Hin Dict_a24 - हिंदी शब्दकोश - अ24


अनंग (सं.) [सं-पु.] 1. देहरहित 2. आकृतिविहीन। [सं-पु.] 1. कामदेव 2. मन 3. आकाश।
अनंगना (सं.) [क्रि-अ.] 1. शरीर की सुधि छोड़ना 2. सुध-बुध भूलना।
अनंगारि (सं.) [सं-पु.] 1. कामदेव के शत्रु 2. शिव।
अनंगी (सं.) [सं-पु.] 1. कामदेव 2. ईश्वर; भगवान। [वि.] बिना देह का; अंग-रहित।
अनंजन (सं.) [वि.] 1. निष्कलंक; निर्दोष 2. संबंध-रहित; निर्विकार 3. परमब्रह्म।
अनंत (सं.) [वि.] 1. अपार 2. जिसका कोई अन्त न हो 3. असीम 4. अक्षय 5. अविनाशी 6. बहुत अधिक; बहुत बड़ा। [सं-पु.] 1. विष्णु; कृष्ण, शंकर, शेषनाग, लक्ष्मण 2. आकाश; शून्य 3. ब्रह्म 4. बाँह पर पहनने वाला एक आभूषण।
अनंतगति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अनंत प्रवाह 2. नित्य गति 3. ऐसी गति जिसकी कोई सीमा; अंत या छोर न हो।
अनंतचतुर्दशी (सं.) [सं-स्त्री.] भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी; जिस दिन हिंदू स्त्रियाँ अनंत भगवान का व्रत रखती हैं।
अनंतजीवन (सं.) [सं-पु.] अनश्वर जीवन; अमरता; अनश्वरता।
अनंतपद (सं.) [सं-पु.] मोक्ष; अमरपद।
अनंतमूल (सं.) [सं-पु.] 1. एक औषधीय पौधा 2. उक्त पौधे से निर्मित सारिवा नामक रक्त शोधक औषधि।
अनंतर (सं.) [अव्य.] 1. बाद में; उपरांत; पीछे 2. लगातार; निरंतर; अनवरत।
अनंता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. पृथ्वी 2. पार्वती 3. रेशमी धागों का बना हुआ एक प्रकार का आभूषण जो अनंत चतुर्दशी को दाहिनी भुजा में बाँधा जाता है 4. अनंतमूल; अमलकी; दूब।
अनंती (सं.) [सं-स्त्री.] अनंत या अंतहीन होने की अवस्था या भाव; (इन्फिनिटी)।
अनंद (सं.) [सं-पु.] 1. एक वर्णवृत्त 2. आनंद न होना 3. आनंद का अभाव। [वि.] आनंदरहित, प्रसन्नतारहित।
अनंबर (सं.) [वि.] 1. अंबर-रहित 2. जिसके पास वस्त्र न हो; वस्त्रहीन 3. जिसने वस्त्र न पहने हों; नंगा; दिगंबर।
अनंश (सं.) [वि.] 1. जिसका कोई अंश या हिस्सा न हो 2. जो पैत्रिक संपत्ति पाने का अधिकारी न हो।
अन (सं.) [पूर्वप्रत्य.] एक प्रत्यय जो तद्भव शब्दों के पहले लगकर उनके भाव में परिवर्तन कर देता है, जैसे- अनगिनत, अनगढ़, अनपढ़ आदि।
अनकंप (सं.) [वि.] 1. जिसमें कंपन न हो 2. दृढ़; पक्का 3. स्थिर। [सं-पु.] कंपन न होने की अवस्था; स्थिरता।
अनकहा (सं.) [वि.] 1. अनुक्त; जो कहा न गया हो; अव्यक्त; अकथित 2. सर्वथा नवीन; मौलिक।
अनकही [सं-स्त्री.] कुछ न कहने की अवस्था या भाव। [वि.] 1. जो पहले कभी न कही गई हो 2. न कहने योग्य।
