आगा2 (तु.) [सं-पु.] 1. बड़ा भाई 2. स्वामी 3. मालिक; सरदार 4. अफ़गान; काबुली।
आगाज़ (अ.) [सं-पु.] 1. शुरू; शुरुआत; आरंभ 2. पहल 3. लक्षण; आसार।
आगाध (सं.) [वि.] 1. बहुत अधिक विस्तार वाला 2. अत्यधिक गहरा।
आगा-पीछा [सं-पु.] 1. किसी वस्तु का अगला या पिछला भाग 2. शुभ-अशुभ या अच्छे-बुरे का विचार-विमर्श 3. दुविधा; असमंजस 4. हिचक 5. परिणाम; फल; नतीजा।
आगामिक (सं.) [वि.] 1. आगम से संबंधित 2. आने वाला 3. भविष्य में होने वाला; भावी।
आगामी (सं.) [वि.] आगे आने वाला; भविष्य में आने वाला।
आगार (सं.) [सं-पु.] 1. घर; स्थान 2. अस्त्रागार 3. भंडार; ख़जाना।
आगाह (फ़ा.) [वि.] 1. ज्ञात; सूचित 2. वाकिफ़ 3. सचेत।
आगाही (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. आगाह होने की अवस्था 2. पहले से मिलने वाली जानकारी या सूचना 3. चेतावनी।
आगृहीत (सं.) [वि.] 1. आग्रहण किया हुआ; निकाला हुआ 2. कहीं जमा किए हुए धन में से निकाला या लिया हुआ; (ड्रान)।
आगृहीती (सं.) [सं-पु.] 1. वह जो आग्रहण करे 2. कहीं जमा किए हुए धन में से कुछ रुपए निकालने या लेने वाला व्यक्ति; (ड्राई)।
आगे [अव्य.] 1. सामने; सम्मुख; अगले स्थान पर 2. भविष्य में 3. पहले (अतीत में; स्थिति)।
आगे-आगे [क्रि.वि.] 1. अग्रिम रूप से 2. अग्रणी रहते हुए; नेतृत्व करते हुए।
आगे-पीछे [अव्य.] 1. आगे और पीछे 2. एक के बाद एक 3. आस-पास 4. अवकाश या फ़ुरसत मिलने पर।
आगोश (फ़ा.) [सं-पु.] 1. आलिंगन 2. गोद।
आग्नीध्र (सं.) [सं-पु.] 1. यज्ञ की अग्नि प्रज्वलित करना 2. यज्ञाग्नि प्रज्ज्वलन का स्थान 3. अग्निहोत्र करने वाला यजमान 4. स्वायंभुवमनु के बारह लड़कों में से एक।
आग्नेय (सं.) [सं-पु.] 1. अगस्त्य 2. स्कंद 3. एक प्राचीन जनपद (किष्किंधा के पास) 4. अग्निपूजक 5. सोना 6. कृत्तिका नक्षत्र 7. बारूद 8. एक कीड़ा जिसके काटने से जलन उत्पन्न होती है 9. रक्त 10. आग्नेयास्त्र 11. प्रतिपदा (तिथि)। [वि.] 1. अग्नि से संबंधित 2. अग्नि से उत्पन्न 3. जिसमें से आग निकले।
आग्नेयास्त्र (सं.) [सं-पु.] ऐसे अस्त्र जो किसी प्रकार की अग्नि या ताप के संयोग से चलाए जाते हैं, जैसे- बंदूक, तोप आदि।
आग्रह (सं.) [सं-पु.] 1. अनुरोध; निवेदन 2. किसी वस्तु को ग्रहण करना 3. नैतिक बल 4. किसी बात पर बार-बार ज़ोर देना 5. किसी बात पर अड़े रहना; हठ।
आग्रहण (सं.) [सं-पु.] बैंक आदि में जमा किए हुए रुपयों में से चेक या देयादेश के द्वारा रुपए निकालना; (ड्रॉ)।
आग्रही (सं.) [वि.] 1. किसी बात पर अड़े रहने वाला; हठ करने वाला; हठी; जिद्दी 2. आग्रह करने वाला।
आग्राहक (सं.) [वि.] जमा किए हुए धन में से कुछ धन निकालने या लेने वाला।