Hin Dict_u7 - हिंदी शब्दकोश - उ7

उत्पाटक (सं.) [सं-पु.] एक प्रकार का कर्ण रोग। [वि.] उखाड़ने वाला।
उत्पाटन (सं.) [सं-पु.] 1. उखाड़ना 2. उन्मूलन 3. जमे, ठहरे या टिके हुए को परेशान करके उसके स्थान से हटाना 4. किसी अंग को काटकर अलग करना; अंगविच्छेद (चिकित्सा में)।
उत्पाटित (सं.) [वि.] 1. जड़ से उखाड़ा हुआ; उन्मूलित 2. अपने स्थान से पीड़ित करके हटाया हुआ 3. बलात पदच्युत करना।
उत्पात (सं.) [सं-पु.] 1. ख़ुराफ़ात; उपद्रव, विपत्ति, आकस्मिक दुर्घटना 2. अचानक उछलना, छलाँग, ऊपर उठना।
उत्पाती (सं.) [वि.] 1. उत्पात या हुड़दंग मचाने वाला 2. मारपीट या दंगा-फ़साद करने वाला; उपद्रव 3. शरारती; नटखट 4. ख़ुराफ़ाती।
उत्पाद (सं.) [सं-पु.] 1. उपज 2. उत्पत्ति 3. उत्पन्न की हुई वस्तु 4. निर्मित वस्तु।
उत्पादक (सं.) [वि.] 1. उत्पादन करने वाला 2. जिससे कुछ उत्पादन हो।
उत्पादकता (सं.) [सं-स्त्री.] उत्पादन संबंधी कार्यक्षमता; उत्पादिता।
उत्पाद कर (सं.) [सं-पु.] किसी वस्तु के उत्पादन पर राज्य द्वारा लिया गया या लगाया जाने वाला कर या शुल्क; उत्पाद-शुल्क।
उत्पादन (सं.) [सं-पु.] 1. उत्पन्न करना 2. पैदा करना 3. पैदावार; उपज 4. बनाना; (प्रोडक्शन)।
उत्पाद शुल्क (सं.) [सं-पु.] किसी निर्माण इकाई या फ़ैक्टरी में बनने वाली वस्तुओं पर राज्य द्वारा लिया गया कर या शुल्क; उत्पाद कर; (एक्साइज़ ड्यूटी)।
उत्पादित (सं.) [वि.] 1. पैदा किया हुआ; उत्पन्न 2. उपजाया हुआ 3. उद्योग या कारख़ाने से बन कर निकली या खान से निकाली गयी वस्तु।
उत्पादी (सं.) [वि.] उत्पन्न करने वाला या उपजाने वाला।
उत्पाद्य (सं.) [वि.] 1. जिसका उत्पादन किया जा सके 2. उत्पादन के योग्य 3. उपनिषदों के अनुसार ऐसा कर्म जिसके द्वारा कोई वस्तु उत्पन्न होती है।
उत्पीड़क (सं.) [वि.] 1. कष्ट देने वाला 2. दबाने वाला 3. अत्याचारी 4. त्रासप्रद 5. पीड़ा पहुँचाने वाला।
उत्पीड़न (सं.) [सं-पु.] 1. दबाना 2. तकलीफ़ देना 3. पीड़ा पहुँचाना 4. अत्याचार 5. पीड़ित करने की क्रिया या भाव।
उत्पीड़ित (सं.) [वि.] 1. जिसे दबाया गया हो 2. जिसे पीड़ा दी गई हो 3. सताया हुआ 4. जिसपर अत्याचार हुआ हो।
उत्प्रवास (सं.) [सं-पु.] 1. स्वदेशत्याग 2. विदेशगमन 3. अपना देश छोड़कर विदेश में जा बसना।
उत्प्रवासी (सं.) [सं-पु.] 1. प्रवासी 2. दूसरे देश में बसने वाला। [वि.] उत्प्रवास संबंधी।