अनकिया [वि.] 1. जो काम किया न गया हो 2. किए हुए को पलटकर पूर्वस्थिति में लाया हुआ।
अनक्षर (सं.) [वि.] 1. जो कहने योग्य न हो 2. जिसे अक्षरों का ज्ञान न हो; निरक्षर 3. मूर्ख 4. गूँगा। [सं-पु.] गाली; दुर्वचन।
अनख (सं.) [सं-पु.] 1. कोप; क्रोध 2. ईर्ष्या 3. ग्लानि; खिन्नता। [वि.] बिना नख का।
अनखा [सं-पु.] 1. काजल की बिंदी 2. डिठौना।
अनखिला [वि.] जो खिला न हो।
अनखी (सं.) [वि.] 1. जिसके नख या नाखून न हों 2. जो जल्दी रुष्ट हो जाए; क्रोधी।
अनगढ़ [वि.] 1. बिना गढ़ा हुआ 2. मौलिक; प्राकृतिक; स्वाभाविक 3. बेढंगा; बेडौल; भद्दा 4. उजड्ड; असंस्कृत 5. टेढ़ा-मेढ़ा।
अनगिनत (सं.) [वि.] 1. असंख्य; जिसकी गिनती न की जा सके 2. बेहिसाब।
अनगिना [वि.] 1. जो गिना न गया हो 2. बहुत अधिक; अन-गिनत।
अनघ (सं.) [वि.] 1. अघ या पाप से रहित; निष्पाप 2. दोषरहित; पवित्र 3. निरापद 4. सुंदर 5. शोकरहित। [सं-पु.] 1. वह जो पाप न हो; पुण्य 2. विष्णु 3. शिव।
अनचखा [वि.] 1. जो चखा न गया हो; जिसके स्वाद का पता न हो 2. ताज़ा।
अनचाहा [वि.] जिसे चाहा न गया हो; अनिच्छित; अप्रिय।
अनचीन्हा [वि.] 1. अपरिचित 2. अज्ञात।
अनछिपा [वि.] जो छिपा न हो; प्रकट; स्पष्ट।
अनछुआ (सं.) [वि.] 1. जो छुआ न गया हो; अछूता 2. मौलिक; सर्वथा नवीन।
अनजनमा [वि.] 1. जो जन्मा न हो; अज, जैसे- ईश्वर 2. जिसका अभी जन्म न हुआ हो।
अनजान (सं.) [वि.] 1. जिसके बारे में जानकारी न हो; अपरिचित 2. जिसे जानकारी न हो; अनभिज्ञ 3. निश्छल; भोला [सं-पु.] अज्ञानावस्था।
अनजाना (सं.) [वि.] जिसके बारे में कोई जानकारी न हो; अपरिचित; अजनबी।
अनट (सं.) [सं-पु.] 1. अत्याचार 2. उपद्रव 3. असत्य; झूठ।
अनडीठ [वि.] 1. जिसे देखा न गया हो 2. अभूतपूर्व 3. अनोखा।
अनत (सं.) [वि.] 1. न झुकने वाला; जो झुका न हो 2. सीधा 3. अनम्र; दृढ़।
अनति (सं.) [वि.] 1. जो अति न हो; कम; थोड़ा 2. कुछ। [सं-स्त्री.] 1. न झुकने की क्रिया या भाव 2. विनम्रता का अभाव 3. घमंड; अहंकार।
अनथक [क्रि.वि.] बिना थके; लगातार।
अनथका [वि.] जो थका न हो।
अनथाहा [वि.] 1. जिसकी थाह न लगे 2. बहुत गहरा।
अनदेखा (सं.) [वि.] 1. जिसे कभी देखा न गया हो 2. जिसे देखा न जाए; जिसकी ओर ध्यान न दिया जाय; उपेक्षित। [सं-पु.] उपेक्षा; अनदेखी।
अनदेखी [सं-स्त्री.] 1. किसी कार्य को होते हुए देखकर भी न देखने का भान करना 2. कार्य का श्रेय न देने के लिए उपेक्षा दिखलाना।
