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IDGAAH - 1 ( ईदगाह )( తెలుగు వివరణతో ) Munshi Premchand मुंशी प्रेमचंद SSC 10 Class SL FL Hindi AP Telangana State Boards
IDGAAH -1 ( ईदगाह )( తెలుగు వివరణతో ) Munshi Premchand मुंशी प्रेमचंद SSC 10 Class SL FL Hindi AP Telangana State Boards
उन्मुखीकर
खुशबू भरे फूल देते हैं,
हमको नव फूलों की माला,
त्यागी तरुओं के जीवन से
हम भी तो कुछ देना सीखें।
బాటసారులకు మండే మధ్యాహ్నంలో,
చెట్లు ఎల్లప్పుడూ నీడనిస్తాయి.
సుగంధం నిండిన పూలు ఇస్తాయి,
మనకు కొత్త పూలమాలను
త్రాగధనులైన చెట్ల జీవనము నుండి
మనము కూడా కొంత ఇవ్వడం నేర్చుకోవాలి.
प्रश्नोत्तर
1. पथिकों को जलती दुपहर में सुख व आराम किससे मिलता है?[ బాటసారులకు మండే మధ్యాహ్నంలో సుఖము, విశ్రాంతి దేనివలన కలుగుతుంది ( లభిస్తుంది ) ? ]
उ) पथिकों को जलती दुपहर में सुख व आराम पेड़ों से मिलता है।
[ బాటసారులకు మండే మధ్యాహ్నంలో సుఖము, విశ్రాంతి చెట్ల వలన కలుగుతుంది ( లభిస్తుంది )]
2. खुशब् भरे फूल हमें क्या देते हैं? [ సువాసనతో నిండిన పూలు మనకు ఏమి ఇస్తాయి? ]
उ) खुशबू भरे फूल हमें नव फूलों की माला देते हैं।
[ సువాసనతో నిండిన పూలు మనకు కొత్త పూల మాలను ఇస్తాయి ]
3. 'हम भी तो कुछ देना सीखें' - कवि ने ऐसा क्यों कहा होगा?
[ ‘మనము కూడా కొంత ఇవ్వడం నేర్చుకుందాం’ - కవి ఈవిధముగా ఎందుకు చెప్పి ఉంటారు ? ]
उ) पेड़ परोपकारी हैं। वे हमें फूल, फल, छाया प्रदान करते हैं। इसलिए हमें भी पेड़ की तरह दुसरों केलिए अपना जीवन बिताना चाहिए।
[ చెట్లు పరోపకారం చేస్తాయి. అవి మనకు పూలను, పండ్లను మరియు నీడను ఇస్తాయి. అందుకని మనం కూడా పరుల కొరకు మన జీవితాన్ని గడపాలి ]
उद्देश्य
कहानी विधा की भाषा शैली से परिचित कराते हुए छात्रों में कहानी लेखन कला का विकास करना और त्याग, सद्भाव व विवेक जैसे संवेदनशील कर्त्तव्य बोध संबंधी गुणों का विकास करना और बड़े-बुज़ुर्गों के प्रति श्रद्धा व आदर की भावना का विकास करना है ।కథా ప్రక్రియ యొక్క భాష శైలిని పరిచయం చేయటంతో పాటు విద్యార్థులలో కథా రచన కళను పెంపొందించడం మరియు త్యాగము, సద్భావన మరియు వివేకం వంటి అనుభూతులతో కూడిన కర్తవ్యబోధకు సంబంధించిన గుణాలను పెంపొందించడం మరియు పెద్దలు - వృద్ధుల యెడల భక్తి మరియు గౌరవ భావనలను పెంపొందింపచేయాలి.
