Hin Dict_K18 - हिंदी शब्दकोश - क18

कथाकार (सं.) [सं-पु.] कथा लिखने वाला; कहानीकार; उपन्यासकार; कथावाचक।
कथानक (सं.) [सं-पु.] छोटी कथा, कहानी या उपन्यास की आधारकथा; कथावस्तु; (प्लॉट)।
कथामुख (सं.) [सं-पु.] 1. कथा की भूमिका 2. पत्रकारिता के क्षेत्र में पहले के सभी आमुखों के बदले दिया गया एक नया आमुख।
कथावस्तु (सं.) [सं-पु.] किसी रचना, लेख आदि में कार्य-व्यापार की योजना; विषयवस्तु; (प्लॉट)।
कथावाचक (सं.) [सं-पु.] 1. कथा कहने या सुनाने वाला; कथा-उद्घोषक 2. पूजा आदि में कथा सुनाने वाला।
कथा वार्ता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. पौराणिक और धार्मिक कथाओं की चर्चा 2. किसी समसामयिक विषय पर होने वाली चर्चा या बात-चीत।
कथाशिल्प (सं.) [सं-पु.] कथा लिखने का कलात्मक पक्ष; उपन्यासकार या कथाकार के लिखने की शैली।
कथाशिल्पी (सं.) [सं-पु.] कथा लिखने वाला; शिल्प वैविध्य के साथ कथा लिखने वाला; कथाकार; उपन्यासकार।
कथित (सं.) [वि.] जो कहा गया हो; कहा हुआ; भाषित; जिसका उल्लेख या कथन हुआ हो। [सं-पु.] (संगीत) मृदंग के बारह प्रबंधों में से एक प्रबंध।
कथीर (सं.) [सं-पु.] राँगा नामक धातु।
कथोपकथन (सं.) [सं-पु.] 1. वार्तालाप; बातचीत; संवाद 2. किसी कथा, कहानी, उपन्यास आदि के पात्रों का आपस में होने वाला संवाद।

कथ्य (सं.) [वि.] कही जाने वाली कोई बात।
कदंब (सं.) [सं-पु.] 1. कदम नामक वृक्ष 2. कदम के फल 3. समूह; झुंड 4. राशि; ढेर।
कदंश (सं.) [सं-पु.] बुरा या निकृष्ट अंश।
कद (फ़ा.) [सं-पु.] 1. किसी वस्तु या व्यक्ति की लंबाई या ऊँचाई 2. पद; ओहदा 3. {ला-अ.} प्रतिष्ठा; हैसियत।
क़द (फ़ा.) [सं-पु.] उर्दू उच्चारणानुसार वर्तनी (दे. कद)।
कदक्षर (सं.) [सं-पु.] बुरी लिखावट या लिपि।
कदन (सं.) [सं-पु.] 1. वध; हिंसा 2. युद्ध 3. विनाश 4. पाप 5. दुख।
कदन्न (सं.) [सं-पु.] मोटा या घटिया किस्म का अनाज।
कदम (अ.) [सं-पु.] 1. पैर; पाँव; डग 2. {ला-अ.} कोई काम करने की पहल; कोशिश। [मु.] -उठाना : किसी काम को करने के लिए आगे बढ़ना। -बढ़ाना : उन्नति करना। -चूम लेना : पूरा मान-सम्मान देना। -पर क़दम रखना : पूरी तरह नकल करना; अनुकरण करना।
क़दम (अ.) [सं-पु.] उर्दू उच्चारणानुसार वर्तनी (दे. कदम)।
कदमताल (अ.+सं.) [सं-पु.] कदम से कदम मिलाकर चलने की स्थिति।
कदमबोसी (अ.) [सं-स्त्री.] बड़ों के पैर चूमना; सम्मान प्रकट करने का भाव; गुरुजनोचित सम्मान-प्रदर्शन; सम्मानित व्यक्तियों की मुलाकात।

कदर (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मान; सम्मान; आदर; प्रतिष्ठा 2. महत्व।
कदरदाँ (अ.+फ़ा.) [वि.] कदर जानने, करने या समझने वाला; महत्व समझने वाला; गुणग्राहक; कद्रदान।
कदरदान (अ.+फ़ा.) [वि.] कदरदाँ।
कदर्थ (सं.) [वि.] 1. बुरे अर्थवाला 2. निकम्मा; निर्रथक; रद्दी 3. कुत्सित; बुरा।
कदर्थना (सं.) [सं-स्त्री.] 1. सताना; कष्ट या पीड़ा पहुँचाना 2. हीन दशा 3. दुर्गति; दुर्दशा 4. निंदा; तिरस्कार।
कदर्थित (सं.) [वि.] जिसकी बुरी दशा की गई हो; दुर्गतिप्राप्त; पीड़ित।
कदर्य (सं.) [वि.] 1. जो धन का भोग या व्यय न करे और न ही किसी को दे; कंजूस 2. जिसके मन में डर हो या जो कोई काम आदि करने से डरता हो; कायर; डरपोक 3. बुरा; ख़राब; निकृष्ट।
कदल (सं.) [सं-पु.] कदली वृक्ष; केला।
कदली (सं.) [सं-स्त्री.] 1. केला 2. हाथी पर रखा जाने वाला झंडा 3. हिरन की एक प्रजाति।
कदलीवन (सं.) [सं-पु.] 1. केले का जंगल 2. असम का वह वन क्षेत्र जहाँ हाथी बहुत पाए जाते हैं।
कदा (फ़ा.) [परप्रत्य.] यौगिक शब्दों के अंत में आलय के अर्थ में प्रयुक्त होने वाला एक प्रत्यय, जैसे- मैकदा (मदिरालय), बुतकदा (मंदिर)।
कदाकार (सं.) [वि.] बुरे या भद्दे आकारवाला; कुरूप; बेडौल; भोंड़ा; बेढब।
कदाख्य (सं.) [वि.] जिसे लोग बुरा कहते हों या जिसे कुख्याति मिली हो; कुख्यात; बदनाम।

कदाचार (सं.) [सं-पु.] कुत्सित आचार; दूषित अथवा बुरा आचार; ख़राब चाल-चलन; बदचलनी।