Hin Dict_a37 - हिंदी शब्दकोश - अ37


अमा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अमावस्या 2. चंद्रमा की सोलहवीं कला 3. मकान; घर।
अमाँ [अव्य.] एक प्रकार का संबोधन; ऐ मियाँ।
अमात्य (सं.) [सं-पु.] 1. राजा का सहचर या साथी 2. प्राचीन हिंदू राज्य-व्यवस्था में राजा को सलाह देने वाला मंत्री।
अमात्र (सं.) [वि.] 1. जिसकी कोई मात्रा न हो; मात्राविहीन 2. सीमारहित 3. निस्सीम।
अमान (सं.) [वि.] 1. मानरहित; प्रतिष्ठारहित 2. जिसका मान या अंदाज़ न हो; बहुत; बेहद; अपरिमित 3. सीधा-सादा; गर्वरहित।
अमानक [वि.] 1. जो मानक न हो 2. मानक स्तर से गिरा हुआ।
अमानत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. थाती; धरोहर 2. एक निश्चित समय के लिए कोई चीज़ किसी के पास रखना; उपनिधि 3. अमीन का कार्य।
अमानतदार (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] जिसके पास अमानत या धरोहर रखी गई हो।
अमानतनामा (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] किसी के पास कुछ अमानत रखने के समय उसके प्रमाण-स्वरूप लिखा जाने वाला पत्र।
अमानती (अ.) [वि.] 1. अमानत संबंधी 2. अमानत के तौर पर रखी हुई।
अमानवीय (सं.) [वि.] 1. जो मानवीय न हो; क्रूर; पशुवत 2. अलौकिक।
अमाना (सं.) [क्रि-अ.] 1. किसी चीज़ के अंदर पूरा-पूरा समाना 2. अँटना 3. इतराना 4. गर्व करना।
अमानिया [सं-स्त्री.] एक प्रकार का पटसन।
अमानी1 [सं-स्त्री.] 1. दैनिक मज़दूरी पर होने वाला काम 2. मनमानी कार्रवाई; अंधेर।
अमानी2 (सं.) [वि.] निरभिमान; घमंडरहित। [सं-स्त्री.] भूमि जिसका प्रबंध सरकार द्वारा किया जाए; ख़ास।
अमानुष (सं.) [वि.] 1. पशुवत आचरण करने वाला; क्रूर; पैशाचिक 2. अमानवीय (कृत्य)।
अमानुषता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मनुष्योचित गुणों का अभाव 2. अमानवीय व्यवहार।
अमानुषिक (सं.) [वि.] 1. ऐसा आचरण जो मनुष्योचित न हो 2. पाशविक; जघन्य; घृणित; क्रूर 3. अमानुषी; मनुष्य-रहित; मनुष्यों से शून्य।
अमानुषिकता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अमानुषिक रुख, व्यवहार या आचरण 2. पाशविकता; जघन्यता; क्रूरता।
अमान्य (सं.) [वि.] 1. जिसे मान्यता प्राप्त न हो; अमान्यीकृत 2. जो (बात या शर्त वगैरह) मानी न जा सके; अस्वीकार किया हुआ 3. जो आदर या मान के योग्य न हो।
अमान्यकरण (सं.) [सं-पु.] न मानने की क्रिया या भाव।
अमापनीय (सं.) [वि.] जो मापा न जा सके; अपरिमित।
अमार्ग [सं-पु.] 1. कुमार्ग; अनुचित या निंदनीय मार्ग 2. अनुचित या निंदनीय आचरण; ख़राब चाल-चलन 3. पाप का रास्ता 4. ईश्वर-विमुख अथवा माया-मोह का रास्ता।
अमावट [सं-स्त्री.] पके आम के रस का जमाया या सुखाया हुआ पापड़ या पट्टी; आमपापड़; आमबड़ी या आमरोटी।