विधा विशेष
'कहानी' शब्द 'कह' धातु के साथ 'आनी' कृत प्रत्यय जोड़ने से बना है। 'कह' का आशय 'कहना' से है । किसी घटना या बात का सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया जाना ही कहानी है । इस कहानी में दादी व पोते का मार्मिक प्रेम दर्शाया गया है। इसमें कथन व संदर्भ, वातावरण का सजीव चित्रण है । इसमें बाल्यावस्था की निर्मल भावनाओं का सुंदर प्रतिबिंब दर्शाया गया है ।'కహానీ' ( कहानी ) శబ్దము 'కహ్' ( कह ) అను ధాతువుతో పాటు 'ఆనీ' ( आनी ) అనే కర్తరి ( कृत ) ప్రత్యయాన్ని జోడించటం ద్వారా ఏర్పడింది. 'కహ్' ( कह ) అంటే చెప్పుట. ఏదైనా సంఘటన లేదా విషయాన్ని అందంగా తెలియజేయుటయే కథ ( कहानी ) . ఈ కథలో నాయనమ్మ మరియు మనవడుల మధ్య నర్మగర్భమైన ప్రేమ చూపించబడింది. దీనిలో కథనము మరియు సందర్బము, పరిస్థితులు చాల సజీవముగా చిత్రీకరించబడినవి. దీనిలో బాల్యావస్థలోని స్వచ్చమైన భావాలు అందంగా ప్రతిబింబించబడ్డాయి.
लेखक परिचय
प्रेमचंद का जन्म एक गरीब घराने में काशी
में 31
जुलाई, 1880 को हुआ। इनके बचपन का
नाम धनपत
राय श्रीवास्तव था। इन्होंने ट्यूशन पढ़ाते हुए
मैट्रिक तथा नौकरी करते हुए बी.ए.
पास किया। इन्होंने लगभग एक
दर्जन उपन्यास और तीन
सौ से अधिक कहानियों की रचना
की। इन्हें “उपन्यास
सम्राट'' भी कहा जाता है। इनकी कहानियाँ मानसरोवर
शीर्षक से आठ
खंडों में संकलित हैं। गोदान,
गबन, सेवासदन, निर्मला, कर्मभूमि, रंगभूमि, कायाकल्प,
प्रतिज्ञा, मंगलसृत्र आदि इनके
प्रमुख उपन्यास हैं।
इनकी कहानियों में पंचपरमेश्वर,
बड़े
घर की बेटी, कफन आदि प्रमुख हैं।
ప్రేమ్ చంద్ ఒక నిరుపేద కుటుంబంలో 31జులై, 1880 న కాశీలో జన్మించారు. ఈయన ట్యూషన్స్ చెప్తూ మెట్రిక్ మరియు ఉద్యోగం చేస్తూ బి. ఏ. ఉతీర్ణులైరి. వీరు సుమారుగా ఒక డజను ( 12 ) నవలలు, 300లకు పైగా కథలు రచించారు. వీరిని 'నవలా చక్రవర్తి' అని పిలుస్తారు. వీరి కథలు 'మానసరోవర్' అనే శీర్షికతో 8 భాగాలుగా పొందుపరచబడ్డాయి. గోదాన్, గబన్, సేవాసదన్, నిర్మలా, కర్మభూమి, రంగ్ భూమి, కాయాకల్ప్, ప్రతిజ్ఞ, మంగళ్ సూత్ర్ మొదలైనవి వీరి యొక్క ముఖ్యమైన నవలలు. వీరి ప్రముఖ కథలలో పంచ్ పరమేశ్వర్, బడే ఘర్ కీ బేటీ, కఫన్ లు ముఖ్యమైనవి.
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लेखक परिचय - अतिरिक्त
Premchand's Father, Mother names, Pen names, Who called him 'उपन्यास सम्राट (Emperor of Novels)', 'कलम का सिपाही', Famous Novels (उपन्यास ), Stories (कहानियाँ), Dramas (नाटक), Childrens Literature (बाल साहित्य ), Translations (अनुवाद), News Paper Editor (संपादन) etc.भाषा की बात
पर्यायवाची शब्द
* ईद, * प्रभात, * वृक्ष, संसार, सूर्य, आसमान, वस्त्र, अजीबविलोम शब्द
*अपराधी, *प्रसन्न, आशा, त्याग, प्यार, श्रद्धा, प्रेम, अनगिनत, कमाना, डर, अमीर, ख़ुशबू , विवेक , आसमान, सद्भावना, प्रकाश, रहस्य, समझ, रस, ख़ुशबूदार, कालावचन बदलना
*मिठाई , *चिमटा, *सड़क, तैयारी, जूता , कोठरी , रुपया, गेंद, मेला , बुढ़ियाटोपी , दाना , किरण , छाला, सामग्री, भड़कीला, रोटी, बगीचा, दुआ , माथा, लोहा
दिल, बगीचा, खिलौना, चीज़, आशा, प्यारा, दूकान, रेवाड़ी, औरत, उँगली, दोस्त
भाववाचक संज्ञा में बदलना
* मीठा, * प्रसन्न, * बूढ़ा , सुंदर, लाल, भोला, बच्चा, मित्र, लड़का, हरामुहावरे और उनके अर्थ
परलोक सिधारना ,आह भरना,
धावा बोलना,
चकनाचूर होना ,
मज़ाक करना ,
दिल कचोटना,
मोल लेना,
गदगद हो जाना,
दिल बैठ जाना,
कलेजा मज़बूत करना,
मन ललचाना
SCHOOL EDUCATION : EXPLANATIONS
10 CLASS - HINDI - AP & TELANGANA STATE BOARDS
प्रश्नोत्तर
ఏమి పాడుతున్నావు, ఎవరిని పిలుస్తున్నావు ,చెప్పు కోకిల రాణి
దాహంతో ఉన్న భూమిని చూసి అడుగుతున్నావా,
మేఘాల నుండి నీటిని?
