Hin Dict_a40 - हिंदी शब्दकोश - अ40


अलंकरण (सं.) [सं-पु.] 1. साज-शृंगार 2. सजावट 3. आभूषण; गहना।
अलंकार (सं.) [सं-पु.] 1. सजावट 2. आभूषण 3. रचना में की जाने वाली विशिष्ट शब्द-योजना का चमत्कार, जैसे- उपमा, रूपक, अनुप्रास आदि; (फ़िगर ऑव स्पीच)।
अलंकारवाद (सं.) [सं-पु.] अलंकार को काव्य का सर्वस्व मानने की प्रवृत्ति।
अलंकारशास्त्र (सं.) [सं-पु.] अलंकार का विवेचन-वर्णन करने वाला शास्त्र; काव्यशास्त्र का वह अंग जिसमें अलंकार को आधार बनाया जाता है।
अलंकारशास्त्री (सं.) [सं-पु.] अलंकार शास्त्र का ज्ञाता या आचार्य।
अलंकारिक (सं.) [वि.] 1. अलंकारपूर्ण; चमत्कारपूर्ण; अलंकृत ढंग से कहा हुआ 2. बनावटी; कृत्रिम।
अलंकार्य (सं.) [वि.] 1. अलंकृत किए जाने योग्य 2. जिसे अलंकृत किया जाना हो।
अलंकृत (सं.) [वि.] 1. विभूषित 2. सम्मानित 3. सजाया-सँवारा हुआ।
अलंकृति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अलंकृत होने या सजने की अवस्था या भाव 2. सजावट।
अलंगट [वि.] 1. अकेला 2. बेजोड़; निराला; न्यारा।
अलंघनीय (सं.) [वि.] जिसे लाँघना उचित न हो; अलंघ्य।
अलंघ्य (सं.) [वि.] 1. लाँघे न जाने योग्य; पार न किए जाने योग्य 2. लाँघने या पार करने से वर्जित 3. अटल।
अलंघ्यता (सं.) [सं-स्त्री.] लाँघे या पार न किए जा सकने की अवस्था अथवा गुण-धर्म।
अलंपट [वि.] जो लंपट या बदमाश न हो; शरीफ़।
अलंबरदार (अ.) [सं-पु.] 1. ध्वजवाहक 2. मार्गदर्शक।
अलंबुषा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक अप्सरा का नाम 2. हठयोग में लिंग की नाड़ी 3. छुई-मुई; लजालू लता।
अल (सं.) [सं-पु.] 1. विष 2. हरताल 3. बिच्छू का डंक।
अलक (सं.) [सं-पु.] 1. सिर से लटकते बाल; ज़ुल्फ़ 2. घुँघराले बाल 3. सफ़ेद मदार 4. महावर।
अलकतरा (अ.) [सं-पु.] पत्थर के कोयले को गला कर ख़ास रासायनिक क्रिया द्वारा तैयार एक तरल पदार्थ; डामर।
अलकनंदा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक नदी 2. आठ से दस वर्ष की कन्या।
अलकराशि (सं.) [सं-स्त्री.] केशराशि; माथे पर लटकते घुँघराले बाल; ज़ुल्फ़।
अलकली (इं.) [सं-स्त्री.] क्षार; खार।
अलका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कुबेरपुरी 2. आठ-दस वर्ष की कन्या।
अलकापुरी (सं.) [सं-स्त्री.] पुराण कथाओं में वर्णित एक काल्पनिक नगर; कुबेरपुरी; कुबेर की नगरी।
अलकावलि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. सँवारे हुए बालों की पंक्तियाँ 2. केशों का समूह; बालों की लटें 3. घुँघराले बाल।
