Hin Dict_a34 - हिंदी शब्दकोश - अ34


अफ़रा-तफ़री (फ़ा) [अव्य.] 1. जल्दबाज़ी; भागदौड़; आपाधापी; बदहवासी 2. गड़बड़; गोलमाल।
अफराव [सं-पु.] 1. अफरने या पेट फूलने की क्रिया, भाव या अवस्था 2. तृप्त होना; अघाना।
अफला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. स्त्री जिसके संतान उत्पन्न न होती हो; बाँझ 2. घृतकुमारी।
अफ़लातून (अ.) [सं-पु.] 1. प्राचीन यूनान के एक मशहूर दार्शनिक, जिनका असली नाम 'प्लातोन' था, अफ़लातून शब्द प्लातोन का अरबीकृत रूप है, इंग्लिश में इसे 'प्लेटो' कहा जाता है 2. {व्यं-अ} वह जो अपने को दूसरों से अधिक बुद्धिमान समझता हो।
अफलित (सं.) [वि.] 1. फलहीन; परिणामशून्य; जिसका वांछित नतीजा न निकला हो 2. फलरहित (वृक्ष)।
अफ़वाह (अ.) [सं-पु.] 1. उड़ाई हुई ख़बर; बाज़ारू ख़बर; अपुष्ट समाचार 2. मनगढ़ंत ख़बर 3. गप्प। [मु.] -गरम होना : निराधार बात की चारों ओर चर्चा होना।
अफ़सर (इं.) [सं-पु.] 1. अधिकारी; हाकिम; शासक; (ब्यूरोक्रेट) 2. मुसाहिब; ओहदेदार 3. मुखिया; सरदार।
अफ़सरशाही (इं.+फ़ा) [सं-स्त्री.] 1. अधिकारी राज 2. अफ़सरी रुतबा; (ब्यूरोक्रेसी)।
अफ़साना (फ़ा.) [सं-पु.] 1. किस्सा; कहानी 2. दास्ताँ 3. कथा; उपन्यास 4. लंबा वृत्तांत।
अफ़सानानवीस (फ़ा.) [सं-पु.] 1. कहानी लेखक; क़िस्सागो 2. कथाकार; उपन्यासकार।
अफ़सानानिगार (फ़ा.) [सं-पु.] अफ़सानानवीस; कहानीकार।
अफ़सोस (फ़ा.) [सं-पु.] 1. खेद; पछतावा; पश्चाताप 2. दुख; शोक; रंज।
अफ़सोसजनक (फ़ा.+सं.) [वि.] 1. खेदजनक 2. दुखद।
अफ़ीम (अ.) [सं-पु.] पोस्त के डंठलों से निकाला जाने वाला एक नशीला पदार्थ जो कड़ुवा और काले रंग का होता है; (ओपियम)।
अफ़ीमची (अ.) [सं-पु.] 1. वह जिसे अफ़ीम खाने की लत हो 2. नशेड़ी।
अफ़ीमी [वि.] अफ़ीम से बना हुआ; जिसमें अफ़ीम मिली हो।
अब (सं.) [अव्य.] 1. इस समय; वर्तमान में 2. इस समय के बाद अर्थात निकट भविष्य में; आगे से 3. इस अवसर पर; इस स्थिति में 4. निर्दिष्ट तथ्यों या बातों को ध्यान में रखते हुए।
अबंध (सं.) [सं-पु.] 1. बंधनरहित; जो बँधा न हो; खुला हुआ 2. उन्मुक्त; स्वच्छंद 3. मनमानी करने वाला; निरंकुश।
अब तक [अव्य.] अभी तक; इस समय तक; मौज़ूदा क्षण तक।
अबद्ध (सं.) [वि.] 1. जो बँधा न हो या बाँधा न गया हो; बंधनरहित 2. मनमाना आचरण करने वाला 3. जिसका क्रम या सिलसिला दुरुस्त न हो 4. जिसने कोई वायदा न किया हो।
अबरस (फ़ा.) [सं-पु.] 1. चितकबरा 2. उक्त रंग का घोड़ा।
अबरा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. ओढ़ने या पहनने के दोहरे कपड़ों में ऊपर का कपड़ा या पल्ला; उपल्ला 2. उलझन; विकट समस्या।
