Hin Dict_a27 - हिंदी शब्दकोश - अ27


अनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी चीज़ का पतला सिरा; नोक 2. कोर 3. चुभने वाली बात 4. ग्लानि 5. सेना 6. समूह 7. कुसमय।
अनीक1 (सं.) [सं-पु.] 1. फ़ौज; सेना 2. झुंड; समूह 3. युद्ध 4. किनारा; तट।
अनीक2 [वि.] 1. जो अच्छा न हो 2. ख़राब; बुरा 3. त्याज्य।
अनीकिनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. सेना 2. अक्षौहिणी का दसवाँ भाग या अंश जिसमें 2187 हाथी, 5661 घोड़े और 10935 पैदल होते थे 3. समूह; झुंड 4. कमलिनी।
अनीति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. जो नीति के विरुद्ध हो; अन्याय; बेइंसाफ़ी 2. अत्याचार 3. अनैतिकता 5. अनुचित व्यवहार।
अनीमिया (इं.) [सं-पु.] 1. खून में रक्त (लाल) कोशिकाओं की कमी 2. रक्ताल्पता।
अनीलन (इं.) [सं-पु.] 1. शीशे, धातु आदि को कठोर बनाने के लिए उसे पहले अत्यधिक तपाना या जलाना फिर ठंडा कर देना 2. (अनीलिंग)।
अनीश (सं.) [वि.] 1. जिसका कोई स्वामी या ईश न हो 2. ईश्वर-रहित 3. अनाथ; दीन।
अनीशा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. दीनता की अवस्था 2. निरीह अवस्था।
अनीश्वर (सं.) [वि.] 1. ईश्वर को न मानने वाला; नास्तिक 2. जिसके ऊपर कोई न हो 3. असमर्थ।
अनीश्वरवाद (सं.) [सं-पु.] ईश्वर का अस्तित्व न मानने का दर्शन; नास्तिक मत।
अनीश्वरवादी (सं.) [वि.] नास्तिक मत का अनुयायी; ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास न करने वाला।
अनीस (अ.) [सं-पु.] दोस्त; सखा; मित्र।
अनीह (सं.) [वि.] 1. जिसे कोई इच्छा या चाह न हो; निस्पृह 2. इच्छा-रहित 3. लापरवाह; असावधान 4. माया-मोह से रहित; निर्लिप्त।
अनीहा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. ईहा अर्थात इच्छा का अभाव 2. निरपेक्षता; उदासीनता 3. वासना; अनुराग आदि का अभाव।
अनु (सं.) [पूर्वप्रत्य.] (व्याकरण) शब्दों के पहले लगने वाला प्रत्यय जो समान (अनुरूप), पीछे (अनुचर), साथ (अनुपान), प्रत्येक (अनुदिन), बारंबार (अनुशीलन), हीन, गौण, ओर आदि अर्थों का द्योतन करता है।
अनुकंपा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. करूणामय कृपा; अनुग्रह 2. दया 3. हमदर्दी; (कंपैशन)।
अनुक (सं.) [वि.] 1. कामुक; लोलुप 2. सहायक 3. आश्रित।
अनुकथन (सं.) [सं-पु.] 1. किसी कथन के पश्चात् होने वाली बातचीत (कथन) 2. वर्णन 3. बातचीत; बहस; चर्चा।
अनुकरण (सं.) [सं-पु.] 1. नकल 2. देखादेखी 3. किसी की विशेषताओं को अपने आचरण में ढालना।
अनुकरणशील (सं.) [वि.] अनुकरण की प्रवृत्तिवाला; देखादेखी करने वाला; नकलची।
अनुकरणीय (सं.) [वि.] 1. अनुकरण करने योग्य 2. नकल करने योग्य 3. पीछे चलने योग्य; अनुगमनीय।
अनुकर्ता (सं.) [सं-पु.] 1. वह जो किसी का अनुकरण करता हो; अभिनेता 2. नकल करने वाला।
अनुकलन (सं.) [सं-पु.] 1. गिनती करना; गणन; गणितीय क्रिया करना 2. हिसाब लगाना।