अमावस [सं-स्त्री.] अमावस्या।
अमावस्या (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कृष्णपक्ष की अंतिम तिथि जिसकी रात में चंद्रमा की एक भी कला दिखाई नहीं देती 2. (हठयोग) वह ध्यानावस्था जिसमें इड़ा (चंद्रमा) और पिंगला (सूर्य) दोनों नाड़ियों का लय हो जाता है।
अमिट (सं.) [वि.] 1. जो न मिटे; जो नष्ट न हो; स्थायी 2. अवश्यंभावी; जिसका होना निश्चित हो।
अमित (सं.) [वि.] 1. अत्यधिक 2. बेहद; बेहिसाब; अपरिमित 3. जो मापा न जा सके 4. असंस्कृत 5. उपेक्षित 6. अज्ञात।
अमितवीर्य (सं.) [वि.] अथाह ताकतवाला; अत्यंत बलशाली।
अमिता (सं.) [सं-स्त्री.] अत्यंत बलशालिनी।
अमिताभ (सं.) [वि.] असीम कांति या आभावाला; अत्यंत तेजस्वी। [सं-पु.] बुद्ध का एक नाम।
अमिति (सं.) [सं-स्त्री.] अमित होने की अवस्था या भाव; असीमता; अनंतता।
अमित्राक्षर (सं.) [सं-पु.] ऐसा छंद जिसमें मात्राओं की गणना विचारणीय नहीं होती।
अमिय (सं.) [वि.] अमृत; सुधा।
अमियरस (सं.) [सं-पु.] योगसाधना में सहस्रदल कमल के मध्य स्थित चंद्रबिंदु की प्रेरणा से होने वाला एक प्रकार का स्राव जिसे अमृत, सोमरस या रसायन भी कहा जाता है।
अमिया [सं-स्त्री.] बतिया आम; टिकोरा।
अमिश्र (सं.) [वि.] 1. जिसमें मिलावट न हो 2. शुद्ध 3. जो किसी के साथ मिला न हो।
अमीन (अ.) [सं-पु.] माल-विभाग का वह कर्मचारी जो ज़मीन की पैमाइश और बँटवारे आदि का प्रबंध करता है। [वि.] 1. अमानत रखने वाला 2. विश्वसनीय; भरोसेमंद।
अमीनिधि (सं.) [सं-पु.] 1. अमृत का समुद्र 2. चंद्रमा।
अमीनी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. अमीन का काम; अमीन का पेशा 2. अमानतदारी 3. विश्वसनीयता।
अमीबा (इं.) [सं-पु.] 1. एककोशिकीय जीव 2. मल-कीटाणु।
अमीर (अ.) [वि.] 1. धनी; मालदार; दौलतमंद 2. उदार। [सं-पु.] सरदार; शासक।
अमीरज़ादा (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. बहुत बड़े अमीर या धनवान का बेटा 2. शाहज़ादा; राजकुमार 3. कुलीन।
अमीरी (अ.) [सं-स्त्री.] अमीर होने की अवस्था या भाव; दौलतमंदी; धनाढ्यता; वैभवशालिता।
अमुक (सं.) [वि.] 1. फलाँ (ऐसे किसी ख़ास व्यक्ति या वस्तु के लिए प्रयुक्त विशेषण, जिसका नाम न लिया जा रहा हो) 2. सम्मुख आया हुआ अपरिचित 3. काल्पनिक रूप से उल्लिखित।
अमूमन (अ.) [क्रि.वि.] 1. साधारणतः; आम तौर पर 2. प्रायः; बहुधा; अकसर।
अमूर्त (सं.) [वि.] 1. जो मूर्त या साकार न हो; निराकार 2. देहरहित 3. निरवयव 4. अप्रत्यक्ष 5. वायवीय; हवाई 6. अस्पष्ट। [सं-पु.] 1. ईश्वर; परमात्मा 2. जीव 3. आत्मा 4. दिशा 5. आकाश 6. काल 7. वायु; (ऐब्सट्रैक्ट)।
