Hin Dict_a8 - हिंदी शब्दकोश - अ8


अंतर्याम (सं.) [सं-पु.] 1. अंतःकरण या मन की भाव दशा 2. मानसिक योग; ध्यान।
अंतर्यामिता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अंतर्यामी होने का भाव या गुण 2. औरों के मन की बात को बिना उनके कहे जान लेने की शक्ति।
अंतर्यामी (सं.) [सं-पु.] 1. अंतःकरण में स्थित जीव को प्रेरित करने वाला; ईश्वर। [वि.] हृदय की बात जानने वाला।
अंतर्योग (सं.) [सं-पु.] 1. गहराई से किया जाने वाला चिंतन-मनन 2. मानसिक योग 3. ध्यान; एकाग्रता।
अंतर्रति (सं.) [सं-स्त्री.] आत्मरति; स्वयं अपने ऊपर मुग्ध होने का भाव।
अंतर्लंब (सं.) [सं-पु.] 1. (रेखागणित) त्रिभुज के किसी शीर्ष से सामने वाली आधार-रेखा पर त्रिभुज के परिक्षेत्र के भीतर ही डाला गया लंब; लंब रेखा 2. बहुभुज के दो शीर्षों को मिलाने वाली रेखा पर किसी तीसरे शीर्ष से बहुभुज परिक्षेत्र के अंतर्गत डाला गया लंब (ज्यामिति)।
अंतर्लापिका (सं.) [सं-स्त्री.] ऐसी पहेली जिसका उत्तर उसकी पद-योजना में ही निहित हो।
अंतर्लीन (सं.) [वि.] 1. आत्मलीन; अपने में मगन रहने वाला; ख़यालों में खोया रहने वाला 2. भीतर छिपा हुआ 3. अंतर्मनस्क; ध्यानमग्न; तल्लीन, जैसे- विचारों में अंतर्लीन।
अंतर्वर्ती (सं.) [वि.] 1. अंदर पाया जाने वाला 2. भीतर रहने वाला; आंतरिक 3. अंतर्व्यापी 4. एक अवस्था से दूसरी अवस्था में परिवर्तन से उत्पन्न; संक्रांति का; (इमेनेंट ट्रांजिशनल)।
अंतर्वस्तु (सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी पुस्तक आदि में जो वर्णित या लिखित हो; अंतःसार 2. किसी कृति का कथ्य या विषय-वस्तु 3. किसी पात्र, पेटी आदि के अंदर रखी हुई सामग्री; (कंटेंट्स) 4. मूल विषय।
अंतर्वस्त्र (सं.) [सं-पु.] बाहरी पोशाक के नीचे पहने हुए भीतरी कपड़े; अंतर्परिधान, जैसे- कच्छा, बनियान, समीज आदि; (अंडरवियर)।
अंतर्वाणिज्य (सं.) [सं-पु.] किसी देश के अंदर या उसकी सीमा के भीतर होने वाला वाणिज्य-व्यापार; आभ्यंतर व्यापार; (इंटरनल ट्रेड)।
अंतर्वाणी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. आत्मा की आवाज़ 2. हृदय या चित्त का भाव संसार।
अंतर्वासी (सं.) [सं-पु.] 1. अंदर रहने वाला व्यक्ति 2. गुप्त स्थान पर रहने वाला व्यक्ति 3. {ला-अ.} अंतःकरण में वास करने वाला, जैसे- ईश्वर या आत्मा।
अंतर्वाहिनी (सं.) [सं-स्त्री.] भीतर बहने वाली धारा; अंतःसलिला।
अंतर्विकार (सं.) [सं-पु.] 1. मन का कोई विकार या दोष; मानसिक विकार 2. शरीर का स्वाभाविक धर्म; शारीरिक आवेग, जैसे- भूख, प्यास आदि 3. मानसिक अनुभूति।
अंतर्विरोध (सं.) [सं-पु.] 1. किसी कार्य या बात में एक ही समय में परस्पर विरोधी स्वर या स्थितियाँ; मतवैभिन्य 2. भीतरी विरोध; आंतरिक द्वंद्व।
