Hin Dict_a17 - हिंदी शब्दकोश - अ17
अच्छा (सं.) [वि.] 1. बढ़िया; सुंदर; उम्दा 2. ठीक; उत्तम 4. स्वस्थ; निरोग। [मु.] -कर देना : निरोग या स्वस्थ कर देना। अच्छे दिन आना : ज़िंदगी में समृद्धि या ख़ुशहाली के दिन आना।
अच्छाई (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अच्छा होने का भाव या गुण 2. विशेषता; ख़ूबी 3. सुंदरता 4. लाभ या फ़ायदा।
अच्छा-ख़ासा (सं.) [वि.] 1. ठीक-ठाक 2. भला-चंगा 3. पर्याप्त।
अच्छापन [सं-पु.] 1. अच्छे होने की अवस्था या भाव 2. श्रेष्ठता; अच्छाई।
अच्छिद्र (सं.) [वि.] 1. जिसमें छेद न हो; छिद्ररहित 2. जिसमें कोई त्रुटि या दोष न हो; निर्दोष। [सं-पु.] 1. निर्दोष कार्य 2. अक्षुण्ण अवस्था।
अच्छेद्य (सं.) [वि.] 1. जिसे छेदा या भेदा न जा सके 2. जो छेदे जाने के योग्य या उपयुक्त न हो।
अच्युत (सं.) [सं-पु.] 1. विष्णु और उनके अवतारों का नाम 2. जैनों के एक देवता। [वि.] 1. अपने स्थान से न हटने या गिरने वाला; अटल 2. जिसका नाश न हो; शाश्वत 3. जिसने भूल या गलती न की हो।
अच्युतवास (सं.) [सं-पु.] 1. वट वृक्ष 2. अश्वत्थ वृक्ष।
अच्युतांगज (सं.) [सं-पु.] 1. कामदेव 2. मन्मथ।
अच्युतानंद (सं.) [वि.] 1. जो सदा आनंद में रहता हो 2. वह जो सदा प्रसन्न रहे।
अछिन्न (सं.) [वि.] 1. जो छिन्न या तोड़ा-फोड़ा न गया हो; अविभक्त 2. जिसे विभाजित न किया गया हो; अविभाज्य 3. अखंडित; समूचा 4. जिसका क्रम न टूटे; अटूट।
अछूता [वि.] 1. जिसे छुआ न गया हो; जिसका कभी उपयोग न हुआ हो 2. जिसके संबंध में अभी तक विचार न किया गया हो 3. उपेक्षित 4. कोरा; नया 5. शुद्ध 6. अप्रभावित।
अछूतोद्धार [सं-पु.] 1. अछूतों या अस्पृश्य जातियों के उद्धार का काम, प्रयत्न या भाव 2. मानवमात्र में बंधुत्व और समानता के लिए होने वाला काम।
अछेद्य (सं.) [वि.] 1. जो छेदा न जा सके 2. जो तोड़ा या खंडित न किया जा सके 3. अखंडनीय।
अछोर [वि.] 1. जिसका कोई ओर-छोर न हो; असीम 2. बहुत अधिक विस्तृत या लंबा-चौड़ा।
अछोह [वि.] 1. जिसमें छोह या प्रेम न हो 2. निष्ठुर; निर्दय। [सं-पु.] 1. छोह का अभाव 2. उदासीनता।
अज (सं.) [वि.] 1. अनादिकाल से विद्यमान 2. अजन्मा। [सं-पु.] 1. ब्रह्मा 2. विष्णु 3. शिव 4. ईश्वर 5. जीवात्मा 6. सूर्य या अग्नि का रथ 7. राजा दशरथ के पिता का नाम 8. कामदेव 9. चंद्रमा 10. भेड़ 11. बकरा 12. माया 13. मेष राशि 14. एक प्रकार का धान्य।
अजगर (सं.) [सं-पु.] 1. एक बहुत बड़ा एवं मोटा साँप जो प्राणियों को निगल जाता है 2. {ला-अ.} आततायी 3. {ला-अ.} निठल्ला; आलसी।