अनद्यतन (सं.) [वि.] 1. जो अद्यतन न हो 2. जो आज के दिन से संबद्ध न हो 3. दिनातीत; पुराना।
अनधिक (सं.) [वि.] 1. जो अधिक न हो 2. सब तरह से ठीक और पूरा 3. सीमा रहित।
अनधिकार (सं.) [वि.] 1. बिना अधिकार का; अधिकार-रहित 2. पात्रता; योग्यता या क्षमता विहीन। [सं-पु.] 1. अधिकृत न होना 2. अधिकार, पात्रता, योग्यता, क्षमता आदि का अभाव।
अनधिकारचेष्टा (सं.) [सं-स्त्री.] 1.जहाँ अधिकार न हो वहाँ भी घुसने, सलाह देने या काम करने की चेष्टा 2. जो काम आता न हो उसे करने का प्रयत्न करना।
अनधिकारप्रवेश (सं.) [सं-पु.] 1. बिना अधिकार के घुस जाना 2. दख़लंदाज़ी 3. घुसपैठ।
अनधिकारी (सं.) [वि.] 1. जिसे अधिकार न हो 2. जो किसी विषय का अधिकारी या विशेषज्ञ न हो 3. अयोग्य।
अनधिकृत (सं.) [वि.] 1. जो अधिकृत न हो; जिसे अधिकार न दिया गया हो 2. जिसकी योग्यता या पात्रता संदिग्ध हो; जिसे मान्यता प्राप्त न हो; (अनऑथराइज़्ड)।
अनधिकृत बस्ती [सं-स्त्री.] 1. ऐसी आवासीय कॉलोनी जो सरकारी या गैरसरकारी ज़मीन पर बिना वैध अनुमति के बनाई गई हो 2. ऐसे आवास जिन पर रहने वालों का कानूनी अधिकार न हो।
अनधिगत (सं.) [वि.] 1. जो जाना हुआ न हो; अज्ञात 2. जिसपर विचार न किया गया हो।
अननुकूल (सं.) [वि.] 1. जो अनुकूल न हो 2. जो अपने को अनुकूल न बना सके।
अननुभूत (सं.) [वि.] 1. जो अनुभूत न हो 2. जिसका पहले कभी अनुभव न हुआ हो।
अननुरूप (सं.) [वि.] 1. जो किसी से मेल न खाता हो; अनुरूप का उलटा 2. जो किसी की मर्यादा के अनुकूल या उपयुक्त न हो।
अनन्नास [सं-पु.] एक खट्टा-मीठा फल; (पाइनऐपल)।
अनन्य (सं.) [वि.] 1. एकनिष्ठ 2. एकमात्र 3. अविभक्त 4. अद्वितीय 5. अभिन्न 6. एकाश्रयी।
अनन्यता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अभिन्नता 2. अद्वितीयता 3. एकनिष्ठता 4. एकाश्रयिता।
अनन्यपूर्वा (सं.) [सं-स्त्री.] कुमारिका; कुमारी; कन्या।
अनन्यभाव (सं.) [सं-पु.] 1. एकनिष्ठा 2. एकनिष्ठ साधना। [वि.] जिसकी भक्ति या भाव केवल एक ही के प्रति हो।
अनन्यमना (सं.) [वि.] अपने में मगन रहने वाला; आत्मलीन; दत्तचित्त।
अनन्य समाचार (सं.) [सं-पु.] केवल एक पत्र या पत्रिका में प्रकाशनार्थ भेजा गया समाचार या लेख; (एक्सक्लूसिव न्यूज़)।
अनन्याधिकार (सं.) [सं-पु.] एकाधिकार।
अनन्वय (सं.) [सं-पु.] 1. अन्वय संबंध का अभाव; जहाँ अन्वय न हो 2. अर्थालंकार का एक भेद, जहाँ उपमेय स्वयं ही अपना उपमान होता है।
अनन्वित (सं.) [वि.] जिसका अन्वय न हुआ हो।