अनुकल्प (सं.) [सं-पु.] 1. विकल्प 2. मुख्य वस्तु न मिलने पर अन्य वस्तु का प्रयोग; स्थानापन्न 3. गौण विधान।
अनुकाम (सं.) [वि.] 1. जो इच्छा के अनुकूल हो; इच्छानुकूल 2. रुचिकर; कामनावाला 3. आसक्त; कामुक।
अनुकारक (सं.) [वि.] 1. किसी की ज्यों की त्यों (हूबहू) नकल करने वाला; (इमीटेटर) 2. नकलची।
अनुकीर्तन (सं.) [सं-पु.] 1. गुणगान; बखान 2. कथन।
अनुकूल (सं.) [सं-पु.] अनुग्रह; कृपा। [वि.] 1. मुआफ़िक; जो मेल खाता हो 2. प्रसन्न। [क्रि.वि.] की ओर; अभिमुख।
अनुकूलक (सं.) [सं-पु.] 1. अनुकूल बनाने वाला; अपने रंग-ढंग में ढालने वाला 2. अनुकूल या उपयुक्त स्थितियाँ पैदा करने वाला।
अनुकूलतम (सं.) [वि.] 1. सर्वाधिक अनुकूल 2. सर्वाधिक अपनाने योग्य 3. सर्वाधिक प्रिय।
अनुकूलता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. उपयुक्तता 2. मुआफ़िकत 3. तालमेल।
अनुकूलन (सं.) [सं-पु.] 1. काट-छाँट कर उपयुक्त बनाना (एडैप्टेशन) 2. किसी कार्य के पहले पृष्ठभूमि तैयार करना, जैसे- निबंधकार अपने कथ्य-संप्रेषण के पहले पाठक के मन का अनुकूलन करता है 3. नियंत्रित करना, जैसे- वातानुकूलन।
अनुकूलनीय (सं.) [वि.] 1. अनुकूल बनाने के योग्य; अपने रंग-ढंग में ढालने योग्य 2. तालमेल बैठाने लायक।
अनुकूला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. दंती वृक्ष 2. एक वर्णवृत्त।
अनुकूलित (सं.) [वि.] जिसे अनुकूल कर लिया या बना लिया गया हो।
अनुकृत (सं.) [वि.] 1. जिसका अनुकरण किया गया हो 2. नकल किया हुआ; नकली।
अनुकृति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी रचना की हूबहू नकल; (इमिटेशन) 2. देखादेखी।
अनुक्त (सं.) [वि.] 1. जो उक्त अर्थात कहा हुआ न हो 2. बिना कहा हुआ; अकथित।
अनुक्रम (सं.) [सं-पु.] 1. क्रमबद्धता; सिलसिला; (सक्सेशन) 2. पुस्तक के भीतर पहले पन्ने पर अंकित रचनाओं, लेखों आदि की सूची; विषय-सूची।
अनुक्रमण (सं.) [सं-पु.] 1. क्रम से आगे बढ़ना; अनुगमन 2. क्रम में लगाना; सूचीबद्ध करना।
अनुक्रमणिका (सं.) [सं-स्त्री.] पुस्तक के अंत में अकारादि क्रम से दी जाने वाली शब्दों या विषयों की सूची; (इंडेक्स)।
अनुक्रमणी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. शब्दसूची 2. विषयसूची, अध्यायों या प्रकरणों का सिलसिला।
अनुक्रमांक (सं.) [सं-पु.] 1. क्रमवार सूची में निर्धारित संख्या 2. उचित और निश्चित क्रम में आने वाला कोई अंक; (रोलनंबर)।
अनुक्रमिक (सं.) [वि.] 1. क्रमिक तौर से शामिल 2. अनुक्रम के मुताबिक; विषयसूची के अंतर्गत।
अनुक्रांत (सं.) [वि.] 1. जिसका उल्लंघन किया गया हो 2. क्रमपूर्वक किया गया 3. पठित।
अनुक्रिया (सं.) [सं-स्त्री.] प्रतिक्रिया; कार्य के बाद का असर; (रिस्पॉन्स)।
अनुक्षण (सं.) [क्रि.वि.] 1. प्रतिक्षण; अनवरत; लगातार; निरंतर 2. सदैव; सर्वदा; नित्य।
