Hin Dict_K11 - हिंदी शब्दकोश - क11

कजला [सं-पु.] 1. काजल 2. काले रंग का पक्षी; मटिया 3. खरबूजे की एक जाति 4. वह बैल जिसकी आँखों पर काला घेरा हो। [वि.] 1. जिसकी आँखों में काजल लगा हो 2. काली आँखोंवाला।
कजलाना [क्रि-अ.] 1. काला पड़ना या होना; स्याह होना 2. आग या अंगारों का बुझना या झँवाना। [क्रि-स.] 1. काजल लगाना 2. काला करना।
कजली [सं-स्त्री.] 1. दीपक जलाकर उसके ऊपर किसी पात्र आदि में जमाई गई कालिख जो काजल बनाने के काम आती है 2. काजल के रंग की आँखों वाली गाय 3. ऐसी भेड़ जिसकी आँखों के चारों ओर काले बालों का घेरा होता है 4. हिंदी प्रदेशों खासकर उत्तर प्रदेश या बिहार में चौमासे या वर्षा ऋतु में गाया जाने वाला एक लोकगीत 5. भादों कृष्णपक्ष की तीज को मनाया जाने वाला एक त्योहार 6. जौ के नए हरे अंकुर जो उक्त त्योहार पर स्त्रियाँ सखियों तथा रिश्तेदारों में बाँटती हैं।
कजली तीज [सं-स्त्री.] भादों कृष्णपक्ष की तीज को होने वाला सुहागन स्त्रियों का त्योहार जिसमें रात में नाच-गाना होता है।
कजलौटा [सं-पु.] दे. कजरौटा।
कज़ा (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मृत्यु; मौत 2. न्याय; इनसाफ़ 3. आदेश 4. नियति; भाग्य 5. जो इबादत अपने ठीक समय पर अदा न की गई हो।
कज़ाक (तु.) [सं-पु.] दे. कज्ज़ाक।
कजावा (फ़ा.) [सं-पु.] ऊँट की पीठ पर रखी जाने वाली काठी जो बैठने अथवा सामान लादने के उपयोग में लाई जाती है; ऊँट का हौदा जिसमें दोनों ओर आदमी बैठते हैं।

कज़िन (इं.) [सं-पु.] 1. चचेरा भाई या बहन 2. फुफेरा भाई या बहन 3. ममेरा भाई या बहन 4. मौसेरा भाई या बहन। विशेष- भारतीय परिप्रेक्ष्य में 'कज़िन' शब्द अकेला पर्याप्त नहीं समझा जाता, अतः कज़िन ब्रदर, कज़िन सिस्टर शब्द प्रचलन में हैं।
कज़िया (अ.) [सं-पु.] विवाद; झगड़ा; लड़ाई; बखेड़ा।
कजी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. तिरछापन; टेढ़ेपन का भाव 2. त्रुटि; कमी 3. ऐब; दोष।
कज्जल (सं.) [सं-पु.] 1. काजल; सुरमा 2. दीये की कालिख 3. बादल 4. (काव्यशास्त्र) चौदह मात्राओं का एक छंद जिसके अंत में एक गुरु और एक लघु होता है।
कज्जल ध्वज (सं.) [सं-पु.] दीया; चिराग; दीपक।
कज्जल रोचक (सं.) [सं-पु.] दीपक रखने का आधार; दीवट।
कज्जलित (सं.) [वि.] 1. काजल या कज्जल से युक्त; आँजा हुआ 2. काला; कालिख पुता हुआ।
कज्जली (सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक तरह की मछली 2. पारे और गंधक के योग से बना पदार्थ 3. रोशनाई; स्याही।
कज्ज़ाक (तु.) [सं-पु.] 1. कज़ाकिस्तान की एक तुर्क जाति 2. उक्त जाति का व्यक्ति 3. {ला-अ.} लूटमार करने वाला; डाकू; लुटेरा।
कज्ज़ाकी (तु.) [सं-स्त्री.] 1. राहजनी 2. छल-कपट; धोखेबाज़ी। [वि.] 1. कज्ज़ाक का; कज्ज़ाक से संबंधित 2. लुटेरों जैसा।
कटंब (सं.) [सं-पु.] 1. संगीत का एक वाद्य 2. तीर; बाण।
कटंभर (सं.) [सं-पु.] कटभी पेड़।

कटंभरा (सं.) [सं-स्त्री.] रोहिणी, मूर्वा और नागबला आदि वनस्पतियाँ।
कट1 (सं.) [सं-पु.] 1. हाथी का गंडस्थल 2. श्रोणी; कमर; कटिप्रदेश 3. नरकट, सरकंडा आदि वनस्पति एवं उनसे निर्मित चटाई। [वि.] उग्र; उत्कट। [परप्रत्य.] काटने वाला, जैसे- गिरहकट।
कट2 (इं.) [सं-पु.] 1. किसी चीज़ को दो भागों में बाँटने या काटने की क्रिया, ढंग या भाव; काट, जैसे- कुरते का कट 2. कटौती करना; कम करना; घटाना 3. रोकना (फ़िल्म निर्माण में)।
कट आउट (इं.) [सं-पु.] 1. किसी चीज़ से उसका कुछ अंश काट देना; हटाना 2. किसी प्रसिद्ध व्यक्ति की प्रचार इत्यादि कार्य के लिए लकड़ी या कार्ड बोर्ड से बनाई गई आदमकद या बहुत बड़ी तस्वीर।
कटक (सं.) [सं-पु.] 1. राजा का शिविर; सैनिक छावनी; फ़ौज 2. स्वर्ण; सोने का कड़ा 3. पहाड़ का मध्य भाग 4. समुद्री नमक 5. ओडिशा राज्य का एक शहर 6. शृंखला; ज़ंजीर 7. पैर का कड़ा 8. गाड़ी का पहिया 9. चटाई 10. कंकड़ 11. हाथी के दाँत पर लगाया जाने वाला छल्ला।
कटकई [सं-स्त्री.] 1. फ़ौज; सेना 2. सेना का अभियान; दलबल के साथ चलने की तैयारी।
कट-कट [सं-स्त्री.] 1. सरदी या डर या किसी अन्य कारण से दाँतों के आपस में बजने से उत्पन्न शब्द 2. दो पक्षों में होने वाली लड़ाई या तू-तू मैं-मैं; मनमुटाव; अनबन।
कटकटाना [क्रि-अ.] क्रोध में दाँतों का भींचना या पीसना; दाँत पीसते हुए कटकट की आवाज़ करना।
कटकटिया [वि.] 1. लड़ाई-झगड़ा करने वाला 2. 'कट-कट' आवाज़ करने वाला। [सं-स्त्री.] बुलबुल विशेष।
कटकीना [सं-पु.] चालाकी से युक्त कोई तरकीब; हथकंडा।

कटखना [वि.] 1. काट खाने वाला; अक्सर काटने वाला, जैसे- कोई कुत्ता, मुरगा आदि 2. उग्र; चिड़चिड़ा; क्रोधी 3. {ला-अ.} खीजा हुआ; बात-बात पर भड़क उठने वाला।