Hin Dict_K2 - हिंदी शब्दकोश - क2

कंकणी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कमर में पहनने का घुँघरूदार गहना 2. चील नामक पक्षी।
कंकत (सं.) [सं-पु.] 1. एक ज़हरीला जीव 2. एक वृक्ष 3. कंघी।
कंकपत्र (सं.) [सं-पु.] 1. कंक पक्षी का पंख 2. ऐसा बाण जिसमें कंक पक्षी का पंख लगा हो।
कंकमुख (सं.) [वि.] बगुले के मुँह जैसा। [सं-पु.] एक प्रकार की चिमटी जिससे चुभा हुआ काँटा निकाला जा सके।
कंकाल (सं.) [सं-पु.] 1. मृत जीव-जंतुओं के शरीर का ढाँचा जो मांस के न रहने के बाद बचता है; ठठरी 2. अस्थिपंजर; हड्डियों का ढाँचा।
कंकालशेष (सं.) [वि.] 1. जो हड्डियों का ढाँचा मात्र रह गया हो 2. अतिकृश; अतिदुर्बल।
कंकालास्त्र (सं.) [सं-पु.] हड्डियों से बनाया जाने वाला एक प्राचीन अस्त्र।
कंकालिनी (सं.) [सं-स्त्री.] (पुराण) 1. काली माता 2. दुर्गा का एक रूप। [वि.] बुरे स्वभाव की या झगड़ालू; कर्कशा (स्त्री)।
कंकाली (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कंकालिनी 2. प्रेतिनी 3. एक देवी; दुर्गा। [सं-पु.] भिक्षा माँगकर जीविका चलाने वाली जाति।
कंकु (सं.) [सं-पु.] एक अनाज; कँगनी (कम गुणवत्ता वाला अनाज)।
कंकूष (सं.) [सं-पु.] 1. भीतरी देह 2. शरीर का अंदरूनी भाग।
कंकेर [सं-पु.] 1. कड़ुवापन लिए हुए पान की एक किस्म या प्रजाति 2. एक प्रकार का कौआ।
कंकेलि (सं.) [सं-पु.] अशोक का पेड़।

कंख (सं.) [सं-पु.] 1. कर्मफल; फल का भोग 2. किए हुए अच्छे-बुरे कर्मों का परिणाम; पापभोग।
कंगन (सं.) [सं-पु.] कलाई में पहना जाने वाला सोने-चाँदी, काँच व अन्य धातु से निर्मित आभूषण; कड़ा।
कंगारू (अ.) [सं-पु.] 1. ऑस्ट्रेलिया, न्यूगिनी आदि देशों में पाया जाने वाला एक जानवर जो अपने छोटे बच्चों को पेट के पास बनी थैली में रखता है 2. {ला-अ.} ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम व खिलाड़ियों के लिए प्रयुक्त संबोधन।
कंगाल (सं.) [वि.] 1. जिसके पास धन न हो; निर्धन 2. जिसके पास कुछ खाने को न हो; भुक्खड़ 3. दरिद्र।
कंगाली [सं-स्त्री.] 1. कंगाल होने का भाव; दरिद्रता 2. गरीबी; निर्धनता; मुफ़लिसी।
कंगु [सं-स्त्री.] साँवा की जाति का एक मोटा अन्न।
कंघा (सं.) [सं-पु.] 1. सिर के बाल झाड़ने-सँवारने का दाँतेदार आला; प्रसाधनी; शाना 2. तागा कसने के लिए जुलाहों द्वारा प्रयोग किया जाने वाला एक औज़ार।
कंघी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. छोटे आकार का कंघा 2. एक पौधा जिसकी पत्तियाँ औषधि बनाने के काम आती हैं; अतिबला 3. जुलाहों द्वारा प्रयोग किया जाने वाला एक उपकरण।
कंघीसाज़ (फ़ा.) [सं-पु.] कंघी बनाने वाला कारीगर।
कंचन (सं.) [सं-पु.] 1. स्वर्ण; सोना 2. धन-दौलत; धन-संपत्ति 3. लाल कचनार। [वि.] 1. स्वस्थ; निरोग 2. सुंदर और स्वच्छ; मनोहर 3. निर्मल 4. सोने के रंग का।
कंचनिया [सं-स्त्री.] 1. कचनार का पौधा 2. सोने का गहना या चीज़। [वि.] 1. कंचन या सोने से बना हुआ 2. कंचन या स्वर्ण के रंग का; पीली आभा वाला।

कंचनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कंचन जाति की स्त्री 2. देह व्यापार करने वाली स्त्री; वेश्या 3. अप्सरा।
कंचिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. फुंसी; फुड़िया 2. बाँस की डाली या टहनी।
कंचुक (सं.) [सं-पु.] 1. घुटनों तक रहने वाला पुराना पहनावा; जामा; अचकन 2. स्त्रियों की चोली; अँगिया 3. अँगरखा; कवच 4. भूसा; ऊपरी परत; छिलका 5. साँप की केंचुली।
कंचुकित (सं.) [वि.] 1. कवच या वस्त्रों से ढका हुआ 2. बख़्तरदार; कवचित।
कंचुकी (सं.) [सं-स्त्री.] अँगिया; चोली। [सं-पु.] 1. प्राचीन काल में राजमहल के रनिवास के दास-दासियों का मुखिया 2. अंतःपुर का अध्यक्ष या रक्षक 3. द्वारपाल 4. संस्कृत नाटकों का एक वृद्ध पात्र जो कंचुक धारण करता था तथा राजा का विश्वस्त होता था और रनिवास में बेरोक-टोक आ-जा सकता था।
कंचुली (सं.) [सं-स्त्री.] 1. चोली; अँगिया 2. साँप की केंचुली।
कंछा [सं-पु.] 1. नई कोंपल वाली पतली डाल 2. पौधे का कल्ला; कोंपल।
कंज (सं.) [सं-पु.] 1. ब्रह्मा 2. कमल 3. अमृत 4. केश 5. पैर के तलवे में पाया जाने वाला एक चिह्न। [वि.] जल से पैदा होने वाला।
कंज़ंप्शन (इं.) [सं-पु.] 1. उपभोग करने की क्रिया या भाव; खपत; ख़र्च; व्यय 2. उपभोग की वस्तु।
कंजई [वि.] 1. कंजे की फली अथवा धुएँ के रंग का 2. गहरा ख़ाकी।
कंजका (सं.) [सं-स्त्री.] कुँआरी लड़की; कुमारिका; कुमारी।
कंजकी (सं.) [वि.] कमल के समान; कमल जैसा।

कंजड़ [सं-पु.] एक घुमंतू जाति या समुदाय।