अनुख्यान (सं.) [सं-पु.] 1. पता करना या लगाना 2. भेद या रहस्य खोलना।
अनुगत (सं.) [वि.] 1. अनुयायी; पीछे चलने वाला; अनुसरण करने वाला 2. आज्ञाकारी 3. आश्रित 4. अनुकूल। [सं-पु.] अनुचर; सेवक।
अनुगम (सं.) [सं-पु.] तर्कशास्त्र में कोई बात सिद्ध करने के लिए अनेक तत्वों और तथ्यों के आधार पर दिया जाने वाला परिणाम।
अनुगमन (सं.) [सं-पु.] 1. किसी के पीछे चलना; अनुसरण 2. नकल; अनुकरण 3. समान आचरण 4. विधवा स्त्री का पति के साथ जल मरना 5. अर्थबोध।
अनुगामिता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अनुगामी होने की क्रिया या भाव 2. अनुगमन।
अनुगामिनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अनुगमन करने वाली; पीछे चलने वाली 2. आज्ञाकारिणी।
अनुगामी (सं.) [वि.] 1. अनुगमन करने वाला; पीछे चलने वाला; अनुयायी 2. आज्ञाकारी।
अनुगामी समाचार (सं.) [सं-पु.] किसी प्रकाशित समाचार का क्रमशः विकसित होने वाला आगे का विवरण; (फॉलो-अप)।
अनुगुण (सं.) [वि.] 1. समान गुणोंवाला 2. अनुकूल; अनुगत। [सं-पु.] अर्थालंकार का एक भेद, जहाँ किसी वस्तु में पहले से मौजूद गुण का किसी अन्य वस्तु के संसर्ग में आने पर बढ़ना दिखाया जाता है।
अनुगूँज (सं.) [सं-स्त्री.] 1. प्रतिध्वनि 2. टकरा कर लौटने वाली ध्वनि 3. देर तक बरकरार रहने वाली ध्वनि।
अनुगृहीत (सं.) [वि.] जिसे किसी का अनुग्रह प्राप्त हो; उपकृत; अहसानमंद।
अनुग्रह (सं.) [सं-पु.] 1. कृपा; प्रसाद 2. ईश्वरीय कृपा 3. राज्य की कृपा से प्राप्त सहायता या सुविधा।
अनुग्रहपूर्वक (सं.) [क्रि.वि.] 1. कृपापूर्वक 2. रियायत के तौर पर 3. अनुग्रह करते हुए।
अनुग्रहशील (सं.) [वि.] 1. कृपालु; अनुग्रही 2. ख़याल रखने वाला।
अनुग्रहांक (सं.) [सं-पु.] 1. वे अंक, जो पात्रता न होते हुए भी सिर्फ़ उत्तीर्ण करने के लिए कृपा पूर्वक छात्र को प्रदान किए जाते हैं; (ग्रेस मार्क्स)।
अनुग्रही (सं.) [वि.] अनुग्रहशील; अनुग्रह प्राप्त।
अनुग्राहक (सं.) [वि.] अनुग्रह करने वाला; उपकार करने वाला; कृपालु; दयावान।
अनुचर (सं.) [सं-पु.] 1. नौकर; दास 2. आज्ञाकारी 3. अनुयायी; पीछे चलने वाला 4. साथी।
अनुचिंतन (सं.) [सं-पु.] 1. सोच-विचार 2. बीती या भूली बात को फिर से स्मरण करना 3. चिंता।
अनुचित (सं.) [वि.] 1. जो उचित न हो; नामुनासिब; बेजा 2. बुरा।
अनुचितार्थ (सं.) [सं-पु.] शब्द-दोष का एक भेद, जहाँ कोई पद अनुचित अर्थ का बोध कराए।
अनुच्चरित (सं.) [वि.] 1. जिसका उच्चारण न हुआ हो 2. जिस वर्ण का उच्चारण बोलने में न होता हो।
अनुच्चारणीय (सं.) [वि.] 1. जिसका उच्चारण न हो सके; जिसका उच्चारण बहुत मुश्किल हो 2. जिसका उच्चारण वर्जित हो।
अनुच्चारित (सं.) [वि.] जिसका उच्चारण न किया गया हो; जो न कहा गया हो।
