ओ2 [अव्य.] 1. किसी को पुकारने में प्रयुक्त शब्द, जैसे-ओ भैया! 2. आश्चर्य या विस्मय में मुँह से निकलने वाली ध्वनि।
ओंकार (सं.) [सं-पु.] 1. परब्रह्म का वाचक शब्द 2. 'ओम' (ॐ) एकाक्षरी मंत्र या इसका उच्चारण।
ओंकारनाथ (सं.) [सं-पु.] द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग का नाम।
ओंगन [सं-पु.] गाड़ी की धुरी में दिया जाने वाला तेल।
ओंगना (सं.) [क्रि-स.] गाड़ी की धुरी में तेल (चिकनाई) लगाना।
ओंठ (सं.) [सं-पु.] 1. ओष्ठ; होंठ 2. घड़े आदि के मुँह का किनारा; कोर।
ओक (सं.) [सं-पु.] 1. निवास स्थान; घर 2. आश्रय 3. पक्षी 4. ग्रह-नक्षत्र आदि का समूह 5. ढेर; राशि 6. अंजलि।
ओकण (सं.) [सं-पु.] 1. खटमल 2. जूँ।
ओकना [क्रि-अ.] 1. ओ-ओ की ध्वनि निकालते हुए कै करना 2. रँभाना।
ओकपति (सं.) [सं-पु.] 1. नक्षत्रों का स्वामी 2. चंद्रमा 3. सूर्य।
ओकारांत (सं.) [वि.] वह (शब्द या पद) जिसके अंत में 'ओ' की मात्रा हो, जैसे- साधो।
ओखल1 (सं.) [सं-पु.] खरल; ऊखल; ओखली।
ओखल2 (सं.) [सं-पु.] परती भूमि; बहुत दिनों से न जोती गई भूमि; ऊसर भूमि।
ओखली (सं.) [सं-स्त्री.] 1. ऊखल; काठ या पत्थर का बना हुआ एक बरतन जिसमें धान आदि की कुटाई की जाती है। [मु.] -में सिर देना : जानबूझकर कोई समस्या अपने ऊपर ले लेना।
ओखा [सं-पु.] गुजरात राज्य के जामनगर ज़िले का एक तटीय शहर। [वि.] 1. रूखा-सूखा 2. कठिन (कार्य) 3. कुंद; जिसकी धार चोखी अर्थात तेज़ न हो 4. हलका या साधारण 5. मिलावटी; अशुद्ध।
ओगारना [क्रि-स.] 1. तरल पदार्थ (जल आदि) को उलीचकर बाहर फेंकना 2. पंक, कीचड़ आदि निकाल कर कुएँ की सफ़ाई करना।
ओघ (सं.) [सं-पु.] 1. बहुत अधिक मात्रा; ढेर; राशि; समूह 2. पानी का बहाव या धार 3. सांख्य दर्शन के अनुसार एक तुष्टि का नाम- काल तुष्टि।
ओछा [वि.] 1. तुच्छ; हीन; हलका 2. छिछोरा; जिसमें गंभीरता का अभाव हो 3. जिसमें शालीनता का अभाव हो 4. कम गहरा; छिछला 5. कम; छोटा।
ओछापन [सं-पु.] ओछा होने का भाव; क्षुद्रता; नीचता; छिछोरापन।
ओज (सं.) [सं-पु.] 1. दीप्ति; कांति 2. बल; प्रताप; तेज 3. उजाला; प्रकाश; रोशनी 4. कविता का वह गुण जिसे सुनकर लोगों में वीरता, उत्साह आदि का आवेश हो।
ओजना (सं.) [क्रि-स.] 1. झेलना; सहना (आघात या वार) 2. अंगीकरण या धारण करना; अपने ऊपर लेना (भार)।
ओजस्विता (सं.) [सं-स्त्री.] तेज; दीप्ति; प्रताप; ओजस्वी होने की अवस्था गुण या भाव।
ओजस्वी (सं.) [वि.] 1. जिसमें ओज हो; शक्तिशाली 2. शक्तिमान; तेजस्वी 3. प्रभावशाली; प्रतापी 4. ओजयुक्त; वीर्यवान 5. जोश पैदा करने वाला।
ओज़ोन (इं.) [सं-स्त्री.] वायुमंडल में विद्यमान नीले रंग की एक गैस। ओज़ोन के एक अणु में ऑक्सीजन के तीन परमाणु होते हैं। यह प्रबल ऑक्सीकारक एवं ऑक्सीजन का घनीभूत रूप है। यह सूर्य की पराबैंगनी किरणों से धरती की रक्षा करती है।
ओझल (सं.) [वि.] 1. दृष्टि की सीमा से बाहर 2. छिपा हुआ 3. गायब।
ओझा (सं.) [सं-पु.] 1. सरयूपारी, मैथिल तथा गुजराती ब्राह्मणों में एक कुलनाम या सरनेम 2. उपाध्याय 3. भूत-प्रेत झाड़ने वाला व्यक्ति; तांत्रिक।
ओझाई [सं-स्त्री.] 1. ओझा का कार्य 2. झाड़-फूँक की क्रिया।
ओझैती [सं-स्त्री.] ओझा का कार्य; (अंधविश्वास) झाड़-फूँक द्वारा भूत, प्रेत, दैवबाधा आदि से मुक्ति दिलाना।
ओट (सं.) [सं-स्त्री.] 1. छिपने की आड़; परदा 2. शरणस्थल; पनाहगाह। [मु.] -में शिकार खेलना : छुप कर वार करना।
ओटना (सं.) [क्रि-स.] 1. कपास के बीजों (बिनौलों) को रुई से अलग करना 2. केवल अपनी ही बात की पुनरावृत्ति करते रहना 3. ओढ़ना; ऊपर लेना।
ओटनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कपास के बिनौले को उससे अलग करने के लिए लोहे या लकड़ी से निर्मित उपकरण; बेलनी; चरखी; ओटी।
ओटमील (इं.) [सं-पु.] जौ का आटा या दलिया।
ओटा [सं-पु.] 1. आड़ करने हेतु निर्मित दीवार 2. कपास ओटने का कार्य करने वाला 3. सुनारों का एक औज़ार 4. चक्की के पास निर्मित चबूतरा जिसपर बैठकर चक्की पीसी जाती है 5. ओटला; दरवाज़े के दोनों ओर निर्मित छोटा चबूतरा।
ओटी1 [सं-स्त्री.] दे. ओटनी।