Hin Dict_K4 - हिंदी शब्दकोश - क4

कंठमाला (सं.) [सं-स्त्री.] गले का एक रोग जिसमें जगह-जगह गाँठें या गिल्टियाँ निकलती हैं।
कंठरोध (सं.) [सं-पु.] 1. कंठ रुँधना; गला अवरुद्ध होना 2. साँस रुकना 3. मरणासन्न अवस्था।
कंठशालुक (सं.) [सं-पु.] गले के भीतर का फोड़ा।
कंठशोष (सं.) [सं-पु.] गले का संक्रमण; गला सूखना।
कंठश्री (सं.) [सं-स्त्री.] 1. गले में सुशोभित होने वाला जड़ाऊ हार 2. कंठी; माला।
कंठसंगीत (सं.) [सं-पु.] 1. मानव कंठ से निकलने वाली ध्वनि या संगीत 2. व्यक्ति द्वारा गाया जाने वाला गायन या आलाप।
कंठस्थ (सं.) [वि.] 1. गले में आकर ठहरा या रुका हुआ 2. ज़बानी याद किया हुआ 3. कंठगत; कंठाग्र।
कंठहार (सं.) [सं-पु.] 1. गले का हार या गहना 2. {ला-अ.} ऐसी वस्तु जो सदा साथ रहे और जिसका साथ कभी नहीं छोड़ने की इच्छा हो; बहुत प्रिय चीज़।
कंठा [सं-पु.] 1. बड़ी कंठी जिसमें बड़े-बड़े मनके होते हैं 2. सोने आदि के मनकों वाला गले का एक आभूषण 3. अँगरखे या कुरते आदि का गले के पास का भाग 4. कंठी की तरह पक्षियों के गले को घेरने वाली रेखाएँ, जैसे- तोता या कबूतर का कंठा।
कंठाग्र (सं.) [वि.] जो ज़बानी याद हो; कंठस्थ; बरज़बान।
कंठावरोध (सं.) [सं-पु.] गले में उत्पन्न होने वाली बाधा; श्वासरोध; दुख या पीड़ा से गला रुँधने की अवस्था।

कंठिका (सं.) [सं-स्त्री.] एक लड़ी से बनी माला; हार; कंठी।
कंठी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. छोटे मनके या गुरियों की माला; छोटा कंठा 2. वैष्णवों द्वारा धारण की जाने वाली तुलसी के छोटे दानों की माला 3. कंठ; हँसली; पक्षियों के गले की धारी 4. घोड़े के गले में बाँधी जाने वाली रस्सी।
कंठील (सं.) [सं-पु.] 1. मथने का पात्र 2. ऊँट।
कंठ्य (सं.) [सं-पु.] (व्याकरण) ऐसे वर्ण जिनका उच्चारण कंठ से हो, संस्कृत में क्, ख्, ग्, , , ह और विसर्ग को कंठ्य माना गया है, हिंदी में ये कोमल तालव्य हैं। [वि.] 1. कंठ संबंधी; गले से उत्पन्न 2. कंठ से उच्चरित 3. गले के लिए हितकारी औषधि।
कंडक्ट (इं.) [सं-पु.] 1. संचालन; परिचालन 2. नेतृत्व; मार्गदर्शन 3. चरित्र; आचरण; आचार; व्यवहार। -करना [क्रि-स.] 1. संचालित करना; निर्देशित करना 2. प्रबंध करना; बंदोबस्त करना।
कंडक्टर (इं.) [सं-पु.] 1. संवाहक; चालक; परिचालक 2. अधिनायक; पथ-प्रदर्शक 3. प्रबंधकर्ता; व्यवस्थापक 4. तड़ित चालक; विद्युत-संवाहक।
कंडनी (सं.) [सं-स्त्री.] धान, बाजरा आदि अन्न कूटने के लिए प्रयुक्त उपकरण; ओखली और मूसल।
कंडरा [सं-स्त्री.] 1. रक्त का संचरण करने वाली मोटी नाड़ी 2. महास्नायु 3. मांस तंतुओं के गुच्छे जो मांसपेशियों को हड्डी से जोड़ते हैं।
कंडा [सं-पु.] 1. गोबर को पाथकर बनाए गए गोल या तिकोने पिंड; गोयठा 2. उपला; गोसा 3. सूखा या सुखाया हुआ गोबर जो ईंधन आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है।
कंडारी (सं.) [सं-पु.] जहाज़ का माँझी; नाव खेने वाला।

कंडाल1 (सं.) [सं-पु.] 1. पानी भरकर रखने का पीतल या लोहे का गोल मुँह वाला गहरा बरतन 2. कैंची की तरह का जुलाहों का औज़ार।
कंडाल2 (फ़ा.) [सं-पु.] तुरही जैसा एक वाद्य यंत्र।
कंडिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. वेद की ऋचाओं का समूह 2. नियमावली 3. वैदिक ग्रंथों का एक छोटा खंड या परिच्छेद 4. अनुच्छेद; (पैरा)।
कंडी [सं-स्त्री.] 1. गोबर के छोटे-छोटे कंडे; उपला; पथकनी 2. गोटा।
कंडील [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार का आधान जिसमें दीपक जलाया जाता है 2. दीपाधार 3. कंदील; लालटेन 4. कागज़ अथवा मिट्टी का बना लालटेन के आकार का वह लटकन जिसमें दिया जलाकर रखा जाता है या (वर्तमान में) बल्ब आदि लगाया जाता है।
कंडीशन (इं.) [सं-स्त्री.] 1. परिस्थिति; स्थिति; अवस्था; दशा 2. उपबंध; प्रतिबंध; शर्त।
कंडीशनर (इं.) [सं-पु.] 1. अनुकूलक 2. अवस्थापक 3. किसी वस्तु को अच्छी दशा में रखने वाला पदार्थ।
कंडु (सं.) [सं-पु.] सफ़ेद सरसों। [सं-स्त्री.] 1. खुजलाहट 2. खाज; खुजली।
कंडुर (सं.) [सं-पु.] सरकंडा। [वि.] खुजली पैदा करने वाला।
कंडूया (सं.) [सं-स्त्री.] खुजली का रोग।
कंडूल (सं.) [सं-पु.] एक खाद्य कंद; सूरन; ओल; ज़मींकंद। [वि.] खाज या खुजली पैदा करने वाला।
कंडेरा (सं.) [सं-पु.] प्राचीन काल में तीर-कमान बनाने वाली एक जाति जो अब रुई धुनने का काम करती है; धुनिया।

कंडोम (इं.) [सं-पु.] परिवार नियोजन तथा सुरक्षित यौन संबंध के लिए पुरुषों व स्त्रियों द्वारा प्रयोग की जाने वाली एक तरह की थैली; एक गर्भनिरोधक उपकरण।