Hin Dict_Aa21 - हिंदी शब्दकोश - आ21

आला (अ.) [सं-पु.] 1. उपकरण 2. औज़ार 3. मरीज़ों की हृदय की धड़कन आदि मापने वाला यंत्र; (स्टेथोस्कोप)। [वि.] सबसे उम्दा; सर्वश्रेष्ठ।
आलाकमान (अ.+फ़.) [सं-पु.] किसी संस्था या संगठन का सर्वेसर्वा; सर्वोच्च पदाधिकारी; सर्वाधिकार (शासन) संपन्न व्यक्ति।
आलान (सं.) [सं-पु.] 1. हाथी बाँधने का खूँटा; खंभा या रस्सा 2. बाँधने की रस्सी 3. बंधन।
आलाप (सं.) [सं-पु.] 1. कहना; बोलना 2. संगीत में स्वरों की साधना; संगीत के सातों स्वर; गाने का वह विशिष्ट आरंभिक अंश या प्रकार जिसमें तानयुक्त स्वरों में केवल धुन का प्रदर्शन होता है, गीत के बोलों का उच्चारण नहीं होता है 3. परस्पर होने वाला वार्तालाप 4. चिड़ियों की चहचहाहट।
आलापना [क्रि-स.] 1. तान लगाना; आलाप लेना 2. शास्त्रीय पद्धति से गीत गाना।
आलापी (सं.) [सं-पु.] 1. संगीत में सुरों का आलाप करने वाला 2. गाने वाला 3. बोलने वाला 4. {ला-अ.} अपनी ही अपनी बात कहने वाला।
आलिंगन (सं.) [सं-पु.] बाहों में लेकर गले लगाने की क्रिया; अंक में भरना।
आलिंगनपाश (सं.) [सं-पु.] 1. गले लगाना; भेंटना 2. प्रगाढ़ आलिंगन; परिरंभण 3. लिपटाना; अंक में भर लेना।
आलि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. सखी; सहेली 2. भौंरी; भ्रमरी (भौंरे की मादा) 3. पंक्ति; कतार।
आलिम (अ.) [सं-पु.] विद्वान; पंडित। [वि.] इल्मवाला।
आलिम-फ़ाज़िल (अ.) [वि.] 1. जानने वाला 2. विद्वान; निष्णात।

आलिमाना (अ.+फ़ा.) [वि.] आलिमों जैसा या विद्वानों सरीखा।
आली1 (सं.) [सं-स्त्री.] सखी; सहेली।
आली2 (अ.) [वि.] 1. ऊँचा; बड़ा 2. श्रेष्ठ; उत्तम 3. मान्य 4. गीली; तर; नम।
आलीजनाब (अ.) [सं-पु.] ऊँचे पद वाले व्यक्ति या अधिकारी आदि के लिए संबोधन; महोदय; आली हज़रत।
आलीशान (अ.) [वि.] भव्य; शानदार; विशाल।
आलुंचन (सं.) [सं-पु.] 1. चीरना 2. चीर कर टुकड़े-टुकड़े कर देना।
आलू [सं-पु.] एक प्रकार का कंद जिसकी सब्ज़ी बनती है।
आलूचा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. एक रसीला और खट्टा-मीठा फल 2. उक्त फल का पेड़।
आलूबुख़ारा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. एक खट्टा-मीठा और रसीला फल जिसमें बड़ी गुठली निकलती है 2. उक्त फल का पेड़।
आलेख (सं.) [सं-पु.] 1. पत्र-पत्रिका में प्रकाशित कोई वर्णनात्मक या विवेचनात्मक निबंध, लेख अथवा रचना 2. लिखावट; लिपि।
आलेखन (सं.) [सं-पु.] 1. लेखन-क्रिया; लिखना 2. तस्वीर बनाना; चित्रांकन।
आलेख्य (सं.) [वि.] 1. रूप-रेखाओं वाला अंकन 2. चित्र; (स्केच) 3. वह जो लिखा गया हो; लेख। [वि.] लिखने या चित्रित करने के योग्य।
आलेप (सं.) [सं-पु.] 1. लेप; उबटन 2. पलस्तर।
आलोक (सं.) [सं-पु.] 1. प्रकाश; उजाला 2. देखना 3. दर्शन।