अंतर्विवाह (सं.) [सं-पु.] 1. समाज निर्धारित समूह के अंतर्गत होने वाला विवाह 2. अपनी जाति या कुटुंब के अंदर ही किया जाने वाला विवाह।
अंतर्विष्ट (सं.) [वि.] अंदर मिलाया हुआ या अंदर शामिल किया हुआ; किसी वस्तु में जोड़ा गया; सन्निविष्ट; अंतर्वेशित; (इनक्लूडिड)।
अंतर्वृत्त (सं.) [सं-पु.] (ज्यामिति) किसी आकृति या त्रिभुज के अंदर खींचा गया वृत्त जो उसकी समस्त भुजाओं को स्पर्श करता हो; (इनसर्किल)।
अंतर्वेग (सं.) [सं-पु.] 1. अशांति, चिंता आदि भावनाओं का वेग 2. शरीर में बना रहने वाला बुख़ार।
अंतर्वेद (सं.) [सं-पु.] 1. दो नदियों के बीच का पाट; दोआब 2. गंगा और यमुना के बीच का प्रदेश; ब्रह्मावर्त्त; उत्तर भारत।
अंतर्वेदना (सं.) [सं-स्त्री.] हृदय की वेदना; अंतर्व्यथा; मानसिक व्यथा।
अंतर्वेशन (सं.) [सं-पु.] 1. किसी वस्तु या समूह के भीतर उसी तरह की कोई वस्तु बाहर से लाकर रखना; सम्मिलित करने का कार्य; (इनक्लूज़न) 2. अंदर छिपाना या रखना 3. (पुस्तक आदि में) मूल लेखक से भिन्न लेखक द्वारा बाद में अतिरिक्त भाग जोड़ना 4. प्रक्षिप्त अंश; प्रक्षेप।
अंतर्वेशित (सं.) [वि.] 1. अंदर छिपाया हुआ; अंदर रखा हुआ 2. जिसे शामिल किया गया हो।
अंतर्व्याप्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अंदर का फैलाव; अंतःप्रसार 2. पहुँच; पैठ।
अंतर्हित (सं.) [वि.] 1. अंदर समाहित; निहित 2. गूढ़ 3. जो अदृश्य हो; अंतर्धान; गायब 4. खोया हुआ 5. (कविता आदि) जिसके अर्थ में व्यंजना हो।
अंतवेला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अंतिम समय; अंतकाल 2. मृत्यु का समय।
अंतश्चेतना (सं.) [सं-स्त्री.] 1. आंतरिक चेतना; अंतर्ज्ञान; अंतर्बोध 2. अंतरात्मा।
अंतस् (सं.) [अव्य.] 1. 'अंतर्' का सामासिक रूप 2. भीतर; बीच में; मध्य 3. मन; मानस।
अंतस्तल (सं.) [सं-पु.] 1. हृदयस्थल 2. अचेतन या सुप्त मन।
अंतस्ताप (सं.) [सं-पु.] मनस्ताप; अंदर का क्लेश; संताप।
अंतस्थ (सं.) [वि.] 1. भीतर रहने वाला 2. भीतर से संबंधित 3. मन में होने या रहने वाला; हृदयस्थ; अंतःकरण में स्थित। [सं-पु.] 1. हिंदी में व्यंजन वर्णों की एक कोटि जिसमें य्, र्, ल्, व् आते हैं 2. स्वर और व्यंजन के बीच की ध्वनि।
अंतस्थ ध्वनियाँ संस्कृत में 'य्, र्, ल्, व्' को अंतस्थ ध्वनियाँ कहा गया है।
अंतस्थ राज्य (सं.) [सं-पु.] दो बड़े राज्यों के बीच पड़ने वाला वह राज्य जिसे लेकर उन दोनों के बीच संघर्ष की आशंका नगण्य हो; अंतराल राज्य; मध्यवर्ती राज्य; (बफ़र स्टेट)।
अंतस्थल (सं.) [सं-पु.] 1. हृदय या मन का आंतरिक भाग 2. अंतःकरण; मानस 3. अचेतन या सुप्त मन।
अंतस्नान (सं.) [सं-पु.] यज्ञ की समाप्ति पर किया जाने वाला स्नान।
अंतस्सलिला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. लोकमान्यता के अनुसार धरती के अंदर ही अंदर बहने वाली एक नदी या धारा; अंतःसलिला 2. सरस्वती नदी 3. {ला-अ.} चेतना या भावना की अंतर्धारा।