1. मीठे गीत कौन गाती है ? ( మధురమైన పాటని ఎవరు పాడుతున్నారు ? )
उ) मीठे गीत कोयल रानी गाती है| ( మధురమైన పాటని కోకిల రాణి పాడుతున్నది. )
2. प्यासी धरती पानी किस से माँगती है? (దాహంతో ఉన్న భూమి నీటిని ఇవ్వమని ఎవరిని అడుగుతుంది? )
उ) प्यासी धरती पानी मेघों से माँगती है| (దాహంతో ఉన్న భూమి నీటిని ఇవ్వమని మేఘాలను అడుగుతుంది. )
3. बादल प्रकृति की शोभा बढ़ाते हैं| कैसे ? (మేఘాలు ప్రకృతి యొక్క అందాన్ని పెంచుతాయి. ఎలా ? )
उ) आसमान में काले बादल पानी बरसकर प्रकृति के कण - कण का रूप बदल देते हैं| ठंडी हवा आने लगती हैं| चारों ओर हरियाली छा जाती है| इस प्रकार बादल प्रकृति की शोभा बढ़ाते हैं |
उद्देश्य
प्रकृति के प्रति काव्य रचनाओं के प्रोत्साहन के साथ-साथ सौंदर्यबोध कराना, मनोरंजनकी भावना जगाना और प्रकृति संरक्षण के लिए प्रेरित करना इसका उददेश्य है।विधा विशेष
'बरसते बादल' कविता पाठ है। कविता भावनाओं को उदात्त बनाने के साथ-साथ सौंदर्यबोध को भी सजाती-संवारती है। प्रस्तुत कविता नाद (ध्वनि) के साथ गेय योग्य है। इसमें अनुप्रास का सुंदर प्रयोग है।विषय प्रवेश
वर्षा ऋतु हमेशा से सबकी प्रिय ऋतु रही है| वर्षा के समय प्रकृति की सुंदरता देखने लायक होती हैं| पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, मनुष्य और यहाँ तक कि धरती भी खुशी से झूम उठती है| इसी सौंदर्य का वर्णन यहाँ प्रस्तुत किया गया है|कवि परिचय
प्रकृति के बेजोड़ कवि माने जाने वाले सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई सन् 1900 में अल्मोड़ा जिले,उत्तराखंड के कौसानी गाँव में हुआ| इन्हें 1960 में 'कला और बूढ़ा चाँद' केलिए 'साहित्य अकादमी', 1961 में हिंदी साहित्य सेवा केलिए 'पद्मभूषण', 1965 में 'लोकायतन' पर 'सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार', 1968 में 'चिदंबरा' केलिए 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' दिया गया| इनकी प्रमुख रचनाएँ - वीणा, पल्लव, ग्रंथि, गुंजन, युगांत, ग्राम्या, स्वर्णकिरण, कला और बूढ़ा चाँद, तथा चिदंबरा आदि। इनका निधन 28 दिसंबर, सन् 1977 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ |Meanings Covered in this Video: Part -1
