Hin Dict_a28 - हिंदी शब्दकोश - अ28


अनुपजाऊ (सं.) [वि.] 1. जो उपजाऊ न हो 2. अनुर्वर; बंजर।
अनुपत्र (सं.) [सं-पु.] पौधों के डंठल के साथ निकलने वाला छोटा पत्ता; कोंपल।
अनुपम (सं.) [वि.] 1. जिसकी कोई उपमा न हो 2. अनूठा, बेजोड़ 3. अतुलनीय; (यूनीक)।
अनुपमा (सं.) [वि.] जिसकी उपमा न दी जा सकती हो; अनुपम; अतुलनीय। [सं-स्त्री.] अनिंद्य सुंदरी; बेहद ख़ूबसूरत स्त्री।
अनुपयुक्त (सं.) [वि.] 1. जो उपयुक्त न हो; जो ठीक या काम का न हो 2. अयोग्य 3. अनुचित।
अनुपयुक्तता (सं.) [सं-स्त्री.] योग्य (उपयुक्त) न होने की दशा या अवस्था; अयोग्यता।
अनुपयोग (सं.) [सं-पु.] उपयोग या काम में न लाना।
अनुपयोगिता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. उपयोगिता का न होना 2. निरर्थकता 3. लाभदायक न होना।
अनुपयोगी (सं.) [वि.] 1. जो उपयोगी न हो; जो काम का न हो 2. व्यर्थ का; फालतू।
अनुपलब्ध (सं.) [वि.] 1. जो उपलब्ध न हो 2. न मिला हुआ 3. अप्राप्त 4. अज्ञात।
अनुपस्थित (सं.) [वि.] जो उपस्थित न हो; गैरहाज़िर; (ऐब्सेंट)।
अनुपस्थिति (सं.) [सं-स्त्री.] गैरहाज़िरी; गैरमौज़ूदगी; अविद्यमानता; (ऐब्सेंस)।
अनुपात (सं.) [सं-पु.] 1. एक वस्तु का दूसरी वस्तु से सापेक्षिक संबंध 2. त्रैराशिक; गणित की क्रिया 3. मान, माप आदि की तुलना के विचार से परस्पर संबंध या अपेक्षा; तुलनात्मक स्थिति; (प्रोपोर्शन)।
अनुपाती (सं.) [वि.] 1. जो ठीक अनुपात में हो 2. जो उचित मात्रा में हो 3. अनुपात संबंधी; आनुपातिक।
अनुपान (सं.) [सं-पु.] औषधि के आगे या पीछे सेवन की जाने वाली वस्तु।
अनुपाय (सं.) [वि.] जिसके पास कोई उपाय न हो; जिसके लिए कोई मार्ग या उपाय न रह गया हो।
अनुपालन (सं.) [सं-पु.] 1. रक्षण 2. आज्ञा का ठीक से पालन; (ऑब्ज़र्वेंस) 3. आदेश पर अमल; क्रियान्वयन 4. किसी आदेश या पत्र को ठीक स्थान पर पहुँचाने का काम; तामील; (सर्विस)।
अनुपूरक (सं.) [वि.] अभाव, कमी या त्रुटि आदि की पूर्ति के लिए जोड़ा, बढ़ाया या लगाया गया (अंश); (सप्लिमेंटरी)।
अनुपूरण (सं.) [सं-पु.] कमी, अभाव या त्रुटि आदि की पूर्ति करने के लिए बाद में बढ़ाया गया या जोड़ा गया तत्व; (सप्लिमेंट)।
अनुप्रमाणन (सं.) [सं-पु.] 1. किसी वस्तु या बात की सत्यता को प्रमाणित करना 2. प्रमाणीकरण 3. तसदीक करना; (अटेस्टेशन)।
अनुप्रमाणित (सं.) [सं-स्त्री.] 1. जिसका अनुप्रमाणन हुआ हो 2. तसदीक किया हुआ; (अटेस्टेड)।
अनुप्रयुक्त समाजशास्त्र (सं.) [सं-पु.] प्रायोगिक या व्यावहारिक समाजशास्त्र; (अप्लायड सोशियोलॉज़ी)।
अनुप्रयोग (सं.) [सं-पु.] किसी सिद्धांत या अनुशासन का व्यावहारिक प्रयोग; (एप्लिकेशन)।
अनुप्रयोजन (सं.) [सं-पु.] 1. अनुप्रयोग करने की क्रिया या भाव; अनुप्रयोग करना 2. आवृत्ति; फिर से अमल में लाना।
अनुप्रस्थ (सं.) [वि.] चौड़ाई के बल; चौड़ाई के मुताबिक; आड़ा; (लैटिट्यूडिनल)।
अनुप्रस्थता (सं.) [सं-स्त्री.] चौड़ाई की काट; चौड़ाई की काट वाली सतह; अनुप्रस्थ-काट।
अनुप्राणन (सं.) [सं-पु.] 1. प्राण संचार करना; प्राण डालना 2. जीवन का संचार करना 3. उत्साह; प्रेरणा देना 4. स्फुरण; प्रेरण।
