Hin Dict_E4 - हिंदी शब्दकोश - ए4

एकाग्र (सं.) [सं-पु.] योगशास्त्र के अनुसार पाँच चित्तवृत्तियों में एक चित्तवृत्ति, जिसमें चित्त निरंतर किसी एक ही विषय या वस्तु में लगा रहता है। [वि.] किसी एक ही विषय या वस्तु पर दत्तचित्त होकर ध्यान करने वाला; अचंचल।
एकाग्रचित्त (सं.) [वि.] जो पूरी लगन से एक ही कार्य में संलग्न हो; स्थिरचित्त; जिसका ध्यान इधर-उधर नहीं भटकता।
एकाग्रता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. चित्त के एकाग्र होने का भाव 2. (योगशास्त्र) चित्त की वह अवस्था जिसमें चित्त की चंचलता समाप्त हो जाती है; स्थिरचित्तता।
एकात्म (सं.) [वि.] 1. अभिन्न; एकप्राण; जो आत्मा की दृष्टि से किसी से मिलकर एक हो गया हो 2. वह जीवात्मा जो ब्रह्म से मिलकर एकाकार हो गई हो।
एकात्मवाद (सं.) [सं-पु.] जीव तथा ब्रह्म की एकता का सिद्धांत; अद्वैतवाद; यह मत कि अनेक आत्माएँ उस एक परमात्मा या ब्रह्म की ही अभिव्यक्तियाँ हैं।
एकादश (सं.) [वि.] 1. ग्यारह 2. दस से एक अधिक की संख्या। [सं-पु.] क्रिकेट, फुटबॉल या हॉकी आदि खेलों में दल के ग्यारह खिलाड़ियों का समूह।

एकादशाह (सं.) [सं-पु.] हिंदू धर्म विधियों में किसी की मृत्यु के बाद ग्यारहवें दिन किया जाने वाला कृत्य या कर्मकांड।
एकादशी (सं.) [सं-स्त्री.] चंद्र मास की ग्यारहवीं तिथि; पूर्णिमा या अमावस्या के बाद ग्यारहवीं तिथि 2. इस तिथि को रखा जाने वाला व्रत।
एकादिक्रम (सं.) [वि.] 1. वह क्रम जो एक की संख्या से आरंभ हुआ हो, जैसे- एक, दो, तीन, चार आदि 2. अनुक्रम।
एकाध (सं.) [वि.] एक या दो; इक्कादुक्का; गिनती में बहुत ही कम।
एकाधिक (सं.) [वि.] एक से अधिक; अनेक।
एकाधिकार (सं.) [सं-पु.] वह व्यवस्था जिसमें किसी वस्तु, क्षेत्र या व्यापार पर किसी निश्चित व्यक्ति या संस्था का पूर्ण नियंत्रण हो। एकाधिपत्य; (मॉनोपॉली)।
एकाधिकृत (सं.) [वि.] एकाधिकार प्राप्त।
एकाधिप (सं.) [सं-पु.] 1. एक मात्र स्वामी; अधिपत्य वाला अकेला व्यक्ति 2. सारे देश पर एकछत्र राज्य करने वाला; शासक।
एकाधिपति (सं.) [सं-पु.] एकाधिप।
एकाधिपत्य (सं.) [सं-पु.] किसी देश, क्षेत्र या संस्थान पर केवल एक व्यक्ति या संस्था का संपूर्ण स्वामित्व; एकाधिकार।
एकायन (सं.) [सं-पु.] 1. केवल एक व्यक्ति के चलने योग्य अयन या मार्ग; पगडंडी 2. एक ही मार्ग 3. वह मार्ग जिसपर केवल एक ही व्यक्ति चल सके 4. वह एकमात्र मार्ग जिसके सिवा अन्य कोई रस्ता न हो।