अलकोहल (इं.) [सं-पु.] मद्यसार; (स्पिरिट)।
अलक्तक (सं.) [सं-पु.] 1. कुछ वृक्षों से निकलने वाला एक प्रकार का लाल रस 2. अलता; जिसे स्त्रियाँ पैरों में लगाती हैं 3. महावर।
अलक्षण (सं.) [सं-पु.] 1. अपशकुन; अशुभ लक्षण 2. बुरा चिह्न 3. वह जिसमें बुरे लक्षण हो 4. अनुपयुक्त परिभाषा। [वि.] 1. अशुभ 2. चिह्ररहित।
अलक्षित (सं.) [वि.] 1. जो लक्षित न हो; अदृष्ट 2. स्पष्ट न दिखने वाला; आँखों से ओझल 3. अज्ञात 4. गुप्त।
अलक्ष्य (सं.) [वि.] 1. जिसे लक्ष्य न बनाया गया हो अथवा जिसपर ध्यान न दिया गया हो 2. जो ध्यान दिए जाने लायक न हो 3. जो चिह्नित न किया जा सके; चिह्नरहित 4. अदृश्य 5. अज्ञेय।
अलख (सं.) [वि.] 1. अलक्ष्य; जो दिखायी न पड़े; अदृश्य 2. अगोचर; इंद्रियातीत। [सं-पु.] 1. परमेश्वर 2. किसी अच्छे काम के लिए उत्प्रेरक अभियान 3. नाथपंथी जोगियों के गीत जो भिक्षाटन के समय चिकारों पर गाए जाते हैं। [मु.] -जगाना : अलख पुकारकर ईश्वर को याद करना; भीख माँगना; जागरूकता फैलाना (किसी बात के लिए)।
अलखधारी (सं.) [सं-पु.] 1. अलख जगाते हुए भीख माँगने वाले साधु 2. गोरखनाथ के अनुयायी साधुओं का एक संप्रदाय; अलखिया।
अलख निरंजन (सं.) [सं-पु.] ईश्वर; परमात्मा।
अलग [वि.] 1. भिन्न; पृथक 2. जिसका किसी से लगाव न हो 3. जो किसी के साथ लगा न हो।
अलग-थलग [वि.] 1. जुदा 2. दूर 3. तटस्थ 4. निस्संग 5. उदासीन; मतलब न रखने वाला 6. समूह या समुदाय से बहिष्कृत।
अलगनी [सं-स्त्री.] कपड़ा आदि टाँगने, फैलाने-सुखाने की खूँटियों से बँधी रस्सी या डोरी; अरगनी।
अलगाऊ [वि.] 1. अलग करने वाला 2. भेद या फूट डालने वाला।
अलगागुजारी [सं-स्त्री.] अलग-अलग करने की अवस्था या भाव।
अलगाना [क्रि-स.] 1. अलग करना 2. भेद या फूट डालना 3. ख़ास या विशिष्ट बनाना।
अलगाव [सं-पु.] 1. पृथकत्व; अलग होने की क्रिया या अवस्था 2. दरार; भेद; फूट।
अलगाववाद (सं.) [सं-पु.] 1. साम्राज्यशाही के टूटने और राष्ट्रों के स्वतंत्र होने की राजनीतिक प्रवृत्ति 2. राष्ट्रीय एकता के इतर क्षेत्रीय स्वायत्तता स्थापित करने की राजनीतिक प्रवृत्ति; क्षेत्रवाद।
अलगाववादी [सं-पु.] अलगाववाद या पृथकतावाद को मानने वाला; अलगाववाद की प्रवृत्तिवाला।
अलग़ोजा (अ.) [सं-पु.] बच्चों का मुँह से हवा फूँककर बजाने का एक बाजा; एक प्रकार की बाँसुरी।
अलगौझा [सं-पु.] अलगाव; बँटवारा; अलहदगी; संयुक्त परिवार से अलग हो जाना।
अलजेबरा (इं.) [सं-पु.] बीजगणित।