अबरी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार का धारीदार चिकना कागज़ 2. एक प्रकार का पीला पत्थर 3. एक प्रकार की लाख की रँगाई।
अबरी कागज़ [सं-पु.] यांत्रिक प्रणाली से लेप लगाकर एक तरफ़ से चिकना बनाया गया कागज़; विलेपित कागज़; (कोटेड पेपर)।
अबल (सं.) [वि.] 1. जिसमें बल या ताक़त न हो; अशक्त; बलहीन 2. कमज़ोर; दुर्बल 3. पुंसत्वहीन; नपुंसक।
अबलक (अ.) [वि.] 1. जिसमें दो रंग एक साथ दिखाई दें, जैसे- सफ़ेद-काला, लाल-पीला 2. अनेक रंगों से मिला हुआ; चितकबरा। [सं-पु.] ऐसा घोड़ा जिसके शरीर पर कुछ भाग लाल और कुछ भाग काला हो।
अबला (सं.) [वि.] जिसमें बल न हो; असहाय; कमज़ोर।
अबल्य (सं.) [वि.] 1. अबलता; अशक्तता; निर्बलता; कमज़ोरी 2. अस्वस्थता।
अबादान (अ.) [वि.] 1. आबाद; बसा हुआ 2. भरा-पूरा 3. संपन्न; समृद्ध।
अबाध (सं.) [वि.] 1. निर्बाध; निरंतर; लगातार 2. बाधाहीन; जिसमें कोई बाधा या विघ्न न हो; निर्विघ्न 3. अपार; असीम 4. मनमाना; स्वच्छंद 5. पूर्ण; परम।
अबाधा (सं.) [सं-स्त्री.] अबाध; बिना बाधा के।
अबाधित (सं.) [वि.] 1. जिसमें बाधा या रुकावट न आई हो; बेरोकटोक चलने वाला 2. मनमाना; स्वच्छंद; निरंकुश।
अबाध्य (सं.) [वि.] 1. जिसमें कोई बाधा, अड़चन या रुकावट न हो 2. जिसे रोकने या जिसमें बाधा डालने की मनाही हो।
अबाबील (अ.) [सं-स्त्री.] काले रंग की एक मशहूर चिड़िया जो प्रायः खंडहरों में अपने घोंसले बनाती है।
अबीर (अ.) [सं-पु.] 1. अबरक का चूरा जो मुख्यतः गुलाबी रंग का होता है 2. बुक्का 3. उक्त चूरा जिसे लोग होली के अवसर पर एक-दूसरे को लगाते हैं।
अबुद्धि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बुद्धि का अभाव; बुद्धिहीनता 2. नासमझी 3. मूर्खता; अज्ञान।
अबूझ (सं.) [वि.] 1. जिसे जानना-समझना दुरूह हो; समझ और अनुमान से परे 2. जिसे समझा न जा सके।
अबे [अव्य.] किसी को छोटा या तुच्छ मान कर किया जाने वाला तिरस्कारपूर्ण संबोधन।
अबेध (सं.) [वि.] 1. जिसे बेधा या छेदा न गया हो 2. जिसे बेधा या छेदा न जा सके।
अबेर [सं-पु.] देर; विलंब।
अबोध (सं.) [वि.] 1. नासमझ; अज्ञानी 2. मासूम; निश्छल 3. कच्ची उम्र का; अनुभवहीन।
अबोधता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अज्ञानता; नासमझी 2. बचपना; अनुभवहीनता 3. मासूमियत; निश्छलता।
अबोल [सं-पु.] न बोला जाना; चुप्पी [वि.] 1. चुप; मौन 2. जिसके बारे में कुछ न कहा जा सके; अनिर्वचनीय।
अबोला [सं-पु.] रंज से न बोलना; रूठने के बाद होने वाला मौन। [वि.] जो बोला या कहा न गया हो; न बोलने वाला।
अब्ज (सं.) [सं-पु.] 1. जल से उत्पन्न वस्तु 2. कमल 3. शंख 4. कपूर 5. चंद्रमा 6. एक अरब की संख्या।