अजगरी (सं.) [वि.] अजगर संबंधी। [सं-स्त्री.] अजगर जैसी प्रवृत्ति।
अजगव (सं.) [सं-पु.] (पुराण) शिव का धनुष; पिनाक।
अज़गैबी (फ़ा.+अ.) [वि.] 1. रहस्यपूर्ण; अलौकिक 2. आकाश से या आकस्मिक रूप से आने या होने वाला; आकस्मिक 3. दैवी।
अजड़ (सं.) [वि.] 1. जो जड़ न हो; चेतन 2. जो मूर्ख न हो; बुद्धिमान।
अजन (अ.) [वि.] 1. जन से रहित; जनहीन 2. निर्जन। [सं-पु.] जो अच्छा आदमी न हो; बुरा या नीच आदमी।
अजनतंत्रीय (सं.) [वि.] जो जनतांत्रिक न हो; गैरलोकतांत्रिक।
अजनबी [सं-पु.] 1. जिससे पहले से परिचय न हो; अपरिचित 2. नवागत 3. पराया।
अजनबीपन [सं-पु.] 1. अपरिचय की स्थिति 2. अलग-थलग पड़े होने की दशा या भाव (एलियनेशन)।
अजन्मा (सं.) [वि.] 1. जिसने जन्म न लिया हो; जिसका जन्म न हुआ हो 2. बिना जन्म लिए ही जो अस्तित्व में आया हो 3. जो जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो।
अजन्य (सं.) [वि.] 1. जो उत्पादन के योग्य न हो 2. अजननीय 3. जो मानवता के प्रतिकूल हो।
अजपा (सं.) [वि.] 1. जिसका जप न किया जाए 2. बिना आवाज़ के जपा हुआ 3. जप न करने वाला। [सं-पु.] मंत्र जपने का एक प्रकार जिसमें बिना उच्चारण के मन ही मन जाप किया जाता है।
अजब (अ.) [वि.] आश्चर्यजनक; विचित्र; अनोखा; अद्भुत; विलक्षण।
अज़मत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. बड़प्पन; बुजुर्गी 2. गौरव 3. महत्ता 4. चमत्कार।
अज़मानतीय [वि.] 1. जिसकी ज़मानत न हो सके 2. जिसमें ज़मानत न मिलती हो।
अजमुख (सं.) [सं-पु.] दक्ष प्रजापति का एक नाम। [वि.] जिसका मुँह बकरे जैसा हो।
अजय (सं.) [वि.] जिसे जीता न जा सके; अजेय। [सं-पु.] 1. 'जय' का विलोम 2. हार; पराजय।
अजया (सं.) [सं-स्त्री.] 1. भाँग नामक पौधा 2. माया।
अजर (सं.) [वि.] 1. जिसे जरा या बुढ़ापा न आए; जो सदैव ज्यों का त्यों बना रहे। [सं-पु.] 1. परब्रह्म 2. देवता।
अजर-अमर (सं.) [वि.] अनश्वर; जो न कभी बूढ़ा हो और जिसका नाश या क्षय न हो; जिसकी कभी मृत्यु न हो।
अजलित (सं.) [वि.] जो बिना जल के हो; जलरहित।
अजवायन (सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार का पौधा जिसके बीज औषधि और मसाले में इस्तेमाल होते हैं 2. उक्त पौधे के बीज।
अजस्र (सं.) [वि.] अविच्छिन्न; निरंतर चलने वाला। [क्रि.वि.] अविच्छिन्न रूप से; लगातार; सतत।
अज़हर (अ.) [वि.] 1. ज़ाहिर; प्रकट 2. उज्ज्वल; प्रकाशवान 3. बहुत अधिक स्पष्ट।
अजा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बकरी 2. शक्ति; दुर्गा 3. एक पौधा। [वि.] 1. जिसने जन्म न लिया हो या जिसका जन्म न हुआ हो 2. जो उत्पन्न न की गई हो; जन्मरहित।