अनपढ़ (सं.) [वि.] 1. जो पढ़ा- लिखा न हो; अशिक्षित 2. निरक्षर 3. मूर्ख; गँवार।
अनपत्य (सं.) [वि.] 1. जिसे संतान न हो, संतानहीन; निस्संतान 2. जिसका कोई उत्तराधिकारी न हो।
अनपहचाना (सं.) [सं-पु.] 1. जिससे पूर्व पहचान न हो; अपरिचित; अनजान 2. अजनबी।
अनपेक्ष (सं.) [वि.] 1. जिसे किसी से कोई भी अपेक्षा न हो 2. जिसे किसी की परवाह न हो 3. निष्पक्ष 4. स्वतंत्र 5. असंबद्ध।
अनपेक्षा (सं.) [सं-स्त्री.] अपेक्षा का अभाव।
अनपेक्षित (सं.) [वि.] 1. जिसकी अपेक्षा न की गई हो या न की जाए 2. अयाचित; बिना माँगा हुआ।
अनबन [सं-स्त्री.] 1. मनमुटाव; मनोमालिन्य 2. झगड़ा; बिगाड़।
अनबिधा [वि.] 1. बिना बेधा या छेदा हुआ 2. जो बेधा न गया हो।
अनबूझ [वि.] 1. जिसे बूझा या समझा न जा सके; अबूझ 2. रहस्यमय 3. निर्बुद्धि; नासमझ; बुद्धिहीन 4. अबोध।
अनबूड़ा [वि.] 1. जो डूबा न हो 2. {ला-अ.} जो बात की गहराई में न पैठा हो।
अनबोला [सं-पु.] 1. अबोला; बातचीत बंद होने की स्थिति; संवादहीनता। [वि.] बेज़बान; न बोलने वाला; मूक।
अनब्याही [वि.] जिसका विवाह न हुआ हो; कुँवारी।
अनभला [सं-पु.] 1. बुराई 2. अहित। [वि.] 1. बुरा; ख़राब 2. निंदनीय।
अनभिज्ञ (सं.) [वि.] जो किसी बात को जानता न हो; अनजान; नावाक़िफ़।
अनभिज्ञता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. गैरजानकारी; अज्ञान 2. अपरिचय 3. अनजानपन 4. अनाड़ीपन।
अनभिज्ञेय (सं.) [वि.] 1. जिसका पता न लगाया जा सकता हो 2. जिसकी जानकारी प्राप्त न की जा सकती हो।
अनभेदी [वि.] 1. जो भेद या रहस्य न जाने 2. पराया।
अनभ्यस्त (सं.) [वि.] 1. जिसे किसी बात का अभ्यास न हो; अकुशल 2. जो किसी चीज़ का आदी न हो।
अनभ्र (सं.) [वि.] अभ्र अर्थात् बादल रहित (आकाश) 2. स्वच्छ, निर्मल (आकाश)।
अनमना (सं.) [वि.] 1. अन्यमनस्क; उदासीन 2. बेमन का; बेपरवाह 3. सुस्त; खिन्न।
अनमनापन [सं-पु.] 1. उदासी 2. उदासीनता 3. खिन्नता 4. सुस्ती 5. अन्यमनस्कता।
अनमाँगा [वि.] जो न माँगा गया हो, बिन माँगा, अयाचित।
अनमिल (सं.) [वि.] 1. बेजोड़; बेमेल 2. जो घुला-मिला न हो।
अनमेल [वि.] 1. बेमेल; जिसका मेल न हो; विजातीय; बेजोड़ 2. जिसमें मेल-मिलावट न हो; विशुद्ध; खालिस।
अनमोल (सं.) [वि.] 1. जिसका कोई मूल्य न आँका जा सके; अमूल्य 2. कीमती; मूल्यवान।
अनम्य (सं.) [वि.] जो नमनीय या लचीला न हो; जिसे लचकाया न जा सके; जिसे मोड़ा या झुकाया न जा सके।
अनम्र (सं.) [वि.] 1. जिसमें नम्रता न हो; नम्रतारहित 2. अविनीत 3. उद्दंड।