अब्जद [सं-पु.] 1. अरबी वर्णमाला 2. अरबी वर्णमाला के पच्चीस वर्ण 3. अरबी में अक्षरों द्वारा अंक सूचित करने की प्रणाली।
अब्जा [सं-स्त्री.] 1. लक्ष्मी 2. मोती वाली सीपी।
अब्द (सं.) [सं-पु.] 1. वर्ष; साल 2. मेघ 3. नागरमोथा 4. आकाश 5. एक पर्वत 6. कपूर।
अब्दुल्ला (अ.) [सं-पु.] अल्लाह का बंदा; अल्लाह का सेवक; अनुचर; गुलाम; दास।
अब्धि (सं.) [सं-पु.] 1. समुद्र; सागर 2. ताल; सरोवर; झील।
अब्बा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. पिता 2. मुसलमानों में पिता के लिए प्रचलित संबोधन।
अब्बाजान (फ़ा.) [सं-पु.] 1. पिता या अब्बा 2. अब्बा के लिए संबोधन।
अब्बास (अ.) [सं-पु.] 1. सिंह; शेर 2. गुलेअब्बास; गुलाबाँस; एक तरह का फूल तथा उसका पौधा।
अब्बासी (अ.) [सं-पु.] 1. ख़ास तरह का लाल रंग 2. मिस्र में होने वाली ख़ास तरह की कपास। [वि.] लाल; नीला; काला रंग; (स्मोक ब्लू)।
अब्बू (फ़ा.) [सं-पु.] अब्बा शब्द का बिगड़ा हुआ रूप।
अब्र (फ़ा.) [सं-पु.] बादल; मेघ; घटा।
अभंग (सं.) [वि.] 1. अखंडित; न टूटा हुआ; पूर्ण 2. न टूटने वाला 3. उसी रूप में जारी क्रम वाला; लगातार 4. अपराजित; जिसका दर्प भंग न हुआ हो।
अभंगपद (सं.) [सं-पु.] (काव्यशास्त्र) श्लेष अलंकार का एक भेद जिसमें पदों के वर्णों को इधर-उधर किए बिना दूसरा अर्थ निकाला जाता है।
अभंगी (सं.) [वि.] 1. जो भंग न हुआ हो; जिसे भंग न किया जा सके 2. अखंडित; मुकम्मल; पूर्ण।
अभंगुर (सं.) [वि.] 1. जो नष्ट न होने वाला हो; अनश्वर 2. स्थायी; स्थिर।
अभंजन (सं.) [वि.] जिसे तोड़ा-फोड़ा न जा सके; अखंड; अटूट। [सं-पु.] 1. किसी पदार्थ का कई भागों में न टूटना 2. {ला-अ.} शांति।
अभंजनीय (सं.) [वि.] 1. जिसे तोड़ा न जा सके; अटूट 2. जिसे नष्ट न किया जा सके; स्थायी; अखंड।
अभक्त (सं.) [वि.] 1. जो अलग न किया गया हो 2. पूरा; मुकम्मल 3. जो भक्त न हो; श्रद्धाहीन 4. जो अनुयायी या अनुचर न हो।
अभक्ष्य (सं.) [वि.] जो खाने के योग्य या उपयुक्त न हो; अखाद्य; अभोज्य; जो खाया न जा सकता हो।
अभग्न (सं.) [वि.] कभी भग्न न होने वाला; कभी खंडित या निरस्त न होने वाला; पूरा; समूचा।
अभद्र (सं.) [वि.] 1. अशिष्ट; असभ्य 2. अशोभन 3. अशुभ; अमंगल।
अभद्रता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अभद्र होने की अवस्था 2. बुरा आचरण; अशिष्टता।
अभय (सं.) [वि.] भयरहित; निर्भय; निडर; निर्भीक। [सं-पु.] 1. भय का अभाव; निर्भयता; निडरता 2. परमात्मा 3. रक्षा का भरोसा।
अभयचारी (सं.) [वि.] निर्भय होकर विचरण करने वाला; स्वच्छंद।
अभयदान (सं.) [सं-पु.] भय से रक्षा का वचन देना; शरण देना; संरक्षण देना।