अनुप्राणित (सं.) [वि.] 1. जिसमें जीवन का संचार किया गया हो 2. प्रेरित; प्रेरणा प्राप्त।
अनुप्रापण (सं.) [सं-पु.] 1. वसूली करने की क्रिया या भाव; वसूली 2. कर, दंड आदि के रूप में धन उगाहना; (कलेक्शन)।
अनुप्राप्त (सं.) [वि.] 1. जिसका अनुप्रापण हुआ हो 2. उगाहा या इकट्ठा किया हुआ 3. वसूला हुआ।
अनुप्राप्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. धन उगाहने या इकट्ठा करने की क्रिया या भाव 2. वसूली 3. लाभ।
अनुप्राशन (सं.) [सं-पु.] भोजन; खाना।
अनुप्रास (सं.) [सं-पु.] 1. शब्दालंकार का एक भेद जिसमें किसी ख़ास वर्ण की अथवा किसी ख़ास वर्ग के वर्णों की आवृत्ति होती है 2. वर्ण-साम्य; वर्णवृत्ति; वर्ण मैत्री।
अनुप्रेरित (सं.) [वि.] जो किसी प्रेरणा से प्रेरित हो; जिसे प्रेरित किया गया हो।
अनुबंध (सं.) [सं-पु.] 1. संबंध (को-रिलेशन) 2. सिलसिला 3. समझौता; करार; (एग्रिमेंट) 4. प्रकरण 5. आरंभ 6. फल; नतीजा 7. उद्देश्य; नीयत 8. बंधन 9. (इंगेजमेंट)।
अनुबंध-पत्र (सं.) [सं-पु.] 1. वह पत्र जिसमें किसी अनुबंध की शर्तें लिखी हों 2. इकरारनामा; (एग्रिमेंट)।
अनुबंधित (सं.) [वि.] अनुबद्ध; अनुबंध किया हुआ।
अनुबद्ध (सं.) [वि.] लगाव रखने वाला; जुड़ा हुआ; संबद्ध; (एग्रीड)।
अनुबोध (सं.) [सं-पु.] 1. स्मरण 2. पाठ के बाद होने वाला स्मरण।
अनुबोधक (सं.) [वि.] 1. अनुबोध करने वाला; अनुबोध कराने वाला 2. आलोक-पत्र।
अनुबोधन (सं.) [सं-पु.] विषय या बात स्मरण कराने की क्रिया या भाव।
अनुभव (सं.) [सं-पु.] 1. प्रत्यक्ष ज्ञान 2. संवेदन 3. प्रयोग-परीक्षण से प्राप्त ज्ञान 4. व्यवहार से उपलब्ध संज्ञान 5. तज़ुर्बा; अहसास; (एक्सपीरिएंस)।
अनुभवप्रसूत (सं.) [वि.] अनुभव से उत्पन्न; अनुभव से ज्ञात।
अनुभववाद (सं.) [सं-पु.] एक सिद्धांत जिसके अनुसार मानव में ज्ञान की उत्पत्ति जन्मजात नहीं, बल्कि जीवनानुभवों तथा परीक्षणों से होती है; (इंपरिसिज़म)।
अनुभवशील (सं.) [वि.] 1. प्रत्यक्षज्ञान और व्यवहार में प्रवृत्त 2. संवेदनशील।
अनुभवशून्य (सं.) [वि.] 1. अनुभवहीन; जिसे जीवन का कोई ख़ास व्यावहारिक ज्ञान न हो 2. अबोध 3. संवेदनहीन।
अनुभवसमृद्ध (सं.) [वि.] 1. अत्यधिक अनुभवी 2. पूर्ण अनुभवी 3. जिसके पास बहुत अनुभव हो।
अनुभवसिद्ध (सं.) [सं-स्त्री.] जो अनुभव से प्रमाणित हो; जो व्यवहार से परीक्षित हो।
अनुभवहीन (सं.) [वि.] 1. जिसे कोई अनुभव न हो 2. नादान।
अनुभवहीनता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अनुभवशून्यता; अनुभव आदि का न होना 2. संवेदनहीनता।
अनुभवी (सं.) [वि.] अनुभवसंपन्न; तज़ुर्बेकार।
अनुभाग (सं.) [सं-पु.] वर्ग; अनुखंड; उपखंड; (सेक्शन)।
अनुभागीय (सं.) [वि.] 1. अनुभाग संबंधी 2. किसी उपविभाग या अंश से संबंधित।
अनुभाजन (सं.) [सं-पु.] 1. वह क्रिया जिसमें कोई चीज़ या वस्तु लोगों को उनकी आवश्यकता अनुसार उनके अंश या हिस्से के आधार पर दे दी जाती है; (रैशनिंग)।