उत्प्रेक्षक (सं.) [वि.] उत्प्रेक्षा करने वाला; देखने समझने वाला; वितर्क करने वाला।
उत्प्रेक्षण (सं.) [सं-पु.] 1. ऊपर की ओर देखना 2. सावधान होकर ऊपर की ओर देखना या सोचना 3. तुलना।
उत्प्रेक्षा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. उद्भावना 2. संभावना; अनुमान 3. उपेक्षा 4. उदासीनता 5. (काव्यशास्त्र) एक अर्थालंकार जिसमें उपमेय में उपमान की संभावना की जाती है।
उत्प्रेरक (सं.) [वि.] 1. किसी घटना या क्रिया को बढ़ावा देने वाला; उद्दीपक 2. प्रोत्साहित करने वाला; प्रेरणा देने वाला 3. (रसायन विज्ञान) किसी रासायनिक क्रिया की गति को बढ़ाने वाला वह पदार्थ जो स्वयं अपरिवर्तित रहता है।
उत्प्रेरणा (सं.) [सं-पु.] प्रेरित करने की क्रिया या भाव।
उत्प्रेरित (सं.) [वि.] उत्साहित; क्रियाशील।
उत्प्लवन (सं.) [सं-पु.] 1. कूदना; उछलना; हवा में तैरना 2. तेल, घी आदि के ऊपर तैरते मैल को कुश के माध्यम से हटाने की क्रिया।
उत्फुल्ल (सं.) [वि.] 1. पूर्णतः विकसित; खिला हुआ 2. आनंद युक्त।
उत्संग (सं.) [सं-पु.] 1. गोद; अंक; क्रोड़ 2. योग; संपर्क 3. मध्य भाग 4. नितंब के ऊपर का भाग 5. घर के सबसे ऊपरी भाग का शिखर; चोटी 6. सतह 7. ढाल 8. प्राचीन भारत में राजकुमार के जन्मोत्सव पर राजाओं और प्रजावर्ग से उपहार स्वरूप लिया जाने वाला धन।
उत्संगित (सं.) [वि.] 1. गोद में लिया हुआ 2. गले लगाया हुआ; आलिंगित 3. संपर्क में आया हुआ।
उत्स (सं.) [सं-पु.] 1. जल का स्रोत; जलमय स्थान; सोता 2. निर्झर; झरना।

उत्सन्न (सं.) [वि.] 1. ऊपर की ओर उठाया हुआ; ऊँचा 2. उखाड़ा हुआ; उच्छिन्न 3. बढ़ा हुआ 4. पूरा किया हुआ।
उत्सर्ग (सं.) [सं-पु.] 1. त्यागना; छोड़ना 2. न्योछावर करना 3. समापन (अध्ययन आदि का) 4. सामान्य नियम 5. दान 6. व्यय।
उत्सर्गी (सं.) [वि.] दूसरे के लिए स्वयं का उत्सर्ग या त्याग करने वाला।
उत्सर्जन (सं.) [सं-पु.] 1. उत्सर्ग करने की क्रिया या भाव 2. त्याग; छोड़ना; दान 3. बलिदान।
उत्सर्जित (सं.) [वि.] 1. निकला हुआ; छोड़ा हुआ 2. उत्सर्ग किया हुआ 3. त्यागा हुआ।
उत्सर्पण (सं.) [सं-पु.] 1. ऊपर की ओर चढ़ने, जाने या बढ़ने की क्रिया या भाव; उठना 2. उल्लंघन करना 3. फूलना 4. फैलना।
उत्सर्पी (सं.) [वि.] 1. ऊपर की ओर चढ़ने, जाने या बढ़ने वाला 2. अति उत्तम।
उत्सव (सं.) [सं-पु.] 1. त्योहार; पर्व 2. आनंद और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला शुभ मंगल कार्य, जैसे- विवाह आदि।
उत्सवप्रियता (सं.) [सं-स्त्री.] उत्सवधर्मिता; उत्सव के प्रति अनुराग।
उत्साह (सं.) [सं-पु.] 1. उमंग; जोश; उछाह 2. हौसला; साहस; हिम्मत; दृढ़ संकल्प 3. मन की वह वृत्ति जिसमें व्यक्ति प्रसन्नचित्त और किसी कार्य के लिए तत्पर होता है 4. क्षमता; योग्यता 5. 'वीर रस' का स्थायी भाव।
उत्साहक (सं.) [वि.] 1. उत्साह देने या उत्साहित करने वाला 2. कर्मठ; क्रियाशील; अध्यवसायी।
उत्साहपूर्वक (सं.) [क्रि.वि.] तहे दिल से; खुले मन से; ख़ुशी-ख़ुशी; उत्साह युक्त।
उत्साहवर्धक (सं.) [वि.] उत्साह से भरा हुआ; उत्साह में वृद्धि करने वाला।
उत्साहवर्धन (सं.) [सं-पु.] 1. उत्साह की वृद्धि 2. उत्साह का बढ़ना।