अभयपत्र (सं.) [सं-पु.] 1. वह पत्र या प्रमाणपत्र जो अभयदान सुनिश्चित करे 2. वह पत्र जिसे दिखा कर कोई व्यक्ति संकट की घड़ी में सुरक्षित और निरापद महसूस करे।
अभयपद (सं.) [सं-पु.] मुक्ति; मोक्ष।
अभयपरिग्रह (सं.) [सं-पु.] सुरक्षित वन संबंधी नियमों का उल्लंघन।
अभयप्रद (सं.) [वि.] अभय प्रदान करने वाला; अभय देने वाला।
अभयमुद्रा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अभयदान की मुद्रा 2. एक तांत्रिक मुद्रा 3. हाथ उठाकर हथेली सामने करने की मुद्रा।
अभयवचन (सं.) [सं-पु.] रक्षा करने का वचन या प्रतिज्ञा।
अभयवन (सं.) [सं-पु.] 1. वह वन क्षेत्र जहाँ पशु-पक्षी तथा वृक्षों आदि को किसी भी प्रकार से हानि पहुँचाना निषिद्ध हो; अभयारण्य; रक्षित-संरक्षित वन 2. ऐसा वन जिसमें यात्रियों को किसी प्रकार का भय न हो।
अभया (सं.) [सं-स्त्री.] 1. (पुराण) दुर्गा का एक रूप, भगवती 2. हरीतकी नामक औषधि।
अभयारण्य (सं.) [सं-पु.] पशुओं के लिए संरक्षित वन।
अभागा (सं.) [वि.] भाग्यहीन; दुर्भाग्यशाली; बदकिस्मत।
अभागिन (सं.) [वि.] बदनसीब; दुर्भाग्यशालिनी।
अभाग्य (सं.) [सं-पु.] दुर्भाग्य; बदकिस्मती। [वि.] भाग्यहीन; दुखी।
अभाज्य (सं.) [वि.] जिसे पूरा-पूरा विभाजित न किया जा सके; विषम (जैसे- 3, 7, 11 आदि)।
अभार (सं.) [सं-पु.] भारहीन; हलका।
अभारतीय (सं.) [वि.] जो भारतीय न हो; भारत से बाहर का।
अभाव (सं.) [सं-पु.] 1. कमी; त्रुटि 2. अविद्यमानता; न होना 3. दुर्भाव 4. अस्तित्व में न होने की अवस्था का भाव।
अभावक (सं.) [वि.] 1. भाव या सत्ता से रहित 2. अभाव से उत्पन्न; अभाव को सूचित करने वाला।
अभावग्रस्त (सं.) [वि.] निर्धन; विपन्न; तंगहाल; फटेहाल।
अभावनीय (सं.) [वि.] जिसकी भावना न की जा सके; अचिंतनीय।
अभाववाद (सं.) [सं-पु.] ध्वनिविरोधी तीन संभाव्य मतों में से एक जिनका उल्लेख 'ध्वन्यालोक' में मिलता है।
अभावात्मक (सं.) [वि.] 1. जो अभाव के रूप में हो 2. अभावसूचक; नकारात्मक।
अभाव्य (सं.) [वि.] 1. न होने वाला; अभावी; अस्तित्वहीन 2. जिसकी भावना न की जा सके; जिसका ध्यान न किया जा सके।
अभाषित (सं.) [वि.] 1. अकथित; अनुक्त; अनभिव्यक्त 2. अवर्णित; अनुल्लिखित।
अभाष्य (सं.) [वि.] 1. जिसे कहा न जा सके; जिसे बताया न जा सके 2. जिसका भाष्य संभव न हो; जिसकी व्याख्या न हो सके; अव्याख्येय।
अभि (सं.) [पूर्वप्रत्य.] एक प्रत्यय जो शब्दों में लगकर अर्थों में अग्रलिखित विशेषताएँ लाता है, 1. आगे या सामने की ओर, जैसे- अभिमुख 2. मात्रा या मान का आधिक्य, जैसे- अभिमान 3. भली प्रकार से, जैसे- अभिभाषण; अभिव्यंजन 4. श्रेष्ठ या विशेष, जैसे- अभिनव आदि।