अलज्ज (सं.) [वि.] जिसे लज्जा या शर्म न हो; लज्जारहित; बेहया।
अलतई [वि.] 1. अलते के रंग का 2. लाल 3. महावरी; लाखी।
अलता (सं.) [सं-पु.] 1. लाल रंग जो स्त्रियाँ पैरों में लगाती हैं 2. महावर।
अलपाका (इं.) [सं-पु.] 1. दक्षिण अमेरिका का एक जानवर जिसके बालों का ऊन बनता है 2. उक्त जानवर का ऊन और उस ऊन से बनने वाले वस्त्र।
अलफ़ा (अ.) [सं-पु.] मुसलमानी फ़कीरों, साधुओं का बिना बाँह का एक प्रकार का पहनावा; अलफ़ी।
अलबत्ता (अ.) [अव्य.] 1. यह बात और है कि 2. किंतु; परंतु; लेकिन 3. बेशक; निस्संदेह।
अलबी-तलबी [सं-स्त्री.] 1. अत्यधिक क्लिष्ट अरबी-फ़ारसी आदि विदेशी भाषाओं के लिए कहा जाने वाला शब्द 2. अस्पष्ट बात 3. अत्यंत कठिन बोली।
अलबेला [वि.] 1. अनूठा; अनोखा 2. बाँका 3. सुंदर; छैला 4. बना-ठना।
अलबेलापन [सं-पु.] 1. अनूठापन; अनोखापन 2. बाँकापन 3. छैलापन 4. बने-ठने रहने की अदा।
अलब्ध (सं.) [वि.] 1. जिसे प्राप्त न किया जा सके; अप्राप्त 2. जो मिला न हो।
अलब्धनिद्र (सं.) [वि.] जिसे नींद न आती हो।
अलभ्य (सं.) [वि.] 1. जिसे प्राप्त न किया जासके; अप्राप्य 2. बहुमूल्य 3. दुर्लभ 4. अनमोल 5. जो सहजता से प्राप्त न हो।
अलम1 (सं.) [अव्य.] 1. पर्याप्त; यथेष्ट 2. बस; इतना ही 3. सक्षम; योग्य।
अलम2 (अ.) [सं-पु.] 1. दुख; कष्ट 2. मानसिक व्यथा; पीड़ा।
अलमनाक (अ.) [वि.] 1. दुख से भरा हुआ; दुखमय 2. अति दुखद।
अलमबरदार (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] ध्वजवाहक (विशेषतः सैनिक के संदर्भ में)।
अलमस्त (फ़ा.) [वि.] 1. नशे में चूर; मदहोश 2. मस्त; मतवाला; मौजी 3. बेफ़िक्र।
अलमस्ती (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. अलमस्त होने की अवस्था या भाव 2. मतवालापन; मत्तता 3. लापरवाही।
अलमारी (पुर्त.) [सं-स्त्री.] 1. वस्तुओं को रखने के लिए बनाया गया ख़ानेदार आधार 2. दीवार के सहारे रखा जाने वाला लकड़ी या किसी धातु का बना एक विशेष ख़ानेदार ढाँचा।
अलम्यूनियम (इं.) [सं-पु.] हलका नीलापन लिए हुए एक प्रसिद्ध सफ़ेद धातु।
अलय (सं.) [वि.] 1. बिना लय का; लयविहीन 2. जिसका लय न हुआ हो; अलीन। [सं-पु.] 1. लय का अभाव 2. नित्यता।
अलर्क (सं.) [सं-पु.] 1. पागल कुत्ता 2. सफ़ेद मदार।
अललटप्पू [वि.] अंडबंड; अटकलपच्चू; ऊलजलूल।
अलवाँती (सं.) [सं-स्त्री.] प्रसूता; जच्चा।
अलवान (अ.) [सं-पु.] एक प्रकार की ऊनी शाल।
अलविदा (अ.) [क्रि.वि.] विदाई के समय कहा जाने वाला शब्द।
अलस (सं.) [वि.] 1. आलसी 2. अलसाया हुआ; आलस से भरा हुआ; तंद्रिल 3. आलस्य उत्पन्न करने वाला 4. थका हुआ; क्लांत।