अंतस्सार (सं.) [सं-पु.] दे. अंतःसार।
अंतहीन (सं.) [वि.] 1. जिसका अंत न हो 2. जिसकी सीमा न हो; असीम; सीमाहीन; निस्सीम, जैसे- अतंहीन आकाश 3. अगणनीय; अनंत।
अंतिक (सं.) [सं-पु.] 1. पड़ोस 2. सामीप्य; निकटता 3. वह जो पड़ोस में रहता हो। [वि.] 1. पास या समीप रहने वाला; नज़दीकी 2. अंत तक जाने या पहुँचने वाला।
अंतिम (सं.) [वि.] 1. आख़िरी; अंत का; (फ़ाइनल) 2. पूर्णता के ठीक पूर्व की अवस्थावाला 3. निर्धारित 4. सीमावर्ती 5. परम 6. नितांत 7. किनारे वाला। [मु.] -घड़ियाँ गिनना : अंत या मृत्यु के निकट होना।
अंतिमोत्तर (सं.) [वि.] अंतिम के बाद का; जो अंत के उपरांत हो।
अंतेवासी (सं.) [सं-पु.] 1. छात्रावास में रहने वाला; गुरुकुल का विद्यार्थी 2. किसी कारखाने या कार्यालय में आगे चलकर नौकरी पाने की आशा में प्रशिक्षु के रूप में काम करने वाला; (अप्रेंटिस)। [वि.] समीप रहने वाला; नज़दीकी।
अंतोन्मुखी (सं.) [वि.] 1. अंत की ओर अग्रसर 2. मृत्यु की ओर जाने वाला।
अंत्य (सं.) [वि.] 1. अंतिम; आख़िरी 2. सबसे नीचे या पीछे का; बाद का। [सं-पु.] 1. शब्द का अंतिम वर्ण 2. अंतिम नक्षत्र 3. अंतिम लग्न 4. अंतिम चंद्रमास; फाल्गुन।
अंत्यकर्म (सं.) [सं-पु.] अंत्येष्टि; दाहकर्म।
अंत्यशेष (सं.) [सं-पु.] वह रकम या धन जो किसी खाते आदि को बंद करने के बाद बचे; (बैलेंस)।
अंत्याक्षर (सं.) [सं-पु.] 1. किसी शब्द या पद का अंतिम अक्षर 2. किसी कविता में चरण का अंतिम अक्षर 3. हिंदी वर्णमाला का अंतिम अक्षर 'ह'।
अंत्याक्षरी (सं.) [सं-स्त्री.] कविता वाचन या गीत गायन का एक खेल जिसमें एक व्यक्ति द्वारा पढ़ी गई कविता या गाए गए गीत के अंतिम अक्षर से ही शुरू हुई कोई कविता या गीत अगला प्रतिभागी या व्यक्ति पढ़ता है।
अंत्यानुप्रास (सं.) [सं-पु.] 1. शब्दालंकार नामक अनुप्रास का एक भेद, जहाँ पदांत में एक ही स्वर और एक ही व्यंजन की आवृत्ति होती है, जैसे- ...सोय,...होय 2. तुक।
अंत्याश्रम (सं.) [सं-पु.] हिंदू परंपरा के अनुसार मानव जीवन के चार आश्रमों- ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास में से अंतिम 2. संन्यास आश्रम।
अंत्याश्रमी (सं.) [वि.] अंतिम आश्रम (संन्यासाश्रम) में जीवन यापन करने वाला। [सं-पु.] संन्यासी।
अंत्येष्टि (सं.) [सं-स्त्री.] मृतक का अंतिम संस्कार; दाहकर्म; मृतककर्म।
अंत्येष्टिगृह (सं.) [सं-पु.] ऐसा स्थान जहाँ शव की अंत्येष्टि-क्रिया या दाहकर्म किया जाता है; श्मशान; शवदाहगृह।
अंत्योदय (सं.) [सं-पु.] आर्थिक रूप से कमज़ोर और पिछड़े वर्गों का उदय या विकास करने की क्रिया या भाव।
अंत्र (सं.) [सं-पु.] आँत; अँतड़ी।
अंत्रदाह (सं.) [सं-पु.] आँतों में होने वाली जलन; अंत्रप्रदाह।
अंत्रप्रदाह (सं.) [सं-पु.] आँतों में होने वाली जलन; अंत्रदाह।