Hin Dict_a20 - हिंदी शब्दकोश - अ20


अतींद्रिय (सं.) [वि.] 1. इंद्रियातीत; इंद्रियों से परे का (बोध) 2. इंद्रियों की पहुँच से बाहर; अगोचर। [सं-पु.] आत्मा।
अतीक (अ.) [वि.] 1. पुरातन; कदीम 2. आज़ाद; बंधनमुक्त 3. गिरामी; श्रेष्ठ।
अतीत (सं.) [वि.] 1. बीता हुआ; गुज़रा हुआ 2. भूतकाल; व्यतीत। [सं-पु.] बीता हुआ समय।
अतीतगत (सं.) [वि.] 1. व्यतीत; बीता हुआ 2. पुराना; प्राचीन 3. गुज़रा हुआ।
अतीतजीवी (सं.) [वि.] 1. अतीत में जीने वाला; अतीतग्रस्त 2. वर्तमान परिस्थिति से अपने को काटकर विगत की स्मृतियों में लीन रहने वाला।
अतीतोन्मुख (सं.) [वि.] 1. जिसकी दृष्टि या प्रवृत्ति अतीत की ओर हो; अतीतमुखी 2. अतीत को अपना आधार बनाने वाला।
अतीतोन्मुखी (सं.) [वि.] 1. अतीत की ओर देखने वाला 2. अतीत की ओर मुँह किए हुए; अतीत में जीने वाला 3. अतीतोन्मुख।
अतीव (सं.) [वि.] बहुत अधिक; अत्यंत, जैसे- आपसे मिलकर अतीव प्रसन्नता हुई।
अतीस (सं.) [सं-स्त्री.] एक प्रकार का जंगली पौधा जिसकी जड़ दवाई के काम आती है; अतिविषा।
अतुंग (सं.) [वि.] 1. जो तुंग अर्थात ऊँचा न हो 2. जो बहुत छोटा हो; ठिगना; छोटे कदवाला।
अतुंद (सं.) [वि.] 1. जो मोटी तोंदवाला या मोटा न हो 2. छरहरा; दुबला-पतला।
अतुकांत (सं.) [वि.] 1. जिस (कविता) में तुक न मिलाई गई हो; जिस (कविता) में अंत्यानुप्रास न हो 2. छंदमुक्त (कविता) 3. हिंदी में नई कविता के अंतर्गत एक खास शैली।
अतुल (सं.) [वि.] 1. जिसकी तुलना न हो सके; अतुलनीय 2. जिसे तौला-मापा न जा सके 3. असीम; अमित 4. अत्यधिक।
अतुलनीय (सं.) [वि.] 1. जिसकी तुलना न की जा सके 2. अनुपमेय 3. बेजोड़; अतुल्य।
अतुलित (सं.) [वि.] 1. बिना तौला हुआ 2. अपरिमित; बे-अंदाज़; अपार; बहुत अधिक 3. असंख्य 4. अद्वितीय; अनुपम; बेजोड़।
अतुल्य (सं.) [वि.] अतुलनीय।
अतुष (सं.) [वि.] 1. बिना छिलकेवाला (अनाज) 2. बिना भूसीवाला (अन्न)।
अतुष्टि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अतृप्ति 2. अप्रसन्नता 3. असंतोष।
अतृप्त (सं.) [वि.] 1. जिसकी भूख या इच्छाएँ पूरी न हुई हों 2. जो तृप्त अर्थात् संतुष्ट न हो; जिसका मन न भरा हो 3. जिसकी प्यास न बुझ पाई हो; प्यासा 4. अप्रसन्न; नाख़ुश 5. अपूर्णकाम।
अतृप्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. तृप्ति का अभाव 2. संतुष्ट न होने की अवस्था या भाव 3. असंतुष्टि; असंतोष 4. अप्रसन्नता।
अत्तार (अ.) [सं-पु.] 1. इत्र या सुगंधित तेल बनाने और बेचने वाला 2. गंधी 3. यूनानी दवाएँ बनाने और बेचने वाला।
अत्यंत (सं.) [वि.] 1. अत्यधिक; बहुत अधिक, जैसे- अत्यंत स्नेह 2. बेहद 3. नितांत 4. आवश्यकता से अधिक। [अव्य.] अत्यधिक, जैसे- अत्यंत प्रखर बुद्धि।