अभिकथन (सं.) [सं-पु.] 1. किसी पक्ष या व्यक्ति द्वारा किसी पर लगाया गया ऐसा आरोप जो अभी तक साबित न हो पाया हो; अभियोग 2. दार्शनिक निरूपण में तथ्यों की प्रस्तुति।
अभिकथित (सं.) [वि.] आरोपित; कथित; जिसपर अभियोग लगा हो।
अभिकरण (सं.) [सं-पु.] किसी बड़ी संस्था के अधीनस्थ काम करने वाली कोई छोटी संस्था; (एजेंसी)।
अभिकर्ता (सं.) [सं-पु.] किसी संस्था के प्रतिनिधि के रूप में काम करने वाला व्यक्ति; मुख़्तार; (एजेंट)।
अभिकर्ता पत्र (सं.) [सं-पु.] वह पत्र जिसके अनुसार यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कौन किसका अभिकर्ता नियत हुआ है; (पावर ऑव अटार्नी)।
अभिकर्तृत्व (सं.) [सं-पु.] प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था (एजेंसी) या प्रतिनिधि व्यक्ति (एजेंट) का पेशा या काम; मुख़्तारनामा।
अभिकलन (सं.) [सं-पु.] अनुभवों, बाह्य घटनाओं और निश्चित सिद्धांतों की मदद से किया जाने वाला परिकलन; संगणना; (कंप्यूटेशन)।
अभिकलित्र (सं.) [सं-पु.] अभिकलन या संगणना करने वाली मशीन; (कंप्यूटर)।
अभिकल्प (सं.) [सं-पु.] किसी यंत्र के कलपुर्जों को खोल कर परीक्षण करना और फिर उन्हें यथास्थान लगाना; (ओवरहॉलिंग; डिज़ाइन)।
अभिकल्पन (सं.) [सं-पु.] अभिकल्प करने की क्रिया या भाव; (डिज़ाइनिंग)।
अभिकल्पना (सं.) [सं-स्त्री.] 1. ऐसी कल्पना या कल्पित प्रारूप जो किसी तर्क का आधार बने; परिकल्पना 2. अभिकल्पन।
अभिक्रम (सं.) [सं-पु.] 1. आगे की ओर बढ़ना; चरणबद्ध या क्रमिक विकास करना; आरंभ 2. प्रयत्न; उद्योग; प्रयत्नशील कदम 3. आक्रमण; चढ़ाई 4. आरोहण; आक्रमण।
अभिक्रमण (सं.) [सं-पु.] अभिक्रम करना; आगे बढ़ना; किसी अभियान पर कूच करना।
अभिक्रांत (सं.) [वि.] विस्थापित; स्थानांतरित; (डिसप्लेस्ड)।
अभिक्रांति (सं.) [सं-स्त्री.] किसी चीज़ को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करना; विस्थापन; (डिस्प्लेसमेंट)।
अभिक्रिया (सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी क्रिया, स्थिति या प्रभाव के उत्तर में होने वाली क्रिया 2. (रसायनविज्ञान) दो या अधिक पदार्थों के बीच निश्चित दबाव और तापमान पर होने वाली रासायनिक क्रिया।
अभिख्या (सं.) [सं-स्त्री.] 1. शोभा; कांति 2. कीर्ति; यश; प्रसिद्धि; ख्याति; नेक नामी 3. प्रज्ञा 4. ख्यात होने की अवस्था या भाव।
अभिख्यात (सं.) [वि.] 1. प्रसिद्ध; मशहूर; विख्यात 2. यशस्वी।
अभिख्यान (सं.) [सं-पु.] नाम; ख्याति; प्रसिद्धि; यश।
अभिगम (सं.) [सं-पु.] 1. किसी के पास जाना; पहुँच 2. प्रवेश।
अभिगमन (सं.) [सं-पु.] 1. किसी के पास जाना 2. सहवास; संभोग।
अभिगम्यता (सं.) [सं-स्त्री.] अभिगमन करने की क्रिया या आचरण।
अभिगामी (सं.) [वि.] अभिगमन करने वाला; पास जाने वाला।