एकार्थक (सं.) [वि.] 1. एक ही अर्थ वाला 2. दो या दो से अधिक शब्द जिनका अर्थ एक ही हो, जैसे- जलज और नीरज एकार्थक शब्द हैं।
एकालाप (सं.) [सं-पु.] किसी एक व्यक्ति या नाटक के पात्र का अकेले ही बोलते जाना; जहाँ एक से अधिक लोगों का परस्पर संवाद न हो; नाटक का वह रूप जहाँ केवल एक ही व्यक्ति के कथन या स्वागत भाषण के माध्यम से पूरी कथा या स्थिति उद्घाटित होती है; (मॉनॉलॉग)।
एकावलि (सं.) [सं-स्त्री.] दे. एकावली।
एकावली (सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक ही लड़ की मोतियों की माला या हार 2. अर्थालंकार का एक भेद।
एकाशन (सं.) [सं-पु.] 1. थाली में एक बार परोसा गया भोजन ही खाने का नियम 2. एक व्रत जिसमें दिन में केवल एक बार भोजन किया जाता है।
एकाश्रित (सं.) [वि.] 1. जो किसी एक पर ही आश्रित हो 2. जो किसी एक आराध्य पर भरोसा करके केवल उसी का आश्रय ले; अनन्यगतिक; जो किसी अन्य के पास आश्रय माँगने न जाए।
एकाह (सं.) [वि.] 1. एक दिन का समय 2. एक ही दिन में पूरा होने वाला (धार्मिक कृत्), जैसे- रामायण का एकाह पाठ 3. एक दिन में पूर्ण होने वाला (यज्ञ) 4. एक ही दिन जीने वाला (कीट)।
एकाहार (सं.) [सं-पु.] 1. एक ही चीज़ खाकर रहने का व्रत या प्रतिज्ञा 2. दिन या रात में एक ही बार भोजन करने का व्रत या नियम।
एकीकरण (सं.) [सं-पु.] 1. दो या दो से अधिक संस्थाओं, प्रतिष्ठानों या वस्तुओं को मिलाकर एक करने की प्रक्रिया या भाव; (अमैल्गमेशन) 2. दो या दो से अधिक व्यक्तियों या दलों आदि में मतैक्य स्थापित करने की क्रिया; (युनिफ़िकेशन)।

एकीकृत (सं.) [वि.] जिन दो या अधिक वस्तुओं, संस्थाओं आदि का एकीकरण हो चुका हो; मिलाकर एक किया हुआ।
एकीकृत परिपथ (सं.) [सं-पु.] 1. कंप्यूटर के मदरबोर्ड में प्रयोग होने वाला माइक्रोचिप जो इलेक्ट्रॉनिक सरकिट का काम करता है; संबद्ध परिपथ 2. एक ही चिप या अर्धचालक में समाहित कंप्यूटर सरकिट; (इंटिग्रेटिड सरकिट)।
एकीभूत (सं.) [वि.] जिसका एकीकरण हो गया हो; जो मिलकर एक हो गया हो; एकीकृत।
एकेंद्रिय (सं.) [सं-पु.] जो इंद्रियों को सभी प्रकार की बातों से हटा कर केवल मन की ओर प्रेरित करता है। [वि.] एक इंद्रियवाला (प्राणी); केंचुआ; जोंक।
एकेश्वरवाद (सं.) [सं-पु.] वह मत जो बहुदेववाद के विरुद्ध केवल एक ईश्वर को जगत का नियंता मानता है।
एकेश्वरवादी (सं.) [सं-पु.] एकेश्वरवाद का सिद्धांत मानने वाला व्यक्ति। [वि.] 1. एकेश्वरवाद संबंधी 2. जिस का विश्वास एकेश्वरवाद में हो।
एकैक [वि.] एक के बाद एक; प्रत्येक; हरेक।

एकोन्मुख (सं.) [वि.] जो किसी एक की ही ओर उन्मुख रहता हो; किसी एक के ही प्रति झुकाव रखने वाला।