अजात1 (सं.) [वि.] 1. जिसका जन्म न हुआ हो; अनुत्पन्न; जन्मरहित; अजन्मा 2. जो जन्म के बंधन से मुक्त हो।
अजात2 [वि.] 1. जिसकी कोई जाति न हो 2. जो जाति से निकाल दिया गया हो 3. जाति प्रथा के अनुसार निम्न जाति का।
अजातशत्रु (सं.) [वि.] जिसका कोई शत्रु या दुश्मन पैदा न हुआ हो; शत्रुविहीन। [सं-पु.] बुद्ध के समकालीन एक मगध नरेश।
अजाति (सं.) [वि.] 1. जाति से निकाला हुआ 2. जिसकी कोई जाति न हो 3. पंक्तिच्युत।
अज़ादार (अ.+फ़ा) [सं-पु.] 1. किसी के मरने पर शोक या मातम मनाने वाला 2. मुहर्रम में इमाम हुसैन का मातम मनाने वाला।
अज़ादारी (अ.+फ़ा) [सं-स्त्री.] 1. किसी के मरने पर मातम या शोक मनाना 2. मुहर्रम में इमाम हुसैन का मातम मनाना; ताज़ियादारी।
अजान [वि.] 1. अनजान; न जानने वाला 2. जिसे कोई न जानता हो 3. जिसे ज्ञान या बोध न हो, अबोध। [सं-पु.] अनभिज्ञता; अज्ञान।
अज़ान (अ.) [सं-स्त्री.] सामूहिक रूप से नमाज़ अदा करने के लिए मस्जिद से होने वाली पुकार या बुलावा।
अजाना [सं-पु.] वह जिसे कोई जानता न हो। [वि.] जिसकी जानकारी न हुई हो; अज्ञात।
अजानी [वि.] बिना जानी हुई; अनजानी।
अजाने [क्रि.वि.] अनजाने में; बिना जाने।
अज़ाब (अ.) [वि.] 1. तकलीफ़; कष्ट; दुख 2. विपत्ति; संकट 3. दुष्कर्म; पाप 4. झंझट; बखेड़ा।
अजायब (अ.) [सं-पु.] 1. अद्भुत 2. 'अजब' का बहुवचन 3. अजीब या विचित्र बातों तथा वस्तुओं का वर्ग अथवा समूह।
अजायबघर (अ.+हिं) [सं-पु.] 1. संग्रहालय; (म्यूज़ियम) 2. वह स्थान जहाँ अजीब या विलक्षण वस्तुओं का संग्रह तथा प्रदर्शन किया जाता है।
अजित (सं.) [वि.] 1. जिसे जीता न जा सके 2. जिसपर किसी ने विजय न पाई हो।
अजितेंद्रिय (सं.) [वि.] 1. जिसने अपनी इंद्रियों को वश में न किया हो 2. असंयमी; इंद्रिय-लोलुप।
अजिन (सं.) [सं-पु.] 1. खाल; चर्म 2. मृगछाला 3. धौंकनी।
अजिया [वि.] 1. जो संबंध के विचार से आजा (दादा) के पद का हो 2. आजी (दादी) संबंधी, जैसे- अजिया सास।
अजिर (सं.) [सं-पु.] 1. आँगन; सहन 2. हवा; वायु 3. मैदान; खुला स्थान 4. शरीर 5. मेंढक। [वि.] 1. तेज़; तीव्र 3. चपल; चंचल।
अजिल्द [वि.] बिना जिल्द का (ग्रंथ, पुस्तक आदि)।
अजी [अव्य.] संबोधन "ए जी/ऐ जी" का संक्षिप्त रूप।
अज़ीज़ (अ.) [वि.] 1. प्यारा; प्रिय; 2. स्वजन; रिश्तेदार; संबंधी 3. रुचिकर। [सं-पु.] 1. निकट सबंधी 2. मिस्र के पुराने बादशाहों की उपाधि।
अज़ीज़ाना (अ.+फ़ा.) [वि.] प्रेमपूर्ण; स्नेहमय; आत्मीय।