अभिगृहीत (सं.) [वि.] 1. जिसे अपनाया गया हो; दत्तक 2. छाँटा या चुना हुआ 3. बलपूर्वक लिया हुआ; अपहृत 4. राज्य या शासन द्वारा कब्ज़ा किया हुआ; राज्य द्वारा लिया गया; अधिगृहीत; (एडॉप्टेड)।
अभिग्रस्त (सं.) [वि.] दुश्मन द्वारा पराजित या दबाया हुआ; आक्रांत।
अभिग्रहण (सं.) [सं-पु.] 1. अपनाना 2. पसंद कर छाँटना 3. बलपूर्वक उठा लेना; अपहरण 4. शासन द्वारा कब्ज़ा; अधिग्रहण।
अभिघट (सं.) [सं-पु.] घड़े की आकृति वाला एक पुराना बाजा।
अभिघात (सं.) [सं-पु.] 1. चोट; प्रहार या मार 2. आघात; सदमा 3. दो चीज़ों में होने वाली टक्कर; रगड़ या घर्षण।
अभिचर (सं.) [सं-पु.] नौकर; सेवक; अनुचर।
अभिचार (सं.) [सं-पु.] 1. (अंधविश्वास) तंत्र द्वारा किए जाने वाले मारण, मोहन, उच्चाटन आदि क्रियाकलाप 2. झाड़-फूँक; टोना-टोटका।
अभिचारी (सं.) [सं-पु.] अभिचार करने वाला; तांत्रिक; ओझा।
अभिजन (सं.) [सं-पु.] 1. अभिजात जन; कुलीन या उच्चवर्गीय संभ्रांत लोग; (एलीट) 2. घर का मुखिया; बड़ा; बुज़ुर्ग 3. स्वजन; परिवार।
अभिजात (सं.) [वि.] 1. कुलीन 2. रईस; उच्चवर्गीय 3. संभ्रांत; संस्कारी; शिष्ट 4. मनोहर; सुंदर 5. उपयुक्त; मान्य।
अभिजातकी (सं.) [सं-पु.] 1. कुलीन लोगों का समूह 2. समाज का उच्च और धनी वर्ग।
अभिजाततंत्र (सं.) [सं-पु.] कुलीन-तंत्र, वह शासन प्रणाली जिसमें शासन की बागडोर उच्चवर्ग के थोड़े से कुलीन लोगों के हाथ में होती है; (एरिस्टोक्रेसी; ऑलीगार्की)।
अभिजातवर्ग (सं.) [सं-पु.] कुलीनों, अभिजनों का वर्ग या समुदाय।
अभिजात्य (सं.) [वि.] 1. अच्छे कुल में उत्पन्न; कुलीन 2. समझदार; बुद्धिमान।
अभिजित (सं.) [वि.] जिसे जीत लिया गया हो; विजित।
अभिजिति (सं.) [सं-स्त्री.] युद्ध में शत्रु को जीतने की क्रिया या भाव; विजय; जीत।
अभिज्ञ (सं.) [वि.] 1. जानकार; ज्ञाता 2. कुशल; दक्ष; निपुण।
अभिज्ञता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. जानकारी; ज्ञान 2. कुशलता; निपुणता।
अभिज्ञा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. ज्ञान प्राप्त करना; जानना; परिचित होना 2. पहले-पहल होने वाला ज्ञान 3. याद; स्मृति।
अभिज्ञात (सं.) [वि.] 1. जाना-पहचाना हुआ 2. समझा-बूझा हुआ 3. जिसकी पहचान या शिनाख़्त हुई हो।
अभिज्ञान (सं.) [सं-पु.] 1. स्मृति; याद 2. पहचान; निशानी; शिनाख़्त; (आइडेंटीफ़िकेशन) 3. लक्षण 4. वह बात, वस्तु या निमित्त जिससे कोई पुराना प्रसंग फिर से याद आ जाए; अनुस्मरण।
अभिज्ञानी (सं.) [वि.] 1. अभिज्ञान करने वाला; जिसे किसी चीज़ का अभिज्ञान हो 2. शिनाख़्त करने वाला; पहचान करने वाला।
अभिज्ञापक (सं.) [वि.] 1. उद्घोषक; सूचनादाता 2. अभिज्ञान या पहचान कराने वाला; (अनाउंसर)।