अलसाना (सं.) [क्रि-अ.] 1. आलस्य करना; कुछ करने की इच्छा न होना 2. सुस्ती और थकावट महसूस होना 3. आलस्यवश किसी काम को टालना।
अलसाया (सं.) [वि.] सुस्ती भरा; आलस्य भरा।
अलसी (सं.) [सं-स्त्री.] एक तिलहन; तीसी।
अलसेट (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अड़चन; अड़ंगा; बाधा 2. ढिलाई; टालमटोल; शिथिलता 3. व्यर्थ का झगड़ा या तकरार।
अलहदगी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. अलहदा या जुदा होने का भाव; पार्थक्य 2. निरालापन; न्यारापन।
अलहदा (अ.) [वि.] 1. अलग; जुदा 2. ख़ास; अद्वितीय।
अलाई [सं-स्त्री.] घोड़ों की एक जाति।
अलाउंस (इं.) [सं-पु.] भत्ता।
अलात (सं.) [सं-पु.] 1. जलता हुआ कोयला 2. अंगारा 3. जलती हुई लकड़ी।
अलातचक्र (सं.) [सं-पु.] 1. जलती हुई लकड़ी ज़ोर से घुमाने से बना हुआ मंडल 2. बनेठी।
अलान [सं-पु.] 1. हाथी को बाँधने का सीकड़ या खूँटा 2. बेल या लता चढ़ाने के लिए लकड़ी 3. बेड़ी।
अलाप (सं.) [सं-पु.] आलाप।
अलापना (सं.) [क्रि-अ.] 1. बोलना 2. बतियाना; बात करना 3. गाने में तान लेना या आलाप का प्रयोग करना।
अलाबू [सं-पु.] 1. लौकी; कद्दू 2. तूँबा।
अलाभ (सं.) [सं-पु.] 1. लाभ का अभाव 2. घाटा हानि।
अलाभकर (सं.) [वि.] जिससे कोई लाभ या फ़ायदा न हो; अलाभदायी; अहितकारी।
अलामत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. चिह्न; निशानी; पहचान; लक्षण 2. गुणा-भाग आदि के चिह्न।
अलायबलाय [सं-स्त्री.] अनिष्ट; अमंगलकारी; संकट या विपत्ति।
अलार्म (इं.) [सं-पु.] 1. ख़तरे की सूचना 2. सचेत करने वाली सूचना 3. नियत समय पर जगाने के लिए घड़ी में की जाने वाली व्यवस्था।
अलार्म घड़ी (इं.+हिं.) [सं-पु.] वह घ़ड़ी जो निर्धारित समय पर ध्वनि (धंटी बजा कर) उत्पन्न कर सचेत करती है या जगाती है।
अलार्मबेल (इं.) [सं-स्त्री.] सूचना देने वाली घंटी; अलार्मघंटी।
अलाव (फ़ा.) [सं-पु.] तापने के लिए लकड़ी, फूस आदि एकत्र कर जलाई गई आग; कौड़ा।
अलावा (अ.) [अव्य.] अतिरिक्त; सिवा।
अलिंग (सं.) [वि.] 1. जिसमें कोई लिंग न हो 2. जिसमें लिंग का कोई सूचक चिह्न न हो 3. जिसकी कोई पहचान न बतलाई जा सके। [सं-पु.] व्याकरण में वह शब्द जो दोनों लिंगों में समान रूप से व्यवहृत होता है, जैसे- हम; तुम; मित्र।
अलिंजर (सं.) [सं-पु.] 1. पानी रखने का मिट्टी का पात्र; घड़ा 2. सुराही; झंझर।
