Hin Dict_K15 - हिंदी शब्दकोश - क15

कठिनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. छिगुनी; हाथ की सबसे छोटी उँगली; कानी उँगली 2. खड़िया मिट्टी।
कठिया [सं-पु.] लाल रंग का गेहूँ। [सं-स्त्री.] भाँग की एक किस्म। [वि.] काठा; कड़े छिलके वाली चीज़।
कठुआना [क्रि-अ.] 1. कड़ापन आना 2. सूखकर काठ जैसा कड़ा और संवेदनहीन हो जाना 3. क्षीण होना। [क्रि-स.] लकड़ी की तरह कड़ा करना।
कठूमर [सं-पु.] गूलर की जंगली प्रजाति।
कठेर [सं-पु.] निर्धन; रंक; मुफ़लिस। [वि.] संकटग्रस्त; पीड़ित; मुसीबत में फँसा हुआ।
कठेल [सं-पु.] 1. धुनियों की वह कमान जिसमें रुई आदि धुनते समय धुनकी को बाँधकर लटकाया जाता है; धुनकी 2. कसेरों अर्थात पीतल के बरतन बनाने वालों का एक उपकरण।
कठैला [सं-पु.] काठ का पात्र; कठौता।
कठोदर (सं.) [सं-पु.] पेट का कड़ा होकर फूल जाना; एक प्रकार का उदर रोग।
कठोपनिषद (सं.) [सं-पु.] आचार्य कठ द्वारा रचित कृष्ण यजुर्वेद शाखा का एक उपनिषद, दो अध्याय वाले इस उपनिषद के प्रथम अध्याय में प्रसिद्ध यम-नचिकेता संवाद मिलता है।
कठोर (सं.) [वि.] 1. कड़ा; ठोस; सख़्त 2. निष्ठुर; दयाहीन 3. जिसका अनुसरण या पालन करना कठिन हो, जैसे- कठोर नियम।
कठोर जल (सं.) [सं-पु.] (रसायन विज्ञान) ऐसा पानी जिसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन आदि यौगिकों की मात्रा साधारण पानी से अधिक होती है तथा जो साबुन के साथ कठिनाई से घुलता या झाग देता है।

कठोरता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कठोर होने का गुण, भाव या अवस्था 2. व्यवहार में सख़्ती; कड़ापन; कड़ाई।
कठोरतावाद (सं.) [सं-पु.] प्रोटेस्टैंट ईसाइयों का कठोर जीवन को श्रेष्ठ एवं आदर्श मानने का सिद्धांत; शुद्धाचारवाद; (प्युरिटैनिज़म)।
कठोरपन [सं-पु.] कठोरता; कड़ापन; निर्दयता।
कठौत [सं-स्त्री.] लकड़ी का कटोरे जैसा बड़ा और चौड़ा बरतन जिसमें खाने की चीज़ें रखी जाती हैं; कठरा; कठैला; कठौता; काष्ठपात्र; कूँड़ा।
कठौता [सं-पु.] लकड़ी का कटोरे जैसा कम गहरा एवं चौड़ा बरतन जिसमें खाने की चीज़ें रखी जाती हैं; कठैला; कठौत; काष्ठपात्र; कूँड़ा।
कठौती [सं-स्त्री.] लकड़ी का एक पात्र; कठैती; छोटा कठौता।
कडंगर [सं-पु.] 1. तिनका; तृण 2. मूँग आदि के थोड़े कड़े डंठल।
कडंगा [वि.] 1. मज़बूत अंगोंवाला; हट्टा-कट्टा 2. उद्दंड; अक्खड़ स्वभाव का।
कड़क [वि.] 1. कठोर; सख़्त 2. करारा, जैसे- कड़क पराँठा 3. तेज़, जैसे- कड़क चाय 4. {ला-अ.} रोबदार या सख़्त मिजाज़ (व्यक्ति)। [सं-स्त्री.] कड़-कड़ की ध्वनि; कड़कड़ाहट, जैसे- बिजली की कड़क। [सं-पु.] लड़ाई में दुश्मन को ललकारने वाला योद्धा।
कड़कड़ [सं-पु.] 1. कड़ी चीज़ के टूटने-फूटने या जलने आदि से उत्पन्न ध्वनि 2. दो वस्तुओं के टकराने से होने वाला शब्द 3. लकड़ी के चिटकने का शब्द 4. गरम तेल में पानी की बूँद गिरने पर उत्पन्न आवाज़।

कड़कड़ाना [क्रि-अ.] 1. किसी चीज़ का 'कड़-कड़' शब्द उत्पन्न करना, जैसे- बिजली का कड़कड़ाना 2. किसी वस्तु को इस प्रकार तोड़ना कि वह 'कड़-कड़' ध्वनि करने लगे 3. घी-तेल का बहुत अधिक गरम होने पर 'कड़-कड़' करना।
कड़कड़ाहट [सं-स्त्री.] कड़कड़ाने की क्रिया या भाव; कड़-कड़ की आवाज़।
कड़कदार [वि.] रोबदार; दमदार।
कड़कना [क्रि-अ.] 1. 'कड़-कड़' की ध्वनि होना 2. किसी चीज़ का चिटकना या टूटना-फूटना 3. बिजली कौंधने की ध्वनि होना 4. क्रोध में गरजकर बोलना; डाँटना 5. रेशमी वस्त्र का तह से फट जाना।
कड़कनाल [सं-स्त्री.] पुराने समय की चौड़े मुँह वाली वह तोप जो दागे जाने पर ज़ोर से आवाज़ करती थी।
कड़का [सं-पु.] वस्तुओं के आपस में टकराने या टूटने-फूटने से उत्पन्न तेज़ ध्वनि; कड़ाके की आवाज़।
कड़खा [सं-पु.] 1. युद्ध के दौरान योद्धाओं को उत्साहित करने के लिए गाया जाने वाला ओजस्वी गीत; विजय-गान 2. (काव्यशास्त्र) सैंतीस मात्राओं का एक छंद।
कड़खैत [सं-पु.] युद्ध में कड़खा गाने वाला; भाट; चारण।
कड़छी [सं-स्त्री.] सब्ज़ी या दाल चलाने वाला लंबी डंडी की गहरी चम्मच; कलछी।
कड़बड़ा [सं-पु.] ऐसा व्यक्ति जिसकी दाढ़ी के कुछ बाल सफ़ेद हो गए हों। [वि.] चितकबरा।
कड़वा [वि.] 1. कटु और अप्रिय स्वाद का 2. {ला-अ.} नागवार; अप्रिय; जो भला न लगे, जैसे- कड़वा वचन। [मु.] -लगना : अप्रिय लगना। -घूँट [सं-पु.] कष्टप्रद बात; अप्रिय वचन; कोई बुरा अनुभव। -तेल [सं-पु.] सरसों का तेल।
कड़वापन [सं-पु.] 1. कड़वा होने का गुण या भाव; कड़वाहट 2. वैमनस्य; कटुता।

कड़वाहट [सं-स्त्री.] 1. कड़वा होने का गुण; कड़वापन; कसैलापन; कटु स्वादवाला 2. {ला-अ.} वैमनस्य; कटुता; दुश्मनी; वैर; रंजिश।