Hin Dict_K14 - हिंदी शब्दकोश - क14

कटोरी [सं-स्त्री.] 1. खुले मुँह और चौड़ी पेंदी का एक छोटा बरतन; छोटा कटोरा 2. ब्लाउज़ का वह भाग जिसमें स्तन रहते हैं 3. (वनस्पति विज्ञान) हरी पत्तियों का कटोरी के आकार का वह भाग जिसमें फूलों के दल या पत्तियाँ निकलती रहती हैं 4. तलवार, कटार आदि की मूठ का ऊपर का गोल भाग 5. घुटने के जोड़ पर ऊपर की गोल चपटी हड्डी।
कटौती [सं-स्त्री.] 1. काटे जाने या कटने की क्रिया या भाव 2. किसी धनराशि, वेतन आदि में से किसी कारणवश कुछ अंश कम करना 3. उक्त प्रकार से काटा गया धन 4. घटोत्तरी; कमी।
कट्टर [वि.] अपने मत या विश्वास पर दृढ़ रहने वाला और उसके विरुद्ध कोई बात न सुनने वाला; दुराग्रही, रूढ़िवादी; मतांध; अनुदार विचारवाला।
कट्टरपंथी [वि.] जो किसी मत या विचारधारा के प्रति बहुत अधिक आग्रही हो; जो किसी तर्क को स्वीकार न करते हुए अपने ही पंथ को श्रेष्ठ मानने की हठधर्मिता पालता हो।
कट्टरपन [सं-स्त्री.] कट्टर होने की अवस्था या भाव; असहिष्णुता; हठधर्मिता, मतांधता।
कट्टा [सं-पु.] 1. छोटी देसी पिस्तौल; तमंचा 2. अनाज की छोटी बोरी। [वि.] 1. बलवान; बलिष्ठ; बली 2. मोटा-ताज़ा (हट्टा के साथ प्रयुक्त, जैसे- हट्टा-कट्टा)।
कट्ठा [सं-पु.] 1. खेत या ज़मीन नापने हेतु एक इकाई जिसकी लंबाई और चौड़ाई पाँच हाथ चार अंगुल की होती है 2. धातु गलाने की भट्ठी; दबका 3. अन्न कूटने का एक बरतन जिसमें पाँच सेर अन्न आता है 4. एक पेड़ जिसकी लकड़ी बहुत कड़ी होती है 5. लाल रंग का गेहूँ जो मध्यम श्रेणी का माना जाता है।

कठंगर [वि.] 1. काठ की तरह मोटा और कड़ा 2. {ला-अ.} मज़बूत, दृढ़ अंगोंवाला।
कठ (सं.) [सं-पु.] 1. एक ऋषि 2. एक यजुर्वेदीय उपनिषद जिसमें यम और नचिकेता के संवाद हैं 3. कृष्ण यजुर्वेद की एक शाखा 4. कठ का अनुगामी और शिष्य वर्ग 5. काठ; लकड़ी 6. एक पुराना बाजा जो काठ का बना होता है।
कठगुलाब [सं-पु.] एक प्रकार का जंगली गुलाब जिसके फूल छोटे-छोटे होते हैं।
कठघरा [सं-पु.] 1. काठ का जँगलेदार घेरा; कटहरा; (बैरियर) 2. जंगली पशुओं या कैदियों को रखने के लिए बनाया गया लकड़ी या लोहे का बना हुआ मज़बूत पिंजड़ा 3. न्यायालय में बना हुआ काठ का वह घेरा जिसमें वादी, प्रतिवादी, अपराधी या कैदी को खड़ा किया जाता है।
कठजीवी (सं.) [वि.] काठ की तरह शुष्क हृदयवाला; निष्ठुर; निर्मम।
कठपुतला [सं-पु.] 1. काठ का पुतला 2. {ला-अ.} ऐसा व्यक्ति जो दूसरों के निर्देश पर चलता हो।
कठपुतली [सं-स्त्री.] 1. काठ की पुतली या गुड़िया जो डोरे या तार की सहायता से नचाई जाती है; (पपेट) 2. {ला-अ.} ऐसा व्यक्ति जो दूसरे के इशारे पर नाचता हो; जिसे अपनी कोई सूझ-बूझ न हो।
कठफोड़वा [सं-पु.] मैना के आकार की एक छोटी चिड़िया; ख़ाकी रंग की चिड़िया जिसकी चोंच नुकीली और लंबी होती है।
कठफोड़ा [सं-पु.] दे. कठफोड़वा।
कठमलिया [सं-पु.] कंठी पहनने का दिखावा करने वाला साधु; बनावटी या ढोंगी साधु। [वि.] कंठी (काठ की माला) धारण करने वाला।

कठमस्त [वि.] 1. वह व्यक्ति जो आस-पास की बातों के प्रति उदासीन रहता है 2. मस्तमौला; संडमुसंड 3. बलिष्ठ।
कठमुल्ला [सं-पु.] 1. वह मुल्ला या मौलवी जो काठ के मनकों की माला फेरता हो 2. दुराग्रही व्यक्ति 3. {ला-अ.} मूर्ख, अनपढ़ और कट्टर मुल्ला या मौलवी। [वि.] 1. मूर्ख 2. अल्पज्ञ 3. रूढ़िवादी; अंधविश्वासी।
कठमुल्लापन [सं-पु.] 1. रूढ़िवाद; कट्टरपन 2. अंधविश्वास; दुराग्रह।
कठरा [सं-पु.] 1. चौड़े मुँह तथा ऊँची दीवार वाला काठ का बना एक बड़ा पात्र; कठौता 2. काठ का संदूक।
कठरी [सं-स्त्री.] छोटे आकार का कठरा।
कठरेती [सं-स्त्री.] काठ या लकड़ी रेतने का औज़ार।
कठला (सं.) [सं-पु.] 1. सोने-चाँदी के बूँदे या मनके जड़ा हुआ गले में पहनने का आभूषण 2. बच्चों की वह माला जिसमें चाँदी की चौकियाँ, छोटा-सा बघनखा (बाघ के नख), बजरबट्टू (एक पेड़ के फल का काला गोल बीज) और तावीज़ आदि पिरो दिए जाते हैं।
कठवाना [क्रि-अ.] शरीर के किसी अंग का शीत आदि से कड़ा, संवेदनहीन या सुन्न हो जाना।
कठारी [सं-स्त्री.] काठ या लकड़ी का बरतन; कमंडल।
कठिका [सं-स्त्री.] सफ़ेद खड़िया; एक प्रकार का चूना पत्थर जो लिखने और सफ़ेदी के काम आता है; खड़िका।
कठिन (सं.) [वि.] दुरूह; मुश्किल; जटिल; विकट; क्लिष्ट; चुनौतीपूर्ण; जोखिम से भरा हुआ; पेचीदा; अबोधगम्य।
कठिना (सं.) [सं-स्त्री.] 1. चीनी से बनाई गई मिठाई 2. भोजन पकाने का मिट्टी का बरतन।

कठिनाई (सं.) [सं-स्त्री.] कठिन होने का भाव; जटिलता; झंझट; दिक्कत; संकट; परेशानी; बाधा।