अलिंद (सं.) [सं-पु.] 1. भौंरा 2. दरवाज़े के सामने का चौतरा; चबूतरा 3. छज्जा 4. द्वार-कोष्ठ; पौर 5. एक प्राचीन जनपद का नाम।
अलि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. भौंरा 2. कोयल 3. कौआ 4. बिच्छू 5. मदिरा 6. वृश्चिक राशि।
अलिक (सं.) [सं-पु.] माथा; ललाट।
अलिखित (सं.) [वि.] 1. जो न लिखा गया हो; जो लिख कर दर्ज न किया गया हो 2. ज़बानी; अनौपचारिक 3. समझदारी के तहत चुपचाप कायम।
अलिप्त (सं.) [वि.] 1. जो लिप्त न हो; लीन न हो; तत्पर न हो 2. असंलग्न 3. निर्दोष 4. जिसमें लाग-लपेट न हो 5. जो लिपा हुआ न हो; जिसमें लेप न लगा हो।
अलिफ़ (अ.) [सं-पु.] उर्दू वर्णमाला का पहला वर्ण।
अलिफ़लैला (अ.) [सं-स्त्री.] हज़ार रातों तक चलने वाली दास्तान।
अलिवृति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. भौंरों की तरह जगह-जगह घूमकर रस लेने की आदत; हरजाईपन 2. घर-घर से पका हुआ भोजन माँगकर पेट भरना 3. मधुकरी।
अली1 (सं.) [सं-स्त्री.] 1. सखी; सहेली 2. पंक्ति; कतार।
अली2 (अ.) [सं-पु.] 1. मुहम्मद साहब के दामाद; इमाम हुसैन के पिता 2. मुसलमानों के चौथे खलीफ़ा।
अलीक (सं.) [वि.] 1. बे-सिर पैर का 2. मिथ्या-झूठा 3. मर्यादा-रहित 4. अल्प; थोड़ा 5. सारहीन। [सं-पु.] अप्रतिष्ठा।
अलीन [वि.] 1. जो किसी में लीन न हो 2. अलग; विरत 3. जो उपयुक्त या ठीक न हो 4. अनुचित।
अलील (अ.) [वि.] 1. जिसे कोई रोग हुआ हो 2. रुग्ण; बीमार।
अलीह (सं.) [वि.] 1. झूठ; मिथ्या 2. असंभव 3. अनुचित।
अलुक (सं.) [सं-पु.] 1. व्याकरण में समास का एक भेद जिसमें पूर्वपद की विभक्ति का लोप नहीं होता 2. आलूबुखारा नामक फल।
अलुब्ध (सं.) [वि.] 1. लोभरहित 2. अमोहित।
अलेख (सं.) [सं-पु.] 1. अज्ञेय 2. अदृश्य 3. अनगिनत; बेहिसाब 4. दुर्बोध।
अलेखबद्ध (सं.) [वि.] 1. अलिपिबद्ध 2. बिना दर्ज किया हुआ 3. अनाकलित।
अलेखी (सं.) [वि.] 1. जिसका कोई लेखा या हिसाब न हो; बेहिसाब 2. बहुत अधिक 3. अन्यायी; अंधेर करने वाला 4. जो दिखाई न दे 5. जिसपर किसी का लक्ष्य या ध्यान न हो।
अलेल [सं-पु.] 1. क्रीड़ा; कलोल 2. खेल।
अलेलह [क्रि.वि.] 1. जितना चाहिए उससे अधिक 2. बहुत अधिक; प्रचुर।
अलैंगिक (सं.) [वि.] जिसमें स्त्री या पुरुष में से किसी का लिंग अथवा चिह्न वर्तमान न हो; (असेक्सुअल)।
अलॉट (इं.) [क्रि-स.] आवंटित करना; सौंपना; ज़िम्मेदारी देना।
अलॉटमेंट (इं.) [सं-पु.] 1. आवंटन; बँटवारा 2. भाग 3. बाँटने की क्रिया 4. निर्धारित हिस्सा।
अलोकतांत्रिक (सं.) [वि.] 1. लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ़; गैरलोकतांत्रिक; लोकतंत्र विरोधी 2. मनमानीपूर्ण।