अभिज्ञापन (सं.) [सं-पु.] 1. उद्घोषणा; सूचना देना; जानकारी देना; (अनाउंसमेंट) 2. परिचय या पहचान कराना, जैसे- किसी आविष्कार का अभिज्ञापन।
अभिज्ञेय (सं.) [वि.] 1. जान-पहचान योग्य 2. स्मरण योग्य 3. जिसकी शिनाख़्त संभव हो।
अभिताप (सं.) [सं-पु.] 1. मानसिक या शारीरिक जलन या ताप 2. पीड़ा 3. क्षोभ 4. भावावेश; व्याकुलता।
अभित्यक्त (सं.) [वि.] छोड़ा हुआ; मुक्त किया हुआ; त्याग किया हुआ।
अभित्याग (सं.) [सं-पु.] 1. कोई वस्तु या बात छोड़ने की क्रिया या भाव; त्याग 2. अपराध या अभियोग आदि से मुक्त करने की क्रिया या भाव; बरी करना।
अभित्रास (सं.) [सं-पु.] 1. आपराधिक स्तर पर डराना-धमकाना 2. दबदबा कायम करना।
अभित्रासक (सं.) [सं-पु.] अभित्रास करने वाला व्यक्ति; डराने-धमकाने वाला; गुंडा।
अभिदत्त (सं.) [वि.] प्रदत्त; दिया हुआ; प्रदान किया हुआ।
अभिदत्त लेख (सं.) [सं-पु.] किसी स्वतंत्र पत्रकार अथवा लेखक द्वारा पारिश्रमिक पर लिखा गया लेख।
अभिदर्शन (सं.) [सं-पु.] 1. सामने आकर देखना 2. दिखना; दृश्यमान होना; प्रकट होना।
अभिदान (सं.) [सं-पु.] कुछ देने की क्रिया; अनुदान; चंदा।
अभिदिशा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. इंगित 2. वह दिशा जिधर किसी कार्य की गति हो 3. वह दिशा जिधर मन अग्रसर हो।
अभिदिष्ट (सं.) [वि.] 1. संदर्भित 2. जिसका निर्देश हुआ हो; (रेफ़र्ड)।
अभिदेश (सं.) [सं-पु.] संकेत; निर्देश; इंगित; साक्षी; (रेफ़रेंस)।
अभिदेशक (सं.) [सं-पु.] संकेत करने वाला; निर्देश देने वाला।
अभिदेश ग्रंथ (सं.) [सं-पु.] ऐसा ग्रंथ जिसका उपयोग कभी-कभी किसी विशिष्ट विषय के बारे में सही जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है; संदर्भ ग्रंथ; (रेफ़रेंस बुक)।
अभिदेशना (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कोई विधेयक या कोई प्रस्ताव प्रस्तुत करना 2. निर्देश करने वाला कार्य या सिद्धांत।
अभिद्रोह (सं.) [सं-पु.] 1. बुराई; निंदा 2. निष्ठुरता 3. हानि 4. उत्पीड़न 5. गाली।
अभिधमन (सं.) [सं-पु.] किसी प्रक्रिया से तेज़ हवा पहुँचाना; फूँकना; धौंकना।
अभिधर्म (सं.) [सं-पु.] 1. श्रेष्ठ धर्म 2. ध्रुव सत्य का निरूपण करने वाला धर्म या मत 3. बौद्ध धर्म।
अभिधा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. शब्दों का सीधा अर्थ; स्पष्ट उक्ति 2. (काव्यशास्त्र) एक शब्दशक्ति जिससे प्रचलित और मुख्य अर्थ का ज्ञान होता है 3. नाम; उपाधि।
अभिधान (सं.) [सं-पु.] 1. नाम; संज्ञा 2. कथन; उक्ति 3. उपाधि, जैसे- आचार्य, मंत्री, सचिव आदि; (डेजिगनेशन)।
अभिधार्थ (सं.) [सं-पु.] वाच्यार्थ; सीधा शाब्दिक अर्थ।