अमूर्तवाद (सं.) [सं-पु.] एक सिद्धांत जिसकी मान्यता है कि मूर्त पदार्थों की अभिव्यक्ति अमूर्त प्रतीकों के द्वारा की जानी चाहिए।
अमूर्तीकरण (सं.) [सं-पु.] किसी विषयवस्तु को निराकार, वायवीय या अमूर्त बनाने की क्रिया; (ऐब्स्ट्रैक्शन)।
अमूल (सं.) [वि.] 1. मूलरहित; जड़विहीन; निर्मूल 2. प्रमाणरहित; निराधार 3. अमौलिक। [सं-पु.] प्रकृति।
अमूलक (सं.) [वि.] 1. जिसका कोई मूल या जड़ न हो; निर्मूल 2. जिसका कोई आधार न हो; निराधार 3. झूठ; मिथ्या।
अमूल्य (सं.) [वि.] 1. जिसका मूल्य न हो; अनमोल 2. बहुमूल्य; मूल्यवान; बेशकीमती 3. श्रेष्ठ; उत्तम।
अमृत (सं.) [सं-पु.] 1. वह दुर्लभ मिथकीय पेय जिसको पीने से अमरता प्राप्त होती है; सुधा; आबेहयात 2. सोमरस 3. घी 4. दूध 5. यज्ञशेष।
अमृतकर (सं.) [सं-पु.] अमृत के समान किरणोंवाला अर्थात चंद्रमा।
अमृतगति (सं.) [सं-स्त्री.] (काव्यशास्त्र) वर्णिक छंदों में समवृत्त का एक भेद जो नगण, जगण, नगण और गुरु के योग से बनता है।
अमृतत्व (सं.) [सं-पु.] 1. अमर होने की अवस्था या भाव; अमरत्व; अमरता 2. मोक्ष।
अमृतधारा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. (काव्यशास्त्र) एक वर्णवृत्त जिसके पहले चरण में बीस, दूसरे में बारह, तीसरे में सोलह और चौथे में आठ अक्षर होते हैं 2. एक औषधिविशेष।
अमृतध्वनि (सं.) [सं-स्त्री.] (काव्यशास्त्र) छहदलीय मात्रिक विषमछंद जिसमें पहले दो दल दोहे के और बाकी के चार रोला के होते हैं।
अमृतबान (सं.) [सं-पु.] 1. चीनी मिट्टी का ढक्कनदार बरतन जिसमें अचार-मुरब्बे आदि रखे जाते हैं; मर्तबान 2. एक प्रकार का केला।
अमृतमंथन (सं.) [सं-पु.] समुद्रमंथन की मिथकीय परिघटना जिससे अन्य रत्नों के साथ अमृत की उत्पत्ति मानी जाती है।
अमृतमय (सं.) [वि.] 1. मधुर; मीठा 2. सुस्वादु 3. भरपूर जीवनी-शक्ति वाला।
अमृतमयी (सं.) [वि.] 1. मधुर; मीठा 2. सुस्वादु 3. भरपूर जीवनी-शक्ति वाला। [सं-स्त्री.] सुंदर और मधुर स्वभाव वाली स्त्री।
अमृतयोग (सं.) [सं-पु.] फलित ज्योतिष का एक शुभ योग।
अमृतरस (सं.) [सं-पु.] 1. सुधा; अमृत 2. परब्रह्म।
अमृतलोक (सं.) [सं-पु.] स्वर्ग।
अमृतवाणी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. शुभ वाणी 2. सुंदर वचन; सूक्ति 3. मधुर भाषा।
अमृतसार (सं.) [सं-पु.] 1. मक्खन 2. घी 3. अंगूर।
अमृता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. दूर्वा; दूब 2. गुर्च 3. आँवला 4. हरीतकी 5. पीपल 6. तुलसी 7. फिटकिरी 8. खरबूजा 9. इंद्रायण।
अमृष्ट (सं.) [वि.] 1. बिना धुला या साफ़ किया हुआ 2. गंदा; मैला; अस्वच्छ।
अमेंडमेंट (इं.) [सं-पु.] 1. सुधार; संशोधन 2. शुद्धता 3. किसी प्रस्ताव आदि में किया जाने वाला संशोधन।
अमेय (सं.) [वि.] 1. निस्सीम; असीम 2. जो नापा न जा सके 3. अपरिमेय 4. जिसे जाना न जा सके; अज्ञेय।