झम-झम,मेघ,बरसना,सावन,छम–छम,गिरना,बूँद,तरु,छन,चमचम,बिजली,चमकना,
उर,घन,थम-थमाना,दिन,तम,सपना,मन,
दादुर,टर - टर करना,झिल्ली,बजना,झन - झन,मोर,चातक,
गण,सोनबालक,आर्द सुख,क्रंदन,घुमड़-घुमड़,घुमड़ना,गगन,गर्जन
10 Class SL Hindi - Baraste Badal - 2 ( बरसते बादल - 2 )( తెలుగు వివరణతో ) AP Telangana State Boards
10 Class SL Hindi - Baraste Badal - 2 ( बरसते बादल - 2 )( తెలుగు వివరణతో )
रिमझिम-रिमझिम क्या कुछ कहते बूँदों के स्वर,
रोम सिहर उठते छूते वे भीतर अंतर।
धाराओं पर धाराएं झरती धरती पर,
रज के कण-कां में तृण-तृण को पुलकावलि थर।।
पकड़ वारि की धार झूलता है मेरा मन,
आओ रे सब मुझे घेर कर गाओ सावन।
इंद्रधनुष के झूले में झूलें मिल सब जन,
फिर-फिर आये जीवन में सावन मनभावन।।
शब्दार्थ - Meanings covered in these Poems
रिमझिम,कहना,बूँद,स्वर,रोम,सिहर उठना,भीतर,अंतर,धारा,झरना,धरती,रज,कण,तृण,थर,पुलकावलि,
पकड़ना,वारि,धार,झूलना,मन,घेरना,गाना,सावन,
इंद्रधनुष,झूला,जन,फिर - फिर ,जीवन,मनभावन,
भाषा की बात
पर्यायवाची शब्द
* तरु,* गगन,* घन,* बिजली, दिन,तम,मोर,गण,धारा,झरना,धरती,तृण,दिन,तम,दादुर,वारि,जन
तत्सम रूप & तत्भव रूप
सावन,सपना,सूरजगण,वारि,चंद्र
वचन बदलना
धरती,मेघ,सपना,तरु,झिल्ली,बूँद,झूला ,धाराविलोम शब्द
गिरना,दिन ,जागना,सुख,उठना,भीतर,जीवन,धरतीसमास
चातक गण,सोन बालक, आर्द - सुख, तृण - तृण10 Class SL Hindi - Baraste Badal - 1 ( बरसते बादल - 1 )( తెలుగు వివరణతో ) AP Telangana State Boards
10 Class SL Hindi - Baraste Badal - 1 ( बरसते बादल - 1 )( తెలుగు వివరణతో ) AP & Telangana State Boards
उन्मुखीकरण
क्या गाती हो, किसे बुलाती,बतला दो कोयल रानी |
प्यासी धरती देख माँगती,
हो क्या मेघों से पानी ?
प्रश्नोत्तर
ఏమి పాడుతున్నావు, ఎవరిని పిలుస్తున్నావు ,చెప్పు కోకిల రాణి
దాహంతో ఉన్న భూమిని చూసి అడుగుతున్నావా,
మేఘాల నుండి నీటిని?