अभिधावक (सं.) [वि.] 1. धावा या आक्रमण करने वाला; आक्रामक 2. सदा गतिशील रहने वाला।
अभिधाशक्ति (सं.) [सं-स्त्री.] मुख्य अर्थ, वाच्यार्थ या अभिधेयार्थ का बोध कराने वाली शब्दशक्ति।
अभिधेय (सं.) [वि.] 1. जिसकी कोई अभिधा या कुछ नाम हो; नामवाला 2. प्रतिपाद्य; वाच्य 3. जिसका बोध नाम लेने से ही हो जाए।
अभिधेयार्थ (सं.) [सं-पु.] मुख्यार्थ; वाच्यार्थ।
अभिनंदन (सं.) [सं-पु.] 1. अभिवादन; प्रशस्ति; सराहना; कृतज्ञता-ज्ञापन और सम्मान के साथ अभिवादन 2. बधाई 3. प्रोत्साहन; आनंदित या प्रसन्न करना 4. स्वागत; सम्मान 5. श्रद्धा प्रकट करना।
अभिनंदनग्रंथ (सं.) [सं-पु.] किसी आदरणीय व्यक्ति की सेवाओं को स्मरणीय बनाने के उद्देश्य से सार्वजनिक रूप से भेंट किया जाने वाला ग्रंथ।
अभिनंदनपत्र (सं.) [सं-पु.] 1. अभिनंदन स्वरूप भेंट किया जाने वाला पत्र या कार्ड; प्रशस्तिपत्र; मानपत्र 2. श्रद्धापूर्वक लिखा हुआ वह पत्र जो स्मृति स्वरूप पूज्य, आदरणीय व्यक्ति के लिए लिखा गया हो।
अभिनंदन समारोह (सं.) [सं-पु.] किसी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने या किसी का सम्मान करने के लिए आयोजित समारोह।
अभिनंदनीय (सं.) [वि.] 1. अभिनंदन करने योग्य 2. प्रशंसनीय; सम्मानीय।
अभिनंदित (सं.) [वि.] जिसका अभिनंदन किया गया हो; प्रशंसित; सम्मानित।
अभिनति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. झुकाव; रुझान; प्रवृत्ति 2. पक्षपात 3. पूर्वग्रह।
अभिनय (सं.) [सं-पु.] 1. कलाकारी; अदाकारी; नटकर्म; (ऐक्टिंग) 2. मनोभावों को व्यक्त करने के लिए आंगिक चेष्टाएँ और उनका कलात्मक प्रदर्शन; भावाभिव्यक्ति 3. अनुकरण 4. नाटक में किसी पात्र की भूमिका अदा करना 5. स्वाँग। [मु.] -करना : कृत्रिम आचरण करना; किसी की सहानुभूति प्राप्त करने के लिए बीमारी आदि का बहाना करना।
अभिनयकला (सं.) [सं-स्त्री.] अभिनय करने की कला; फ़न या हुनर; अदाकारी; नटकर्म।
अभिनयचातुर्य (सं.) [सं-पु.] अभिनय करने की चातुरी या कुशलता।
अभिनयशाला (सं.) [सं-स्त्री.] अभिनय सिखाने का स्थान; नाट्यशाला; रंगशाला; रंगमंच; (थियेटर)।
अभिनयात्मक (सं.) [वि.] 1. अभिनय के तौर पर किया गया; नाटकीय; स्वाँगपूर्ण 2. अभिनय से संबंधित।
अभिनव (सं.) [वि.] 1. नया; नवीन; नूतन 2. आधुनिक ढंग का; नवरचित; ताज़ा।
अभिनवता (सं.) [सं-स्त्री.] नूतनता; नव्यता; नवीनता; ताज़ापन।
अभिनवीकरण (सं.) [सं-पु.] बिलकुल नया बना देना; किसी चीज़ को ताज़ातरीन कर देना।
अभिनायकत्व (सं.) [सं-पु.] 1. अभिनेता होने का गुण या योग्यता 2. नायकत्व; नायक होने का गुण।

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