अजीब (अ.) [वि.] 1. विचित्र; आश्चर्यजनक 2. विलक्षण; अनोखा; अनूठा 3. अनुपम; निराला; अद्वितीय; बेमिसाल।
अजीबोगरीब (अ.) [वि.] 1. अनोखा; अद्भुत 2. आश्चर्यजनक; विचित्र 3. अप्रत्याशित।
अज़ीम (अ.) [वि.] 1. बड़ा और विशालकाय 2. वृद्ध और पूज्य।
अजीर्ण (सं.) [सं-पु.] 1. बदहज़मी; अपच 2. अतिशयता; अतिरेक 3. अक्षुण्ण। [वि.] 1. जो जर्जर या बूढ़ा न हो 2. जो जीर्ण या पुराना न हो।
अजीव (सं.) [सं-पु.] 1. जड़ पदार्थ 2. जीव तत्व से रहित या भिन्न। [वि.] 1. जिसमें जीवन या जीवनी-शक्ति न हो; निर्जीव 2. बिना प्राण का; मृत 3. अचेतन।
अजूबा (अ.) [सं-पु.] अनोखी; विचित्र; आश्चर्य में डालने वाली चीज़।
अजेंडा (इं.) [सं-पु.] 1. कार्यसूची 2. किसी सभा या मीटिंग में जिन मुद्दों पर विचार किया जाना हो उनकी सूची।
अजेय (सं.) [वि.] जिसे जीता न जा सके; अतिशक्तिशाली; बाहुबली।
अजेयता (सं.) [सं-स्त्री.] अजेय होने या न जीते जा सकने का गुण।
अजैव (सं.) [वि.] 1. जिसका जीव से संबंध न हो 2. जो जीवन से युक्त न हो; (इनऑर्गेनिक)।
अजोड़ [वि.] 1. जो जोड़ा न जा सके 2. जिसका कोई जोड़ न हो।
अज्ञ (सं.) [वि.] न जानने वाला; अज्ञानी; जिसे ज्ञान या समझ न हो।
अज्ञात (सं.) [वि.] जो ज्ञात न हो; जिसके बारे में पता न हो।
अज्ञातक (सं.) [वि.] अप्रसिद्ध।
अज्ञातचर्या (सं.) [सं-स्त्री.] अज्ञातवास।
अज्ञातनाम (सं.) [वि.] 1. जिसका नाम विदित या मालूम न हो 2. अप्रसिद्ध; अविख्यात।
अज्ञातयौवना (सं.) [सं-स्त्री.] (काव्यशास्त्र) मुग्धा नायिका का एक भेद; वह नायिका जिसे अपने यौवन के आगमन का ज्ञान या भान न हो।
अज्ञातलोक (सं.) [वि.] जिस लोक के बारे में कुछ जानकारी न हो; रहस्यमय।
अज्ञातवास (सं.) [सं-पु.] 1. ऐसे स्थान में रहना जिसका कोई पता न पा सके 2. सब की दृष्टि से छिपकर रहना।
अज्ञान (सं.) [सं-पु.] 1. ज्ञान का अभाव 2. जानकारी या सूचना का न होना 3. मिथ्याज्ञान; अविद्या।
अज्ञानता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. ज्ञान न होने की अवस्था या भाव 2. किसी बात से परिचित न होने का भाव 3. मिथ्याज्ञान 4. मूर्खता; नासमझी।
अज्ञानी (सं.) [वि.] 1. जिसे ज्ञान न हो 2. नासमझ; मूर्ख; बेवकूफ़।
अज्ञेय (सं.) [वि.] जो जाना न जा सके। [सं-पु.] हिंदी की प्रयोगवादी कविता के प्रमुख प्रवर्तक सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन का साहित्यिक उपनाम।
अज्ञेयवाद (सं.) [सं-पु.] 1. एक सिद्धांत जिसमें मान्यता है कि दृश्य जगत से परे जो कुछ है; वह जाना नहीं जा सकता 2. (ऐग्नॉस्टिसिज़म)।