्राप्त की जाती हो।
आप्यायन (सं.) [सं-पु.] 1. एक अवस्था से दूसरी अवस्था को प्राप्त होना 2. तृप्त करना 3. (आयुर्वेद) वृद्धिकारक औषधि।
आप्रवासन (सं.) [सं-पु.] किसी और देश में जाकर बसना; दूसरे देश का नागरिक हो जाना।
आप्लाव (सं.) [सं-पु.] 1. जल से तर अवस्था, बाढ़ 2. स्नान।
आप्लावन (सं.) [सं-पु.] 1. चारों ओर जलमग्न हो जाना; पूरा का पूरा इलाका जल से भर जाना; बाढ़ 2. स्नान 3. जल आदि में डुबाना 4. पानी से अच्छी तरह भरना या तर करना।
आप्लावित (सं.) [वि.] 1. डुबाया हुआ 2. स्नान किया हुआ; स्नात; सिक्त 3. बाढ़ग्रस्त।
आफ़त (अ.) [सं-स्त्री.] 1. आपत्ति; विपत्ति; संकट; परेशानी; मुसीबत 2. दुख; कष्ट; तकलीफ़; क्लेश 3. कष्ट या मुसीबत के दिन। [मु.] -उठाना : जल्दी मचाना। -ढाना : कष्ट पहुँचाना। -मचाना : शोरगुल करना। -मोल लेना : संकट को न्योता देना।
आफ़ताब (फ़ा.) [सं-पु.] 1. सूर्य; सूरज 2. सख़्त धूप।
आफ़रीन (फ़ा.) [अव्य.] बहुत अच्छा किया! वाह! शाबाश! धन्य हो! (बहुत अच्छा या बड़ा काम करने पर कहा जाने वाला शब्द)।