आलोकन (सं.) [सं-पु.] 1. अवलोकन 2. दिखलाना 3. चमकाना 4. उज्ज्वल बनाना।
आलोकित (सं.) [वि.] चमकता हुआ; प्रकाशित।
आलोचक (सं.) [सं-पु.] आलोचना करने वाला; त्रुटि निकालने वाला; किसी कृति या रचना का विश्लेषक; गुण-दोषान्वेषक; समीक्षक।
आलोचन (सं.) [सं-पु.] गुण-दोष की परख; आलोचना; समीक्षा।
आलोचना (सं.) [सं-स्त्री.] 1. गुण-दोष की परख; ख़ूबियों-खामियों का विवेचन; समीक्षा 2. देखना; अवलोकन करना 3. दर्शन करना।
आलोचनात्मक (सं.) [वि.] आलोचना से संबंधित; आलोचना विषयक।
आलोच्य (सं.) [वि.] 1. जिसकी आलोचना की जाए 2. जो आलोचना के योग्य हो 3. आलोचना के लिए प्रस्तुत (विषय, मुद्दा, पुस्तक आदि)।
आलोड़न (सं.) [सं-पु.] 1. मंथन; मर्दन 2. मन में उठने वाली उहापोह की स्थिति 3. क्षोभ 4. द्वंद्व।
आलोड़ित (सं.) [वि.] 1. हिलाया-डुलाया हुआ; हिलोरा हुआ 2. मथा हुआ; मथित 3. सुविचारित।
आल्हा [सं-पु.] 1. महोबा (बुंदेलखंड) का एक लोक प्रसिद्ध वीर योद्धा 2. एक प्रकार का छंद जिसमें इकतीस मात्राएँ होती हैं 3. वीरता के आख्यान; लोकगीत 4. किसी घटना का सविस्तार अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन।
आवंटन (सं.) [सं-पु.] 1. बाँटना; वितरण करना; हिस्से लगाना 2. देना; सौंपना 3. सरकारी तौर पर कोई संपत्ति या काम किसी के नाम करना; अधिकृत करना; (अलाटमेंट)।
आवंटित (सं.) [वि.] 1. आवंटन किया हुआ 2. सौंपा हुआ 3. वितरित या बाँटा हुआ।

आव [परप्रत्य.] क्रिया की धातुओं में लगकर स्थिति, भाव आदि का अर्थ सूचित करने वाला प्रत्यय, जैसे- चढ़ने से चढ़ाव; बढ़ने से बढ़ाव आदि।
आवक [सं-पु.] किसी वस्तु या माल का आना, आ जाना; आमद; पहुँच।
आवक्ष (सं.) [वि.] छाती तक; वक्ष पर्यंत।
आवज (सं.) [सं-पु.] ताशा नाम का वाद्य।
आवधिक (सं.) [वि.] 1. अवधि संबंधी; अवधि का 2. हर अवधि में होने वाला।
आवभगत [सं-स्त्री.] स्वागत-सत्कार; आदर-सत्कार; ख़ातिरदारी।
आवयविक (सं.) [वि.] अवयव का; अवयव संबंधी।
आवरण (सं.) [सं-पु.] 1. परदा 2. ढक्कन; जिल्द 3. घेरा 4. किसी वस्तु को ढकने का कपड़ा।
आवरण-पृष्ठ (सं.) [सं-पु.] पुस्तक, पत्र या पत्रिका का प्रथम पृष्ठ जिसपर उसका और लेखक का नाम लिखा रहता है; (टाइटिल)।
आवर्जक (सं.) [वि.] 1. आकृष्ट करने वाला 2. ख़ुश या तुष्ट करने वाला 3. पराभूत करने वाला 4. हथियाने वाला; हस्तगत करने वाला।
आवर्जन (सं.) [सं-पु.] 1. आकृष्ट करना 2. अपने अधिकार में लेना; हस्तगत करना 3. खींचना 4. पराभूत करना 5. तुष्ट करना; तुष्टीकरण।
आवर्त (सं.) [सं-पु.] 1. घुमाव; भँवर 2. चारों तरफ़ चक्कर लगाने की क्रिया 3. विचारों का मन में रह-रह कर आना 4. घनी आबादी 5. चिंता 6. संशय 7. लाजबर्द 8. धातु का पिघलना।

आवर्तक (सं.) [वि.] 1. चक्कर खाने वाला 2. रह-रह कर मन में उठने वाला 3. निश्चित अवधि में बार-बार घटित होने वाला। [सं-पु.] बादल का एक प्रकार।
आवर्तन (सं.) [सं-पु.] 1. घुमाव 2. घूर्णन; चारों ओर फेरा या चक्कर लगाना 3. किसी कार्य का बार-बार होना 4. मंथन; आलोड़न।
आवर्ती (सं.) [वि.] घूमने वाला; बार-बार होने वाला; चक्कर खाने वाला।
आवर्धक (सं.) [वि.] पदार्थ के आकार, मान, शक्ति आदि को बढ़ाने वाला।
आवर्धन (सं.) [सं-पु.] पदार्थ के आकार, मान, शक्ति आदि को बढ़ाने की क्रिया।
आवलि (सं.) [सं-स्त्री.] दे. अवलि।
आवश्यक (सं.) [वि.] ज़रूरी; अनिवार्य।
आवश्यकता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. ज़रूरत 2. अनिवार्यता।

आवह (सं.) [सं-पु.] वायु के सात स्कंधों में पहला जिससे ओले, बिजली आदि की उत्पत्ति मानी जाती है। [वि.] 1. वहन करने वाला 2. उत्पन्न करने वाला, जैसे- भयावह 3. उत्पादक 4. राह दिखाने वाला 5. लाने वाला।