अमेल [वि.] 1. जिसका मेल न हो; बेमेल 2. असंबद्ध; असंगत।
अमेह (सं.) [सं-पु.] एक रोग जिसमें पेशाब नहीं उतरता या रुक-रुक कर उतरता है।
अमैच्योर (इं.) [वि.] शौकिया; गैरपेशेवर; अव्यावसायिक (कलाकर्मी), जैसे- अमैच्योर थियेटर। [सं-पु.] 1. किसी कला का प्रेमी; शौकीन 2. अप्रवीण; अनाड़ी; अदक्ष।
अमोक्ष (सं.) [वि.] 1. अमुक्त; बंधनयुक्त 2. जो मुक्त न हुआ हो; जिसे मुक्ति न मिली हो। [सं-पु.] 1. बंधन 2. संसार से छुटकारा न मिलना।
अमोघ (सं.) [वि.] 1. अचूक (औषधि या अस्त्र) 2. जो निष्फल न हो; जो निरर्थक या व्यर्थ न हो 3. सफल 4. लक्ष्यभेदी।
अमोघदर्शी (सं.) [वि.] जिसकी दृष्टि कभी न चूकती हो; अचूक लक्ष्यदर्शी; गहरी अंतर्दृष्टिवाला; अमोघदृष्टि।
अमोघदृष्टि (सं.) [सं-स्त्री.] गहरी अंतर्दृष्टि; अचूक लक्ष्यदर्शिता। [वि.] अमोघदर्शी
अमोचन (सं.) [सं-पु.] छुटकारा न होने की क्रिया या भाव; ढीला न पड़ना। [वि.] 1. जिसका मोचन न हो सके 2. न छूट सकने वाला; ढीला न होने वाला।
अमोनिया (इं.) [सं-स्त्री.] एक रंगहीन तेज़ गंध वाली गैस।
अमोल (सं.) [वि.] 1. जिसका कोई मोल न हो; अनमोल 2. बहुमूल्य; मूल्यातीत।
अमोही (सं.) [वि.] 1. निर्मोही; जिसे मोह न हो 2. विरक्त; उदासीन।
अमौलिक (सं.) [वि.] 1. जो किसी की नकल हो 2. अनुकृत; रुपांतरित 3. निर्मूल 4. अयथार्थ 5. अन्य रचना के आधार पर या अनुवाद रूप में रचित।
अम्माँ [सं-स्त्री.] माँ; माता।
अम्मी [सं-स्त्री.] 1. अम्माँ 2. प्रायः मुस्लिम समुदाय में माँ के लिए प्रयुक्त संबोधन; अम्मीजान।
अम्ल (सं.) [सं-पु.] 1. खटाई; खट्टापन 2. सिरका 3. तेज़ाब; (ऐसिड) 4. नीबू। [वि.] खट्टा; तुर्श।
अम्लक (सं.) [सं-पु.] एक फल; बड़हल।
अम्लता (सं.) [सं-स्त्री.] खट्टापन; खटाई; खटास; तुर्शी।
अम्लनिशा (सं.) [सं-स्त्री.] शठी नामक पौधा।
अम्लपंचक (सं.) [सं-पु.] पाँच मुख्य खट्टे फल (नीबू, खट्टा अनार, इमली, नारंगी और अमलबेत)।
अम्लपत्र (सं.) [सं-पु.] अश्मंतक नामक पौधा।
अम्लपित्त (सं.) [सं-पु.] एक रोग जिसमें आहार आमाशय में पहुँचकर अम्ल हो जाता है; (ऐसिडिटी)।
अम्लमेह (सं.) [सं-पु.] मूत्र संबंधी एक बीमारी।
अम्लसार (सं.) [सं-पु.] 1. नीबू 2. अमलबेत 3. काँजी 4. हिंताल।
अम्लान (सं.) [वि.] 1. जो मलिन न हो; उदास न हो; कुम्हलाया या मुरझाया न हो 2. साफ़; स्वच्छ; निर्मल 3. पवित्र 4. दीप्त; उज्ज्वल; प्रकाशयुक्त 5. अमंद 6. स्वस्थ; हराभरा; हरित।
अम्लीय (सं.) [वि.] 1. अम्ल संबंधी; अम्लित; (ऐसीडिक) 2. अम्ल के गुणधर्म का 3. खट्टा; खटास भरा 4. तिक्त; तीक्ष्ण।
अम्हौरी [सं-पु.] 1. गरमी में अधिक पसीना निकलने से शरीर पर निकलने वाली छोटी-छोटी फुंसियाँ; घमौरियाँ 2. पित्ती।