अनुच्छेद (सं.) [सं-पु.] 1. कट जाने पर भी अलग या नष्ट न होना 2. किसी साहित्यिक रचना,पुस्तक आदि के किसी प्रकरण के अंतर्गत वह विशिष्ट विभाग जिसमें किसी एक विषय या उसके किसी अंगों की मीमांसा या विवेचना होती है; प्रस्तर; (पैराग्राफ़) 3. किसी नियम अधिनियम आदि का वह अंश जिसमें किसी नियम तथा उसके प्रतिबंधों का उल्लेख होता है (आर्टिकल)।
अनुज (सं.) [सं-पु.] बाद में पैदा होने वाला; छोटा भाई।
अनुजवधू (सं.) [सं-स्त्री.] छोटे भाई की पत्नी।
अनुजीवी (सं.) [वि.] पराधीन; परतंत्र; परावलंबी; आश्रित। [सं-पु.] सेवक।
अनुज्ञप्त (सं.) [वि.] 1. (कार्य) जिसके लिए स्वीकृति या अनुज्ञा मिल चुकी हो 2. (व्यक्ति) जिसे अनुज्ञा मिल चुकी हो; (अलाउड)।
अनुज्ञप्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. आज्ञा; स्वीकृति; अनुमोदन 2. व्यापार आदि करने का अनुज्ञापत्र; (लाइसेंस)।
अनुज्ञा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अनुमति; स्वीकृति 2. आज्ञा; (सैंक्शन, परमिशन) 3. एक तरह का काव्यालंकार जिसमें अच्छे गुण की लालसा में दोषयुक्त वस्तु की भी इच्छा की जाती है।
अनुज्ञापत्र (सं.) [सं-पु.] ऐसा पत्र जिसमें किसी को किसी सक्षम अधिकारी से कोई कार्य करने या कुछ लेने की अनुज्ञा या स्वीकृति मिली हो; (परमिट)।
अनुज्ञापन (सं.) [सं-पु.] 1. अनुज्ञा देने की क्रिया या भाव; अनुमति देना 2. क्षमा करना 3. बतलाना।
अनुतप्त (सं.) [वि.] पछताने वाला; पश्चातापी; अनुशोची; अफ़सोस करने वाला।
अनुताप (सं.) [सं-पु.] 1. पछतावा; पश्चाताप 2. दुख 3. जलन; ताप।
अनुतापी (सं.) [वि.] पश्चाताप करने वाला; अनुतप्त।
अनुतोष (सं.) [सं-पु.] 1. वह धन आदि जो किसी को प्रसन्न या तुष्ट करने के लिए दिया जाए 2. किसी काम से होने वाला संतोष 3. आनुतोषिक; (ग्रैटिफ़िकेशन)।
अनुतोषण (सं.) [सं-पु.] 1. किसी काम में संतुष्ट होने की क्रिया या भाव 2. किसी को कुछ देकर अपने अनुकूल करना।
अनुत्तम (सं.) [वि.] जो उत्तम न हो।
अनुत्तर (सं.) [सं-पु.] 1. उत्तर या जवाब न मिलना 2. जैन देवताओं का एक वर्ग। [वि.] निरुत्तर।
अनुत्तरदायी (सं.) [सं-पु.] 1. जो उत्तरदायी न हो; गैरज़िम्मेदार 2. जो उत्तरदायित्व की परवाह न करे; (इरिस्पॉन्सिबल)।
अनुत्तरित (सं.) [वि.] जिसका उत्तर न दिया गया हो; जिसका ज़वाब या हल न मिला हो।
अनुत्ताप (सं.) [सं-पु.] बौद्ध मतानुसार दस क्लेशों में से एक।
अनुत्तीर्ण (सं.) [वि.] जो किसी परीक्षा में उत्तीर्ण न हुआ हो; (फ़ेल)।
अनुत्पादक (सं.) [वि.] 1. जो कोई उत्पादन न कर सके 2. व्यर्थ का उद्यम वाला (काम या प्रयास)।
अनुत्सवी (सं.) [वि.] उत्सवहीन; ठंडी प्रकृति का; ठंडे मिज़ाज का। [सं-पु.] ठंडे मिज़ाज का व्यक्ति।
अनुत्सुक (सं.) [वि.] जो उत्सुक न हो; उदासीन; निर्लिप्त।
अनुदत्त (सं.) [वि.] 1. स्वीकृत 2. अनुदान के रूप में दिया गया; माफ़ किया हुआ 3. लौटाया गया।
अनुदर (सं.) [वि.] 1. जिसकी कमर अत्यंत क्षीण या पतली हो; पतली कमरवाला 2. दुबल-पतला; क्षीण।