अनुभाव (सं.) [सं-पु.] 1. महिमा 2. बड़ाई 3. प्रभाव 4. दृढ़विश्वास 5. (काव्यशास्त्र) किसी रस की अनुभूति होने पर विशिष्ट मानसिक और शारीरिक व्यापार का होना 6. किसी वस्तु, व्यक्ति आदि में विशेष रूप से पाए जाने वाले लक्षण या गुण।
अनुभावी (सं.) [वि.] 1. जिसमें अनुभव कराने की शक्ति हो 2. साक्षी जिसने सारी घटना अपनी आँखों से देखी हो; अक्षिसाक्षी; (आई विटनेस)।
अनुभाव्य (सं.) [वि.] 1 जिसका अनुभव किया जा सकता हो या किया जाने को हो; जो अनुभव के योग्य हो 2. प्रशंसा या बड़ाई के योग्य 3. (गुण या लक्षण) जो किसी में विशेष रूप से पाया जा सकता हो।
अनुभूत (सं.) [वि.] जिसका अनुभव किया गया हो; अनुभवसिद्ध; परीक्षित।
अनुभूति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अहसास; संवेदना; अनुभव 2. न्याय-शास्त्र के अनुसार अनुमिति, उपमिति, शब्दबोध और प्रत्यक्ष द्वारा प्राप्त ज्ञान।
अनुभूतिगम्य (सं.) [वि.] जिसका अहसास किया जा सके; जिसे अनुभूति से जाना जा सके।
अनुभूतिजन्य (सं.) [वि.] 1. अनुभूति से उत्पन्न होने वाला 2. निजी अनुभवों से उत्पन्न।
अनुभूयमान (सं.) [वि.] जिसका ज्ञान अनुभूति से प्राप्त हुआ हो।
अनुमत (सं.) [सं-पु.] 1. आज्ञा 2. सहमति 3. अनुमति 4. प्रेम। [वि.] 1. जिसे अनुमति या स्वीकृति मिल चुकी हो 2. सम्मत 3. मनोरम 4. प्रिय; रुचिर।
अनुमति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी कार्य को करने की इजाज़त; स्वीकृति; (एस्सेंट) 2. अनुज्ञा; (परमिशन)।
अनुमतिपत्र (सं.) [सं-पु.] स्वीकृतिपत्र; आदेशपत्र; हुक्मनामा।
अनुमरण (सं.) [सं-पु.] स्त्री का पति के शव के साथ जलकर मर जाना; स्त्री का सती होना।
अनुमान (सं.) [सं-पु.] 1. अंदाज़ा; अटकल 2. प्रत्यक्ष से अप्रत्यक्ष का ज्ञान, जैसे- धुएँ से आग का ज्ञान 3. भावना; विचार 4. न्यायशास्त्र के माने हुए चार प्रमाणों में से एक 5. (काव्यशास्त्र) अलंकार का एक भेद।
अनुमानतः (सं.) [क्रि.वि.] अनुमान के तौर पर; अनुमान से।
अनुमानित (सं.) [वि.] 1. अनुमान लगाया हुआ 2. लगभग; तकरीबन; अंदाज़न; (एस्टिमेटिड)।
अनुमिति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अनुमान; अंदाज़ा 2. अनुमान द्वारा हासिल ज्ञान।
अनुमितिवाद (सं.) [सं-पु.] रससूत्र की व्याख्या के संदर्भ में शंकुक का मत जिसके अनुसार तमाम कारक तत्वों के प्रयत्नपूर्वक अर्जन के बाद अनुमान के बल पर स्थायीभाव का अनुकरण किया जाता है और वह अनुकर्ता में प्रतीयमान होता है।
अनुमेय (सं.) [वि.] अनुमान करने योग्य; जिसे अनुमान से जाना जा सके।
अनुमोद (सं.) [सं-पु.] 1. अनुमोदन; प्रसन्नता प्रकट करना 2. सहानुभूतिजन्य प्रसन्नता 3. समर्थन 4. सहमति प्रकट करना 5. किसी के मत या सुझाव को ठीक समझकर अपनी स्वीकृति देना; (अप्रूवल)।
अनुमोदक (सं.) [सं-पु.] 1. अनुमोदन करने वाला व्यक्ति 2. समर्थन करने वाला व्यक्ति।
अनुमोदन (सं.) [सं-पु.] 1. किसी के मत या कार्य पर सहमति प्रकट करना 2. समर्थन 3. संस्तुति; (एप्रूवल)।
अनुमोदनीय (सं.) [वि.] 1. अनुमोदन के योग्य 2. सहमति या समर्थन के योग्य।
अनुमोदित (सं.) [वि.] 1. संस्तुत 2. समर्थित 3. सम्मति-प्राप्त।