उत्साहहीन (सं.) [वि.] 1. जिसमें उत्साह न रह गया हो; जो उत्साही न हो; उत्साहरहित; हतोत्साहित।
उत्साहित (सं.) [वि.] 1. उत्साह से युक्त 2. तत्परतापूर्वक किसी काम में लगने वाला 3. आनंदपूर्वक कोई काम करने वाला 4. जिसके मन में हर काम के लिए और हर समय उत्साह रहता हो।
उत्साही (सं.) [वि.] 1. उत्साहयुक्त 2. आनंद तथा तत्परता के साथ काम में लगने वाला 3. हौसले वाला 4. उमंगवाला।
उत्सिक्त (सं.) [वि.] 1. जिसपर जल आदि छिड़का गया हो 2. अभिषिक्त 3. प्लावित।
उत्सुक (सं.) [वि.] 1. उत्कंठित; जिसमें उत्कट इच्छा हो; बहुत चाहने वाला; बेचैन 2. प्रयत्नशील।
उत्सुकता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. उत्सुक होने का भाव 2. जिज्ञासा 3. आसक्ति; प्रेम 4. अधीरता 5. प्रबल इच्छा 6. उत्कंठा।
उत्सुकतावश (सं.) [क्रि.वि.] उत्सुकता या जिज्ञासा के साथ; प्रबल इच्छा के साथ; उत्कंठावश।
उत्सृष्ट (सं.) [वि.] 1. छोड़ा या त्यागा हुआ 2. उत्सर्ग किया हुआ; परित्यक्त 3. प्रयोग में लाया हुआ 4. उड़ेला हुआ।
उत्सेक (सं.) [सं-पु.] 1. उफनकर बहना 2. ऊपर की ओर उठना या बढ़ना 3. वृद्धि 4. अभिमान; घमंड 5. जल आदि का छिड़काव।
उत्सेकी (सं.) [वि.] 1. ऊपर से बहने वाला; उफनने वाला 2. प्लावित करने वाला।
उत्सेचन (सं.) [सं-पु.] 1. छिड़कने, सींचने या उफनने की क्रिया 2. उफान; उबाल।
उत्सेध (सं.) [सं-पु.] 1. ऊँचाई 2. वृद्धि 3. मोटाई; घनता 4. किसी वस्तु की कोई ऐसी आपेक्षिक ऊँचाई जो किसी विशिष्ट कोण, तल आदि के विचार से हो। [वि.] ऊँचा; बड़ा।
उथल-पुथल (सं.) [सं-स्त्री.] 1. भारी उलटफेर; उलट-पुलट; क्रमभंग 2. हलचल।

उथला [वि.] कम गहरा; छिछला।
उदंचन (सं.) [सं-पु.] 1. कुएँ आदि से पानी को ऊपर खींचने का पात्र; बालटी 2. ऊपर की ओर फेंकने, ले जाने या खींचने की क्रिया 3. आरोहण।
उदंचु (सं.) [वि.] जिसकी प्रवृत्ति ऊपर की तरफ़ जाने की हो; ऊर्ध्वगमनशील।
उदंत (सं.) [सं-पु.] ख़बर; समाचार; वार्ता।
उदंत्य (सं.) [वि.] सीमा अथवा परिधि के बाहर रहने वाला।
उद (सं.) [सं-पु.] जल; पानी।
उदक (सं.) [सं-पु.] जल; पानी।
उदक्य (सं.) [वि.] 1. उदक या जल में होने वाला 2. जल से युक्त; जलीय 3. जलस्थ। [सं-पु.] जल में होने वाला अन्न।
उदग्र (सं.) [वि.] 1. ऊपर की ओर उठा हुआ; उभरा हुआ; ऊँचा; उन्नत 2. विकसित; प्रवर्धित 3. प्रचंड; उग्र; प्रबल 4. भयंकर 5. विशाल।
उदजन (सं.) [सं-पु.] (रसायन शास्त्र) एक अदृश्य, गंधहीन और रंगहीन गैस जिससे पानी बनता है; (हाइड्रोजन)।
उदधि (सं.) [सं-पु.] 1. समुद्र; सागर 2. बादल 3. घड़ा।
उदन्य (सं.) [वि.] 1. जल संबंधी; जलीय 2. प्यासा।

उदबासना (सं.) [क्रि-स.] 1. किसी बसे हुए का घर उजाड़ना 2. बसे हुए स्थान से दूसरे स्थान पर भगा देना 3. तंग करके स्थान से हटाना; रहने में विघ्न डालना।

उदमान [वि.] उन्मत्त; मतवाला।