Hin Dict_K1 - हिंदी शब्दकोश - क1

क़ उच्चारण की दृष्टि से यह अलिजिह्वीय, अघोष, अल्पप्राण स्पर्श है। अरबी-फ़ारसी से आगत शब्दों में इस ध्वनि का प्रयोग किया जाता है। हिंदी वर्णमाला में यह अभी तक सम्मिलित नहीं किया गया है।
क ख ग [सं-पु.] {ला-अ.} किसी बात का आरंभिक या शुरुआती ज्ञान, जैसे- मुझे शास्त्रीय गायन का 'क ख ग' भी नहीं आता।
1 हिंदी वर्णमाला का व्यंजन वर्ण। उच्चारण की दृष्टि से यह कोमल तालव्य, अघोष, अल्पप्राण स्पर्श है। संस्कृत में इसे कंठ्य माना गया है।
2 [परप्रत्य.] यह प्रत्यय तत्सम क्रियाओं के बाद लगकर 'करने वाला' अर्थ देता है, जैसे- चालक, पालक, पाठक आदि।
कँकड़ीला [वि.] 1. कंकड़ों से भरा हुआ; पथरीला 2. जहाँ कंकड़ फैले हों (जगह या रास्ता) 3. किरकिरा; रेतीला।
कँकरीला [वि.] 1. कँकरी से युक्त; कँकड़ीला 2. जहाँ कंकड़ फैले हों।
कँखवारी [सं-स्त्री.] 1. काँख में होने वाली फुंसी; कँखौरी 2. बगल।
कँखौरी [सं-स्त्री.] 1. काँख; कुक्षि; बगल 2. काँख या बगल में होने वाला एक प्रकार का फोड़ा; कँखवारी।
कँगना [सं-पुं.] 1. कलाई में पहना जाने वाला एक गहना; कंगन; कड़ा 2. विवाह में कंगन बाँधते समय गाया जाने वाला एक लोकगीत। [सं-स्त्री.] खरपतवार या घास।

कँगला [वि.] 1. अत्यंत निर्धन; कंगाल 2. भुखमरी से पीड़ित; दुर्भिक्ष-पीड़ित 3. जिसका सब कुछ लुट गया हो 4. पराश्रित; परावलंबी।
कँगूरा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. शिखर; चोटी 2. इमारत की दीवार पर बने हुए छोटे-छोटे बुर्ज 3. कँगूरे की तरह की नक्काशी, छपाई जो इमारतों आदि में की जाती है।
कँगूरेदार (फ़ा.) [वि.] जिसमें शिखर के आकार की बनावट; जिसमें कँगूरे या शिखर बने हों।
कँघेरा [सं-पुं.] कंघी बनाने वाला कारीगर। [सं-स्त्री.] कंघेरिन।
कँचेरा [सं-पुं.] 1. काँच की चूड़ियाँ आदि बेचने वाला व्यक्ति 2. काँच की चीज़ें बनाने वाला व्यक्ति।
कँटबाँस [सं-पुं.] पतला और मज़बूत काँटेदार बाँस जिससे लाठी बनाई जाती है।
कँटिया [सं-स्त्री.] 1. छोटी कील 2. काँटा 3. मछली फँसाने वाली नुकीली अँकुसी या बंसी 4. कुएँ में गिरी हुई चीज़ों (बाल्टी आदि) को निकालने के लिए बनाया गया अँकुसियों का गुच्छा। [मु.] -लगाना : मुख्य तार में कँटिया फँसाकर चोरी से या अवैध रूप से बिजली का उपयोग करना।
कँटीला [वि.] 1. जिसमें काँटे लगे हुए हों, जैसे- कँटीला तार 2. जो काँटों से युक्त हो, जैसे- कँटीला पेड़।
कँटेरी (सं.) [सं-स्त्री.] भटकटैया नामक कँटीला पौधा।
कँडुवा [सं-पु.] अनाज की बालियों में होने वाला रोग; कंजुआ।
कँदैला [वि.] 1. गंदा; कीचड़ से लथपथ; गंदला 2. मलिन।
कँपकँपी [सं-स्त्री.] 1. क्रोध, भय या शीत आदि के कारण शरीर में होने वाला कंपन; काँपने की क्रिया, अवस्था या भाव; काँपना 2. संचलन 3. थरथराहट।

कँपना [क्रि-अ.] 1. काँपना 2. डरना 3. अकुलाना; थरथराना।
कँपाना [क्रि-स.] 1. काँपने के लिए प्रवृत्त करना 2. हिलाना; झकझोरना 3. डर दिखाना 4. कंप उत्पन्न करना 5. दहलाना 6. आंदोलित करना।
कँवल [सं-पुं.] 1. कमल 2. जल में पाया जाने वाला एक पौधा और उसका फूल; पद्म।
कँसुआ [सं-पु.] ईख के नए पौधों में लगने वाला एक कीड़ा जिससे उसकी कोंपलें सूखने लगती हैं।
कँसुला [सं-पु.] सुनारों द्वारा खोरिया (कटोरीनुमा) बनाने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला काँसे का चौकोर टुकड़ा।
कंक (सं.) [सं-पु.] 1. सफ़ेद रंग की चील; वह शिकारी पक्षी जिसके पंख तीर में लगाए जाते थे 2. बगुला; 3. यमराज; मृत्यु 4. अज्ञातवास के दौरान युधिष्ठिर इसी नाम से राजा विराट के महल में रहे थे 5. कंस का भाई।
कंकट (सं.) [सं-पु.] 1. शरीर का कवच; बख़्तर 2. अंकुश 3. हद; सीमा।
कंकड़ [सं-पुं.] 1. ज़मीन पर मिलने वाले या चट्टान से टूटकर गिरे कठोर मिट्टी या पत्थर के नुकीले टुकड़े 2. सड़क बनाने की गिट्टी 3. पकी हुई ईंट या मिट्टी के बरतनों के टुकड़े 4. नदियों या झीलों के तल में मिलने वाले पत्थर के छोटे टुकड़े 5. सूखा हुआ तंबाकू का पत्ता जिसे गाँजे की तरह पिया जाता है।
कंकड़ी [सं-स्त्री.] 1. छोटा कंकड़; अँकटी; छर्री; रोड़ी 2. कण; छोटा टुकड़ा।
कंकड़ीला [वि.] 1. जिसमें कंकड़ पड़े या बिछे हुए हों 2. कंकड़ों से बना हुआ 3. कंकड़ों से भरा हुआ; कंकड़युक्त।

कंकण (सं.) [सं-पु.] 1. कलाई में पहनने का गोल आभूषण जो धातु का बना होता है; कंगन; सोने या चाँदी का कड़ा जो कलाई और टखने में पहना जाता है 2. वर- वधू के हाथ में विवाह के समय किसी देवी-देवता को मानते हुए बाँधा जाने वाला कलावा जिसमें गिरह के साथ लोहे का छल्ला, जायफल, सुपारी आदि बँधे होते हैं।