अलोकनीय (सं.) [वि.] 1. जो देखने योग्य न हो 2. अदृश्य।
अलोकप्रिय (सं.) [वि.] 1. जनसामान्य में जिसकी कोई पैठ न हो 2. जो जनसामान्य के लिए प्रिय न हो 3. जिसे जनसामान्य नापसंद करता हो।
अलोकप्रियता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. गैरमकबूलियत 2. बदनामी; अपयश।
अलोप (सं.) [सं-पु.] एक पेड़ जो सदा हरा रहता है तथा जिसकी लकड़ी चिकनी और मज़बूत होती है।
अलोभी (सं.) [वि.] जो लोभी या लालची न हो; अलोलुप।
अलोल (सं.) [वि.] 1. जो हिलता-डुलता न हो 2. स्थिर।
अलौकिक (सं.) [वि.] 1. जो इस लोक का न हो; लोकोत्तर 2. अद्भुत; अपूर्व 3. दिव्य; अनोखा 4. सर्वसुंदर; सर्वश्रेष्ठ 5. परलोक से संबंधित।
अलौकिकता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. पारलौकिकता; लोकोत्तरता 2. दिव्यता 3. अपूर्वता 4. अनोखापन; अनूठापन 5. विरलता 6. असाधारणता।
अलौकिक शृंगार (सं.) [सं-पु.] शृंगार का वह रूप जिसमें अनुराग का आलंबन कोई पार्थिव प्राणी न होकर भगवान, ईश्वर या कोई इष्टदेव होता है।
अलौह (सं.) [वि.] 1. जो लोहे का न बना हो 2. जिसमें लोहे का अंश न हो; अलौहिक 3. जो मज़बूत इरादे वाला न हो; जो फ़ौलादी न हो।
अल्क (सं.) [सं-पु.] 1. एक प्रकार का वृक्ष 2. अवयव; अंग।
अल्कोहल (इं.) [सं-पु.] मद्यसार।
अल्टीमेटम (इं.) [सं-पु.] अंतिम चेतावनी या सूचना; निश्चित अवधि में कार्य पूरा कर लेने की चेतावनी।
अल्ट्रावायलेट (इं.) [वि.] 1. पराबैंगनी 2. पराबैंगनी किरणों का; पराबैंगनी किरणों के प्रयोग से संबंधित; जिसमें पराबैंगनी किरणों का प्रयोग हो।
अल्ट्रासाउंड (इं.) [सं-पु.] 1. अतिसूक्ष्म ध्वनि तरंगों का उपयोग कर शरीर के अंदर के अंगों को देखने की पद्धति 2. श्रवणातीत या पराश्रव्य ध्वनि 3. श्रवणातीत ध्वनि तरंगें।
अल्प (सं.) [वि.] 1. कम; थोड़ा 2. कुछ; किंचित 3. तुच्छ 4. मरणशील 5. कम उम्र का 6. विरल। [सं-पु.] (काव्यशास्त्र) एक अलंकार जिसमें आधेय की तुलना में आधार की तुच्छता दर्शाई जाती है।
अल्पक (सं.) [वि.] 1. थोड़ा; न्यून; सूक्ष्म 2. छोटा; लघुकाय 3. कमतर।
अल्पकाल (सं.) [सं-पु.] थोड़ा समय; छोटी अवधि।
अल्पकालिक (सं.) [वि.] 1. थोड़े समय का; छोटी अवधि वाला 2. छोटी अवधि के लिए नियत।
अल्पकालिकता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अल्पकालिक या अल्पावधि होने की प्रकृति 2. अल्पकालिक होने की सीमा या बंदिश।
अल्पकालीन (सं.) [वि.] अल्पकालिक।