1. मीठे गीत कौन गाती है ? ( మధురమైన పాటని ఎవరు పాడుతున్నారు ? )
उ) मीठे गीत कोयल रानी गाती है| ( మధురమైన పాటని కోకిల రాణి పాడుతున్నది. )
2. प्यासी धरती पानी किस से माँगती है? (దాహంతో ఉన్న భూమి నీటిని ఇవ్వమని ఎవరిని అడుగుతుంది? )
उ) प्यासी धरती पानी मेघों से माँगती है| (దాహంతో ఉన్న భూమి నీటిని ఇవ్వమని మేఘాలను అడుగుతుంది. )
3. बादल प्रकृति की शोभा बढ़ाते हैं| कैसे ? (మేఘాలు ప్రకృతి యొక్క అందాన్ని పెంచుతాయి. ఎలా ? )
उ) आसमान में काले बादल पानी बरसकर प्रकृति के कण - कण का रूप बदल देते हैं| ठंडी हवा आने लगती हैं| चारों ओर हरियाली छा जाती है| इस प्रकार बादल प्रकृति की शोभा बढ़ाते हैं |
उद्देश्य
प्रकृति के प्रति काव्य रचनाओं के प्रोत्साहन के साथ-साथ सौंदर्यबोध कराना, मनोरंजनकी भावना जगाना और प्रकृति संरक्षण के लिए प्रेरित करना इसका उददेश्य है।विधा विशेष
'बरसते बादल' कविता पाठ है। कविता भावनाओं को उदात्त बनाने के साथ-साथ सौंदर्यबोध को भी सजाती-संवारती है। प्रस्तुत कविता नाद (ध्वनि) के साथ गेय योग्य है। इसमें अनुप्रास का सुंदर प्रयोग है।विषय प्रवेश
वर्षा ऋतु हमेशा से सबकी प्रिय ऋतु रही है| वर्षा के समय प्रकृति की सुंदरता देखने लायक होती हैं| पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, मनुष्य और यहाँ तक कि धरती भी खुशी से झूम उठती है| इसी सौंदर्य का वर्णन यहाँ प्रस्तुत किया गया है|कवि परिचय
प्रकृति के बेजोड़ कवि माने जाने वाले सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई सन् 1900 में अल्मोड़ा जिले,उत्तराखंड के कौसानी गाँव में हुआ| इन्हें 1960 में 'कला और बूढ़ा चाँद' केलिए 'साहित्य अकादमी', 1961 में हिंदी साहित्य सेवा केलिए 'पद्मभूषण', 1965 में 'लोकायतन' पर 'सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार', 1968 में 'चिदंबरा' केलिए 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' दिया गया| इनकी प्रमुख रचनाएँ - वीणा, पल्लव, ग्रंथि, गुंजन, युगांत, ग्राम्या, स्वर्णकिरण, कला और बूढ़ा चाँद, तथा चिदंबरा आदि। इनका निधन 28 दिसंबर, सन् 1977 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ |Meanings Covered in this Video: Part -1
झम-झम,मेघ,बरसना,सावन,छम–छम,गिरना,बूँद,तरु,छन,चमचम,बिजली,चमकना,
उर,घन,थम-थमाना,दिन,तम,सपना,मन,
दादुर,टर - टर करना,झिल्ली,बजना,झन - झन,मोर,चातक,
गण,सोनबालक,आर्द सुख,क्रंदन,घुमड़-घुमड़,घुमड़ना,गगन,गर्जन
badE bhayi sAheb - muhAvarE aur lOkOktiyA_बड़े भाई साहब_मुहावरे और लोकोक्तियाँ
badE bhayi sAheb - muhAvarE aur lOkOktiyA_बड़े भाई साहब_मुहावरे और लोकोक्तियाँ
अंधा- चोट निशान पड़ना - अचानक ही कोई वस्तु मिलना,- बिना परिश्रम के ही सफलता मिल जाना
अंधे के हाथ बटेर लगना - भाग्यवश अच्छी वस्तु मिल जाना
अमल करना - बताए अनुसार चलना
आँखें फोड़ना - बहुत पढ़ना
आँसू बहाना - रोना
आंधी रोग हो जाना - कुछ नहीं समझ में आना
आटे-दाल का भाव मालूम होना - सच्चाई का पता लगना
आड़े हाथों लेना - डाँटना
एक चुल्लू पानी - थोड़ी-सी भी सहायता देने
ऐरा-गैरा नत्थू-खैरा - महत्वहीन व्यक्ति
खून जलाना - बहुत मेहनत करना
गिरह बाँधना - अच्छी तरह समझना
घाव पर नमक छिड़कना - दुःखी को और दुःखी करना
घुड़कियाँ खाना - गुस्से से भरी बातें सुनना
घोंघा होना - मूर्ख होना
घोर तपस्या - कठिन परिश्रम
चार पन्ने रँगना - लिखना
चोरों का-सा जीवन काटना - छुपकर रहना
छोटा मुँह बड़ी बात - हैसियत से बढ़चढ़कर बोलना
ज़हर लगना - बुरा लगना
जान तोड़कर - शरीर को कष्ट देकर
जिगर के टुकड़े-टुकड़े होना - बहुत दुःखी होना