अत्यंतातिशयोक्ति (सं.) [सं-स्त्री.] (काव्यशास्त्र) अतिशयोक्ति अलंकार का एक भेद, जहाँ कारण से पहले ही कार्य के होने का कथन होता है।
अत्यंताभाव (सं.) [सं-पु.] 1. ऐसा अभाव जो नित्य और स्थायी हो 2. अस्तित्व की परम शून्यता 3. ऐसी बात जो कभी संभव न हो, जैसे- आकाशकुसुम।
अत्यधिक (सं.) [वि.] प्रचुर; ज़रूरत से ज़्यादा; बहुत ही अधिक।
अत्यय (सं.) [सं-पु.] 1. मौत; मृत्यु 2. अभाव 3. नाश 4. क्षीण 5. सीमा का अतिक्रमण करना 6. बुराई 7. संकट 8. दंड; सज़ा।
अत्यल्प (सं.) [वि.] बहुत थोड़ा; बहुत ही कम; अति न्यून, जैसे- इस रसायन की अत्यल्प मात्रा भी घातक हो सकती है।
अत्याचार (सं.) [सं-पु.] 1. ज़ुल्म 2. दुराचार 3. अन्याय 4. किसी के प्रति बलपूर्वक किया जाने वाला अनुचित व्यवहार।
अत्याचारी (सं.) [वि.] अत्याचार करने वाला; ज़ुल्म ढाने वाला; ज़्यादती करने वाला; अन्यायी।
अत्याज्य (सं.) [वि.] 1. जिसका त्याग न किया जा सके 2. जिसे त्यागना या छोड़ना उचित या ठीक न हो; न छोड़ने योग्य।
अत्याधुनिक (सं.) [वि.] नितांत आधुनिक; आधुनिकतम; अत्यधिक नवीन; अभी हाल का।
अत्याय (सं.) [सं-पु.] 1. सीमा, मर्यादा, नियम आदि का उल्लंघन या अतिक्रमण; मर्यादाभंग 2. बहुत अधिक लाभ।
अत्यावश्यक (सं.) [वि.] 1. जो अत्यंत आवश्यक हो 2. बहुत ज़रूरी; (मोस्ट इमपॉरटंट), जैसे- इस लाल फ़ाइल में अत्यावश्यक दस्तावेज़ हैं।
अत्याहार (सं.) [सं-पु.] 1. आहार का अत्यधिक सेवन; बहुत अधिक या ज़्यादा भोजन करना 2. पेटूपन।
अत्याहारी (सं.) [वि.] बहुत अधिक खाने वाला; जो बहुत अधिक भोजन या आहार करता हो; पेटू।
अत्युक्त (सं.) [वि.] 1. बढ़ा-चढ़ाकर कहा हुआ 2. अत्युक्तिपूर्ण।
अत्युक्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बढ़ा-चढ़ा कर कही गई बात; अतिशयोक्ति; (इगज़ैजरेशन) 2. एक अलंकार जहाँ शूरता, उदारता आदि गुणों का अतिशय वर्णन होता है।
अत्युग्र (सं.) [वि.] 1. अति उग्र; सामान्य से अधिक तीखा या तेज़; बहुत विकट; अतिप्रचंड 2. बहुत अधिक क्रोधी। [सं-पु.] हींग, तेज़ गंधवाला द्रव्य।
अत्युच्च (सं.) [वि.] बहुत ही ऊँचा; अति उच्च।
अत्युत्तम (सं.) [वि.] 1. बहुत उत्कृष्ट और सुंदर 2. सबसे उत्तम और बढ़िया; सर्वश्रेष्ठ।
अत्युत्पादन (सं.) [सं-पु.] अति उत्पादन; देश या समाज में खपत या उपयोग से अधिक उत्पादन होना; (ओवर-प्रोडक्शन)।
अत्युत्साह (सं.) [सं-पु.] अति उत्साह; बहुत अधिक उत्साह की अवस्था।
अत्यूह (सं.) [सं-पु.] 1. मन में बहुत अधिक होने वाला ऊहापोह या सोच-विचार 2. जिस पक्षी की आवाज़ बहुत तेज़ हो; मोर 3. हरसिंगार नामक झाड़; उक्त झाड़ के पुष्प जो शरद ऋतु में खिलते हैं।