अनुदाता (सं.) [सं-पु.] अनुदान देने वाला; आर्थिक मदद देने वाला।
अनुदात्त (सं.) [सं-पु.] 1. नीचा स्वर; स्वर के तीन भेदों में से एक। [वि.] 1. जो श्रेष्ठ या महान न हो 2. अनुदार 3. अप्रिय 4. नीचे स्वर में उच्चरित।
अनुदान (सं.) [सं-पु.] सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता राशि; आर्थिक मदद।
अनुदार (सं.) [वि.] 1. जो उदार न हो 2. कठोर 3. संकीर्ण 4. कंजूस; कृपण।
अनुदारता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. संकीर्णता 2. कृपणता; कंजूसी 3. उदारता का अभाव।
अनुदारवादी (सं.) [वि.] 1. जो उदारवादी न हो; रूढ़िवादी 2. रूढ़िवादी दल से संबद्ध 3. संकीर्ण मानसिकतावाला।
अनुदित (सं.) [वि.] 1. जो कहा न गया हो; अकथित 2. जो कहने योग्य न हो; अकथनीय 3. जिसका उदय न हुआ हो।
अनुदिन (सं.) [क्रि.वि.] प्रतिदिन; हर रोज़।
अनुदिष्ट (सं.) [वि.] 1. जिसे अनुदेश किया गया हो 2. जिसे बतलाया या कहा गया हो।
अनुदृष्टि (सं.) [सं-स्त्री.] किसी वस्तु का ऐसा दृश्य या रूप जिसमें दूर से देखने पर उसके सब अंग अपने ठीक अनुपात में और एक दूसरे से उचित दूरी पर दिखाई दें; (पर्सपेक्टिव)।
अनुदेश (सं.) [सं-पु.] 1. किसी कार्य की विशेष विधि समझाना; शिक्षा 2. निर्देश; हिदायत 3. संकेत।
अनुदेशक (सं.) [सं-पु.] 1. अनुदेश या निर्देश देने वाला 2. सीख देने वाला 2. कार्य विधि को समझाने वाला; इशारा करने वाला।
अनुद्धत (सं.) [वि.] 1. जो उद्धत या उच्छृंखल न हो 2. सौम्य; विनीत; सरल।
अनुद्यत (सं.) [वि.] 1. जो किसी कार्य के लिए उद्यत या तैयार न हो 2. जो कार्य में तत्पर न हो।
अनुधर्मक (सं.) [वि.] जो आकृति, गुण, स्वभाव आदि के विचार से किसी के सदृश या समान हो।
अनुधर्मता (सं.) [सं-स्त्री.] अनुधर्मक होने का भाव या दशा।
अनुधावन (सं.) [सं-पु.] 1. किसी के पीछे चलना; दौड़ना 2. अनुसरण करना 3. नकल; अनुकरण 4. किसी चीज़ की खोज या अनुसंधान।
अनुध्वनि (सं.) [सं-स्त्री.] अनुगूँज; प्रतिध्वनि।
अनुनय (सं.) [सं-पु.] 1. विनय 2. प्रार्थना 3. ख़ुशामद; चिरौरी।
अनुनाद (सं.) [सं-पु.] 1. प्रतिध्वनि 2. गूँज; गुंजार 3. ज़ोर की आवाज़।
अनुनादित (सं.) [वि.] 1. जिसकी गूँज हुई हो 2. जिसमें गूँज हो 3. प्रतिध्वनित।
अनुनादी (सं.) [वि.] 1. प्रतिध्वनि करने वाला 2. प्रतिध्वनिमूलक 3. गुंजायमान; गूँज पैदा करने वाला।
अनुनासिक (सं.) [वि.] 1. जिस वर्ण या अक्षर के उच्चारण में वायु मुँह और नाक से निकले, जैसे- न, ण, म आदि 2. नासिका संबंधी।
अनुनासिकता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. जिन शब्दों के उच्चारण में फेंफड़ों से आती हवा मुँह के साथ नाक से भी निकलती है, हिंदी में यह विशेषता चंद्रबिंदु द्वारा दर्शाई जाती है, जैसे- अँ 2. अनुनासिक होने की अवस्था या भाव।
अनुनीत (सं.) [वि.] 1. जिसके विषय में अनुनय किया जाए; प्रार्थित 2. अनुशासित 3. शांत किया हुआ 4. समादृत।