Hin Dict_Aa12 - हिंदी शब्दकोश - आ12

आत्मा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक ऐसा अविनाशी अतींद्रिय तत्व जिससे शरीर प्राणयुक्त रहता है; चेतन तत्व; जीव 2. सार तत्व; (स्पिरिट) 3. मन।
आत्मानंद (सं.) [सं-पु.] आध्यात्मिक चिंतन और साधना से मिलने वाला आंतरिक सुख; ब्रह्मानंद।
आत्मानुभव (सं.) [सं-पु.] 1. आत्मा का अनुभव; आत्मानुभूति 2. आत्मबोध; आत्मज्ञान।
आत्मानुशासन (सं.) [सं-पु.] 1. व्यक्ति का सामाजिक मानकों को ध्यान में रखकर किया गया नियंत्रित व्यवहार 2. अपनी इच्छाओं और व्यवहार पर नियंत्रण करना; आत्मनियंत्रण।
आत्मान्वेषण (सं.) [सं-पु.] अपने आप को जानना; आत्मनिरीक्षण; आत्मालोचन।
आत्माभिमान (सं.) [सं-पु.] स्वयं पर गर्व करना; स्वाभिमान; आत्मगौरव।
आत्माभिव्यंजन (सं.) [सं-पु.] 1. अपने विचारों को अभिव्यक्त करना; मन की बात या अनुभव को प्रकट करना 2. आत्माभिव्यक्ति।
आत्माभिव्यक्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. आत्म या स्वयं की अभिव्यक्ति; स्वस्थापन 2. स्वगत कथन।
आत्माराम (सं.) [सं-पु.] स्वयं में रमण करने वाला; आत्मलीन।
आत्मार्पण (सं.) [सं-पु.] आत्मनिवेदन; आत्मसमर्पण।
आत्मालोचना (सं.) [सं-स्त्री.] स्वयं की आलोचना।
आत्मावलंबी (सं.) [वि.] अपने ऊपर निर्भर रहने वाला; आत्मनिर्भर।
आत्माहुति (सं.) [सं-स्त्री.] किसी महान उद्देश्य के लिए अपने प्राण दे देना; आत्मबलि।
आत्मिक (सं.) [वि.] आत्मा का; आत्मा से संबंधित; आत्मीय।
आत्मीकरण (सं.) [सं-पु.] 1. आत्मसात कर लेने की क्रिया या भाव 2. अपना अंग बना लेना।

आत्मीय (सं.) [सं-पु.] स्वजन; घनिष्ठ। [वि.] स्वयं से संबंधित; स्वयं का।
आत्मीयता (सं.) [सं-स्त्री.] अपनापन; घनिष्ठता; मैत्री।
आत्मीयतापूर्ण (सं.) [वि.] 1. अपनापे से भरा हुआ 2. स्नेहिल; सौहार्दपूर्ण।
आत्मोत्कर्ष (सं.) [सं-पु.] 1. आत्मोन्नति; आत्मोत्थान 2. आत्मसंस्कार।
आत्मोत्सर्ग (सं.) [सं-पु.] 1. किसी महान उद्देश्य के लिए अपने प्राणों का त्याग करना; आत्मबलिदान 2. पर-हित के लिए अपने हितों की कुर्बानी।
आत्मोद्धार (सं.) [सं-पु.] 1. स्वयं किया जाने वाला अपना उद्धार 2. किसी संकट से ख़ुद को उबारना 3. आत्मकल्याण 4. संसार के बंधनों से अपनी आत्मा को मुक्त करके मोक्ष का अधिकारी बनाना।
आत्मोन्नति (सं.) [सं-स्त्री.] आत्म की उन्नति; ख़ुद का विकास।
आत्मोपम (सं.) [वि.] अपने समान; अपनी तरह का; अपने जैसा।
आत्मौचित्य (सं.) [सं-पु.] स्वयं के उचित होने का भाव; स्वयं की उपयोगिता सिद्ध करना।
आत्यंतिक (सं.) [वि.] अत्यधिक; बेहद; असीम।
आत्रेय (सं.) [सं-पु.] 1. अत्रि के पुत्र दत्त, दुर्वासा और चंद्रमा 2. अत्रि का वंशज। [वि.] 1. अत्रि गोत्रवाला 2. अत्रि संबंधी।
आत्रेयी (सं.) [वि.] 1. अत्रि ऋषि की पत्नी 2. अत्रि-गोत्र की स्त्री 3. रजस्वला स्त्री।
आथर्वणिक (सं.) [वि.] 1. अथर्ववेद से संबंध रखने वाला 2. अथर्वण ऋषि से संबंधित। [सं-पु.] अथर्ववेद का ज्ञाता ब्राह्मण।
आदत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. लत 2. स्वभाव; प्रकृति 3. अभ्यास।
आदतन (अ.) [क्रि.वि.] 1. आदत के चलते; आदत के कारण; आदतवश; लत के कारण; स्वभाव (प्रकृति) के अनुसार 2. स्वभावतः।
आदतवश (अ.+सं.) [क्रि.वि.] 1. स्वभाववश; अभ्यासवश 2. किसी कार्य को बार-बार करते रहने के कारण कार्य का आदत बन जाना।
आदम (अ.) [सं-पु.] यहूदी, इस्लाम आदि धर्मों के अनुसार ईश्वर सृष्टि का प्रथम मनुष्य; आदिमानव; आदम की संतान।
आदमकद (अ.) [वि.] आदमी के कद के बराबर; आदमी के आकार का।
आदमख़ोर (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] वह जो मनुष्यों को खाता है; मनुष्यभक्षी; नरभक्षी; मानुषाशी।
आदमज़ाद (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. आदम से उत्पन्न; आदम की संतान; आदमी; मनुष्य 2. मानवजाति।
आदमियत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मनुष्यता; इंसानियत 2. सज्जनता; भलमनसी 3. शिष्टता; सभ्यता।

आदमी (अ.) [सं-पु.] 1. मनुष्य; मानव 2. कर्मी 3. लोग; व्यक्ति 4. पति; शौहर 5. आदम की संतान।