अत्र (सं.) [अव्य.] 1. यहाँ से; इस जगह से 2. इस अवस्था से।
अत्रभवान (सं.) [वि.] बहुत अधिक महान या श्रेष्ठ। [सं-पु.] महान व्यक्तियों के लिए संबोधन।
अत्रस्त (सं.) [वि.] 1. जिसे कोई दुख या त्रास न हो 2. भयरहित; निडर 3. अत्रास।
अत्रास (सं.) [सं-स्त्री.] 1. जिसे कोई दुख या त्रास न हो 2. भयरहित; निडर 3. अत्रस्त।
अत्रि (सं.) [सं-पु.] 1. (पुराण) सप्तऋषियों में से एक ऋषि का नाम 2. सप्तऋषि मंडल का एक तारा।
अथ (सं.) [अव्य.] 1. कथन, लेख आदि के आरंभ में आने वाला मंगल सूचक शब्द 2. आरंभ; शुरुआत 3. अनंतर।
अथक (सं.) [वि.] 1. न थकने वाला; अश्रांत 2. बिना थके लगातार किया जाने वाला, जैसे- अथक परिश्रम।
अथर्व (सं.) [सं-पु.] 1. चार वेदों में से एक 2. चौथा वेद जिसके मंत्रद्रष्टा ऋषि भृगु थे 3. उक्त वेद के मंत्र।
अथर्वण (सं.) [सं-पु.] 1. अथर्ववेद 2. शिव; महादेव।
अथवा (सं.) [अव्य.] एक योजक शब्द जिसका प्रयोग तब किया जाता है जब कई शब्दों या पदों में किसी एक को चुनना हो; या; वा; किंवा, जैसे- निबंध, कहानी अथवा कविता।
अथाई (सं.) [सं-पु.] 1. घर के साथ सामने बना चबूतरा जहाँ लोग बैठते हैं; ओटला 2. बैठक 3. मंडली; जमावड़ा।
अथाह (सं.) [वि.] 1. अत्यंत गहरा; जिसकी थाह न ली जा सके या जिसकी गहराई न नापी जा सके, जैसे- समुद्र की अथाह जलराशि 2. अपार; अगाध, जैसे- अथाह संपत्ति 3. जिसका अनुमान न लगाया जा सके, जैसे- अथाह दुख।
अथॉरिटी (इं.) [सं-स्त्री.] 1. प्राधिकार; आदेश देने और उसका पालन कराने का अधिकार 2. अधिकृत जानकार 3. कुछ करने का अधिकार या अनुमति 4. पारंगत व्यक्ति 5. (किसी विषय का) विशेषज्ञ, जैसे- वे प्रागैतिहासिक युग पर अथॉरिटी हैं।
अदंडनीय (सं.) [वि.] 1. वह (व्यक्ति या कार्य) जो दंड के योग्य न हो; अदंड्य 2. दंड से मुक्त; जिसे दंड न दिया जा सके।
अदंत (सं.) [वि.] 1. बिना दाँत का; दंतहीन 2. जिसके अभी दाँत न निकले हों; दुधमुहाँ। [सं-पु.] जोंक।
अदक्ष (सं.) [वि.] जो किसी कार्य के लिए प्रशिक्षित, दक्ष या निपुण न हो, जैसे- कारखानों के अंदर अदक्ष कारीगरों को नौकरी नहीं मिलती।
अदग्ध (सं.) [वि.] 1. जो दग्ध या जला न हो 2. जिस मृत देह का विधिपूर्वक दाह-संस्कार न हुआ हो।
अदत्त (सं.) [वि.] 1. बिना दिया हुआ; जिसे दिया न गया हो 2. जो दान नियम या विधि के अनुसार न हो 3. जिसका मूल्य या कर आदि चुकता न किया गया हो 4. दान न देने वाला; कृपण; कंजूस। [सं-पु.] वह दान जिसे रद्द कर दिया हो।
अदत्ता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. वह कन्या जिसका अभी विवाह में कन्यादान न हुआ हो 2. अविवाहिता; कुँवारी या कुमारी कन्या।
