ऐडवोकेट जनरल (इं.) [सं-पु.] महाधिवक्ता; उच्च न्यायालय में सरकारी पक्ष की वकालत करने वाला कानूनविद या अधिवक्ता।
ऐडवोकेसी जर्नलिज़म (इं.) [सं-पु.] पक्षधर पत्रकारिता।
ऐडहाक (इं.) [वि.] तदर्थ; किसी विशेष कार्य के लिए की गई सामयिक व्यवस्था।
ऐडिशनल (इं.) [ वि.] अतिरिक्त; अपर।
ऐतबार (अ.) [सं-पु.] विश्वास; भरोसा।
ऐतरेय (सं.) [सं-पु.] 1. इतर ऋषि के वंशज 2. ऋग्वेद का एक ब्राह्मण (ऐतरेय ब्राह्मण) तथा आरण्यक (ऐतरेय आरण्यक) ग्रंथ 3. ऐतरेय द्वारा रचे गए ब्राह्मण ग्रंथ या उपनिषद।
ऐतिहासिक (सं.) [वि.] 1. इतिहास में उल्लिखित 2. इतिहास संबंधी 3. {ला-अ.} कोई बहुत महत्वपूर्ण तथा स्मरणीय घटना, जैसे- विश्व कप क्रिकेट में भारत की ऐतिहासिक जीत।
ऐतिहासिकतावाद (सं.) [सं-पु.] 1. इतिहास से संबंधित एक सिद्धांत जो केवल इतिहास सिद्ध बातों में विश्वास करता है, अनुमान या संभावनाओं में नहीं।
ऐतिहासिक समाजशास्त्र (सं.) [सं-पु.] समाज की सभ्यता तथा उसमें होने वाले परिवर्तन और विकास का विश्लेषण करने वाला विज्ञान।
ऐतिह्य (सं.) [वि.] अनुश्रुत; परंपरा से प्राप्त प्रमाण या उपदेश।
ऐन1 (सं.) [सं-पु.] 1. अयन; चाल; गति 2. रास्ता; मार्ग 3. स्थान; घर; निवास।
ऐन2 (अ.) [सं-पु.] 1. स्रोत; पानी का चश्मा या सोता 2. यथार्थ; वास्तविक; वाकई 3. नेत्र; नयन; आँख। [वि.] 1. जैसा होना चाहिए, ठीक वैसा ही 2. बिल्कुल नियत; सटीक, जैसे- ऐन उसी वक्त पर पुलिस आ गई।
ऐन-इनायत (अ.) [सं-स्त्री.] परम अनुग्रह; सच्ची कृपा; उपकार।
ऐनक (अ.) [सं-स्त्री.] आँखों पर लगाने का चश्मा; स्पष्ट देखने (दृष्टि-दोष में) तथा नेत्र की सुरक्षा हेतु आँखों पर पहना जाने वाला उपकरण।
ऐनकसाज़ (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] चश्मा निर्माता; चश्मा बनाने वाला व्यक्ति।
ऐनिवंश (सं.) [सं-पु.] सूर्यवंश।
ऐपन (सं.) [सं-पु.] 1. चावल तथा हल्दी को एक साथ पीस कर बनाया गया लेप जो पूजा आदि मांगलिक कार्यो में प्रयुक्त पात्रों कलश आदि पर थापा या लगाया जाता है 2. शुभ अवसरों पर पिसे चावल के घोल से फ़र्श और दीवारों पर किया जाने वाला मंगल चिह्नों का अंकन।
ऐपरेटस (इं.) [सं-पु.] 1. औज़ार 2. साधन; उपकरण 3. प्रयोगशाला में काम आने वाले यंत्र।
ऐप्लीकेशन (इं.) [सं-पु.] आवेदन; अर्जी; प्रार्थनापत्र।
ऐप्लीकेशन-फ़ार्म (इं.) [सं-पु.] आवेदनपत्र; दरख़वास्त; प्रार्थनापत्र।
ऐफ़िडेविट (इं.). [सं-पु.] शपथ-पत्र; हलफ़नामा।
ऐब (अ.) [सं-पु.] 1. दुर्गुण; खोट; दोष; बुराई 2. कसर त्रुटि; भूल। [मु.] -निकालना : दोष बताना।
ऐबगो (अ.+फ़ा.) [वि.] दूसरों में ऐब या दोष बताने या निकालने वाला; दूसरों की निंदा या नुक्ताचीनी करने वाला।
ऐबदार (अ.+फ़ा.) [वि.] 1. जिस व्यक्ति या वस्तु में कोई दोष या ऐब हो; दोषयुक्त 2. दूषित; ख़राब।
ऐबसर्ड (इं.) [सं-पु.] 1. निरर्थक; अर्थहीन; तर्कहीन 2. हास्यास्पद।
ऐबी (अ.) [वि.] 1. एब युक्त 2. जिसके शरीर में दोष हो; विकलांग 3. नटखट; शरारती 4. अधम; दुष्ट।
ऐमेच्योर (इं.) [सं-पु.] गैर व्यवसायिक दृष्टि से केवल शौक की ख़ातिर किसी कला का अभ्यास करने वाला; शौकिया कलाकार; वह व्यक्ति जो जीविका के लिए कला का अभ्यास न करता हो।
ऐया (सं.) [सं-स्त्री.] 1. आर्या (शब्द) का विकृत स्वरूप; बूढ़ी दादी आदि के लिए प्रयुक्त पारंपरिक लोकभाषागत संबोधन; दादी 2. माँ। [परप्रत्य.] एक प्रत्यय जो क्रिया में लग कर उसके कर्ता का भाव प्रकट करता है, जैसे- नाचना से नचवैया।
ऐयार (अ.) [सं-पु.] 1. धूर्त; चालाक; छली 2. ऐसा चतुर व्यक्ति जो वेष बदलकर कठिन से कठिन काम भी पूरा कर सकता हो; पुराने ज़माने का जासूस; अय्यार।
ऐयारी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. धूर्तता; चालाकी 2. वेश बदलकर काम निकालना; जासूसी करना; अय्यारी।
ऐयाश (अ.) [सं-पु.] भोगविलास में रत व्यक्ति; कामुक; विषयी; व्यभिचारी।
ऐयाशी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. विलासिता; भोग-विलास 2. कामुकता; लंपटता; विषयासक्ति।
ऐरा-गैरा (अ.) [वि.] 1. तुच्छ और अपरिचित 2. जिससे किसी प्रकार का मेल-जोल या परिचय न हो 3. सामान्य; उपेक्षणीय।
ऐरापति (सं.) [सं-पु.] इंद्र का हाथी ऐरावत।
ऐराब (अ.) [सं-पु.] अरबी-फारसी लिखावट में जेर, जबर और पेश (अ, इ, उ) की मात्राओं के चिह्न।