टूट पड़ना - चोट पहुँचाना
तलवार खींच लेना- आक्रमण के लिए तैयार होना
तीर मार लेना - लक्ष्य पाना
दबे पाँव - चुपचाप
दाँतो पसीना आ जाना - मेहनत में कष्ट का अनुभव करना
दिमाग होना - अहंकार होना
नाम-निशान तक मिटा देना - पूरी तरह समाप्त कर देना
निराशा के बादल फट जाना - निराशा का दुःख समाप्त होना
पहाड़ होना - कठिन- कार्य
पापड़ बेलना - मुसीबतों का सामना करना
प्राण सूखना - भयभीत होना
बूते के बाहर होना - सामर्थ्य के बाहर होना
बे-सिर-पैर की बातें – निरुपयोगी बातें
मुँह चुराना - सामने न आना
मुद्रा कांतिहीन होना - चेहरे की चमक चली जाना
लोहे के चने चबाना - असंभव कार्य करना
सिर पर एक नंगी तलवार-सी लटकती मालूम होना - भय बना रहना
सिर फिरना - बुद्धि काम न करना
सूक्ति-बाण चलाना - व्यंग्यपूर्ण चुभती बातें कहना
स्वच्छंद होना - मनमर्जी करना, मनमानी करना
हँसी-खेल न होना - आसान कार्य होना
हिम्मत टूट जाना - निराश होना
हेकड़ी जताना - अभिमान/ गर्व करना
School Education Vids
| Hindi Vyakaran | School Education |
10 Class_APSCERT_ 2nd Language _ Hindi
1. barstE bAdal ( बरसते बदल )
Video: kyA gAtI hO ( क्या गाती हो ) jham 4 mEgh barstE (झम 4 मेघ बरसते )
3. ham bhAratvAsI (हम भारतवासी) Title Song
4. kaN kaN kA adhikArI ( कण कण का अधिकारी )
sUt kAttE thE ( सूत कातते थे गाँधीजी )_Ek manuj sanchit kartA ( एक मनुज संचित करता है )
5. lOkgIt_chalat musAfir mOh liyA rE (लोकगीत _ चलत मुसाफ़िर मोह लिया रे )
7. bhakti pad ( भक्ति पद )_prabhujI tum (प्रभुजी तुम चन्दन )_pAyOjI mhEn tO (पायोजी म्हें तो )
10. nIti dOhE ( नीति दोहे )_rahIm (रहीम) _ kahi rahIm (कहि रहीम)_rahiman pAnI (रहिमन पानी)_ bihArI (बिहारी) _ kanak kanak tain (कनक कनक तैं)_ nar kI aru nal nIr (नर की अरु नल नीर)
X FL Hindi Text Book
X FL Hindi Text Book - प्रथम भाषा हिंदी पाठ्य पुस्तक
इकाई - I१. सुंदर भारत
२. नेताजी का चश्मा
३. एक कहानी यह भी
* मंगल मानव और मशीन ( उपवाचक )
इकाई - II
४. कवित्त
५. गोभी का फूल
६. राम - लक्ष्मण - परशुराम संवाद
* बड़े भाई साहब ( उपवाचक )
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इकाई - III
७. अन्वेषण
८. बच्चों से न छीने उनका हक़
९. बल अदालत
* गुड़ियों का त्यौहार ( उपवाचक )
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इकाई - IV
१०. कन्यादान
* साये ( उपवाचक )
११. बाट की पहचान
१२.सफलता की चुनौतियाँ
* गजनंदनलाल पहाड़ चढ़े ( उपवाचक )
APSCERT 10Class 2016-17 Summative Model Papers
X Class SA MQPs |
APSCERT 10 Class Second Language Hindi
Summative - I , II , III
APscert 10 Class First Language Hindi
Summative - I Model Paper - 1
Summative - I Model Paper - II
Summative - II Model Paper - I
Summative - II Model Paper - II
Summative - III Model Paper - I
Summative - III Model Paper - II
APSCERT 10 Class English
Summative - 1 Model Paper - 1
Summative - 1 Model Paper - 1I
APSCERT 10 Class General Science
Summative - 1 Model Paper - 1
Summative - 1 Model Paper - 1I
Summative - 1 Model Paper - III
APSCERT 10 Class Biology
Weightage and Blue Print
Summative - 1 Model Paper - I
Weightage and Blue Print - II
Summative - 1 Model Paper - II
APSCERT 10 Class Social Studies
Summative - 1 Blue Print
Summative - 1 Model Paper - I
Summative - 1 Model Paper - II
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