अल्पजीवी (सं.) [वि.] अल्पायुवाला; कम उम्रवाला।
अल्पज्ञ (सं.) [वि.] 1. कम जानने वाला; कम ज्ञान रखने वाला 2. अबोध।
अल्पज्ञता (सं.) [सं-स्त्री.] अल्पज्ञ होने की अवस्था या भाव।
अल्पज्ञात (सं.) [वि.] 1. जिसे बहुत कम लोग जानते हों 2. जिसके बारे में बहुत कम जानकारी हो।
अल्पज्ञान (सं.) [सं-पु.] 1. कम जानकारी; कम समझ 2. कम पढ़ाई-लिखाई; अर्धशिक्षा 3. अकुशलता।
अल्पतंत्र (सं.) [सं-पु.] 1. ऐसा तंत्र या शासन जो समाज के थोड़े से लोगों द्वारा संचालित होता हो; लोकतंत्र का विपरीत शासन 2. कुलतंत्र या कुलीनतंत्र।
अल्पतः (सं.) [क्रि.वि.] थोड़े से; थोड़े में।
अल्पतम (सं.) [वि.] कम से कम; मात्रा, परिमाण आदि के विचार से न्यूनतम।
अल्पतर (सं.) [वि.] पहले से थोड़ा और कम; कम से और कम।
अल्पता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अल्प या थोड़ा होने की दशा या भाव 2. कमी; न्यूनता 3. लघुता; छोटाई।
अल्पदृष्टि (सं.) [वि.] 1. संकीर्ण या संकुचित दृष्टि वाला 2. अदूरदर्शी।
अल्पना (सं.) [सं-स्त्री.] रंगोली।
अल्पपारदर्शक (सं.) [वि.] जो कम पारदर्शक हो; जिसके आर-पार बहुत कम दिखता हो; पारभासी या पारभासक।
अल्पप्राण जिन ध्वनियों के उच्चारण में श्वासवायु का वेग कम होता है, जैसे- हिंदी में 'क्, ग्, ङ्, च्, ज्, ञ्, ट्, ड्, ण्, त्, द्, न्, प् ब्, म्, र्, ल्, ड़्'।
अल्पबचत (सं.) [सं-स्त्री.] कम बचत; बहुत थोड़ी बचत। [वि.] कम बचत वाला।
अल्पबुद्धि (सं.) [वि.] कमअक्ल; मंदबुद्धि; अल्पमति।
अल्पभाषित (सं.) [वि.] 1. कम कहा हुआ 2. कम समझाया गया; कम व्याख्यायित।
अल्पभाषी (सं.) [वि.] कम बोलने वाला; मितभाषी।
अल्पमत (सं.) [सं-पु.] 1. वह मत जिसके अनुयायी या समर्थक कम हों; थोड़े से लोगों का मत 2. अल्पसंख्यक पक्ष या समुदाय।
अल्पमात्रा (सं.) [सं-स्त्री.] थोड़ी मात्रा; कम परिमाण।
अल्पवयस (सं.) [वि.] कम उम्र वाला; अल्पायु।
अल्पवयस्क (सं.) [वि.] 1. जिसकी अवस्था अभी कम या थोड़ी हो; थोड़ी उम्र का 2. जो अभी वयस्क न हुआ हो; अवयस्क।
अल्पवयस्कता (सं.) [सं-स्त्री.] कम उम्री; वयस्कता से कम की अवस्था; नाबालिगपन; किशोरवयता।
अल्पविकसित (सं.) [वि.] कम विकसित या प्रस्फुटित; अधखिला।
अल्पविराम (सं.) [सं-पु.] 1. अर्थबोध के लिए किसी शब्द अथवा उक्ति के बाद थोड़ा ठहरना 2. अल्पविराम का चिह्न (,); (कॉमा)।
अल्पव्यय (सं.) [सं-पु.] कम ख़र्च; थोड़े में काम चलाना।
अल्पव्ययी (सं.) [वि.] 1. मितव्ययी; कमख़र्च 2. कंजूस; कृपण।
अल्पशः (सं.) [क्रि.वि.] 1. थोड़-थोड़ा करके 2. क्रमशः 3. धीरे-धीरे।