अदद (अ.) [सं-पु.] 1. संख्या; अंक; गिनती 2. संख्या का चिह्न या संकेत 3. तादाद की गिनती के लिए शब्द, जैसे- छह अदद चौकियाँ, दो अदद तख़्त आदि।
अदन (अ.) [सं-पु.] 1. बागे अदन; ईसाइयों या यहूदियों के अनुसार स्वर्ग का उपवन या बगीचा जिसमें ईश्वर ने सबसे पहले आदम और हौआ को रखा था 2. अरब सागर में एक बंदरगाह।
अदना (अ.) [वि.] छोटा-सा; तुच्छ; साधारण, जैसे- एक अदना-सा आदमी भी बहुत कुछ कर सकता है।
अदब (अ.) [सं-पु.] 1. शिष्टाचार; शिष्टाचार की मर्यादा 2. बड़ों का आदर-सम्मान; उनके प्रति विनीत व्यवहार 3. साहित्य 4. कायदा; नियम 5. प्रज्ञा; विवेक।
अदबदाकर [क्रि.वि.] 1. ख़्वामख़्वाह; हठपूर्वक 2. हड़बड़ा कर।
अदबदाना [क्रि-अ.] 1. घबरा जाना; व्याकुल या विकल हो जाना 2. आतुर हो जाना।
अदबनवाज़ (अ.+फ़ा) [वि.] साहित्य या अदब के कदरदान; साहित्यप्रेमी।
अदबी (अ.) [वि.] 1. साहित्य संबंधी 2. साहित्यिक।
अदम (अ.) [सं-पु.] 1. परलोक; वह लोक जहाँ मनुष्य मृत्यु के बाद जाता है 2. अभाव; अनस्तित्व; न होने की स्थिति।
अदमतामील (अ.) [सं-स्त्री.] न्यायालय आदि के द्वारा भेजे गए समन की तामील न होना।
अदमपैरवी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. पैरवी का अभाव 2. किसी मुकदमें आदि में पैरवी का न होना।
अदममौज़ूदगी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. (अदालत में सुनवाई पर) मौज़ूदगी न होना 2. अनुपस्थिति; गैरहाज़िरी।
अदम्य (सं.) [वि.] 1. जिसका दमन न हो सके; जो दबाया न जा सके, जैसे- अदम्य उत्साह 2. प्रचंड, उग्र।
अदरक [सं-पु.] एक वनस्पति जिसकी जड़ की विशिष्ट गंधवाली चरपरी गाँठें दवा, अचार, चटनी आदि बनाने में प्रयुक्त होती हैं।
अदराना (सं.) [क्रि-अ.] 1. बहुत आदर पाने से शेखी पर चढ़ना 2. इतराना। [क्रि-स.] आदर देकर शेखी पर चढ़ाना; घमंडी बनाना।
अदर्शन (सं.) [सं-पु.] 1. दर्शन न होना; दिखाई न देना 2. उपेक्षा 3. विनाश; लोप। [वि.] गुप्त; अदृश्य।
अदर्शनीय (सं.) [वि.] 1. जो दर्शन के योग्य न हो; न देखने लायक; भद्दा; कुरूप 2. बुरा; अशुभ।
अदल1 (सं.) [वि.] बिना दल या पत्ते का। [सं-पु.] एक पौधा।
अदल2 (अ.) [सं-पु.] न्याय; इनसाफ़।
अदलनीय (सं.) [वि.] 1. जिसे दला या कुचला न जा सके 2. जो दलने के योग्य न हो।
अदल-बदल [सं-स्त्री.] 1. विनिमय; अदला-बदली 2. हेर-फेर 3. परिवर्तन।
अदला-बदली (अ.) [सं-स्त्री.] दे. अदल-बदल।
अदलीय (सं.) [वि.] 1. जो किसी दल में न हो; बिना दलवाला 2. निर्दलीय; तटस्थ।
अदहन [सं-पु.] 1. चावल या दाल बनाने के लिए आग पर पहले से चढ़ाया हुआ पानी 2. खौलता हुआ पानी।