अल्पसंख्यक (सं.) [वि.] कम संख्या वाला; जो गिनती या संख्या में कम हो। [सं-पु.] कम जनसंख्या वाला समुदाय।
अल्पस्मृत (सं.) [वि.] 1. जिसे कम याद किया जाए 2. जिसकी स्मृति धुँधली हों।
अल्पांग (सं.) [वि.] 1. जिसमें किसी अंग या अवयव की कमी हो 2. खंडित; अपूर्ण।
अल्पाक्षरिक (सं.) [वि.] जिसमें अक्षर कम हों।
अल्पाधिकार (सं.) [सं-पु.] सीमित अधिकार; नियंत्रित अधिकार।
अल्पायु (सं.) [वि.] अल्पजीवी; कम आयु वाला।
अल्पार्थक (सं.) [सं-पु.] 1. वह अक्षर या शब्द जो किसी वस्तु के छोटे रूप का वाचक हो 2. अल्पक। [वि.] जो बहुत ही छोटा या अतिसूक्ष्म हो।
अल्पावकाश (सं.) [सं-पु.] 1. थोड़े समय की छुट्टी 2. थोड़ी मोहलत 3. कम गुंजाइश।
अल्पावधि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कम समय की अवधि 2. थोड़ी अवधि।
अल्पाहार (सं.) [सं-पु.] 1. नाश्ता 2. सामान्य से कम भोजन या आहार 3. छोटी ख़ुराक।
अल्पाहारी (सं.) [वि.] जिसका आहार संयत या सीमित हो; जिसकी ख़ुराक कम हो।
अल्पित (सं.) [वि.] 1. घटाया हुआ; कम किया हुआ 2. उपेक्षित।
अल्पिष्ठ (सं.) [वि.] कम से कम या बहुत कम।
अल्पीकरण (सं.) [सं-पु.] 1. कम करने की क्रिया या भाव; न्यूनीकरण 2. अधिकार या प्रतिष्ठा का घटना।
अल्पेतर (सं.) [वि.] 1. अल्प से इतर यानी अधिक; बहुत 2. बड़ा 3. अनेक।
अल्ल (अ.) [सं-पु.] वंश, कुल आदि का विशिष्ट नाम, कुलनाम या सरनेम जो लगातार पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता रहता है। हिंदुओं में एक ही अल्ल में शादी करना वर्जित है।
अल्ल-बल्ल [वि.] आएँ-बाएँ; बिलकुल निरर्थक; बकवासपूर्ण।
अल्लम गल्लम [सं-पु.] 1. बकवास; अनाप-शनाप 2. निरर्थक; फालतू; बेकार।
अल्ला [सं-पु.] दे. अल्लाह।
अल्लामा (अ.) [वि.] बड़ा आलिम; ज्ञाता; बुद्धिमान या विद्वान; महापंडित; विवेकवान।
अल्लाह (अ.) [सं-पु.] मुस्लिम समुदाय का आराध्य; ख़ुदा; ईश्वर। [मु.] -को प्यारा होना : मर जाना।
अल्लाहताला [सं-पु.] अल्लाह जो सबसे बढ़कर है; परमेश्वर।
अल्सर (इं.) [सं-पु.] व्रण; फोड़ा; नासूर।
अल्हड़ (सं.) [वि.] 1. लापरवाह; मनमौजी; मस्त 2. अनाड़ी 3. अनुभवहीन; दुनियादारी न जानने वाला 4. उद्धत 5. गँवार 6. सरल; भोला 7. अल्पवयस्क। [सं-पु.] बिना दाँत का और खेत में न जोता जाने लायक बछड़ा।
अल्हड़पन (सं.) [सं-पु.] 1. लड़कपन 2. मनमौजीपन 3. बालसुलभ मस्ती और लापरवाही 4. निश्छलता 5. दुनियादारी में कच्चापन 6. भोलापन; सरलता 7. गँवारपन 8. अनाड़ीपन।