Hin Dict_u10 - हिंदी शब्दकोश - उ10

उद्दिष्ट (सं.) [वि.] 1. बताया हुआ 2. चाहा या सोचा हुआ; अभिप्रेत 3. वादा किया हुआ 4. उद्देश्य के रूप में स्थिर किया हुआ 5. जिसकी ओर निर्देश या संकेत किया गया हो। [सं-पु.] 1. लाल चंदन 2. किसी सक्षम अधिकारी (वस्तु के स्वामी) की आज्ञा पाकर किसी वस्तु का किया जाने वाला उपभोग 3. (छंद शास्त्र) वह प्रक्रिया जिसमें मात्रा प्रस्तार के विचार से कोई पद्य किस छंद का कौन-सा प्रकार या भेद है यह जाना जाता है।
उद्दीप (सं.) [सं-पु.] 1. उद्दीपन; उत्तेजित करने की क्रिया या भाव 2. प्रज्वलित करने की क्रिया या भाव 3. गोंद की तरह का एक लसदार पदार्थ; गुग्गुल। [वि.] उद्दीपक।
उद्दीपक (सं.) [वि.] 1. मनोभावों को उत्तेजित करने वाला या भड़काने वाला 2. उत्प्रेरित करने वाला 3. प्रज्वलित करने वाला।
उद्दीपन (सं.) [सं-पु.] . 1. उत्तेजित या जाग्रत करने की क्रिया या भाव; उकसाने या भड़काने की क्रिया या भाव 2. (भरतमुनि के अनुसार) रस की निष्पत्ति करने में सहायक वस्तु; विभाव का एक भेद 3. जलाना।
उद्दीप्त (सं.) [वि.] 1. भड़काया अथवा जगाया हुआ 2. उत्तेजित; प्रज्वलित 3. चमकता हुआ; चमकीला 4. जाग्रत किया हुआ।
उद्दीप्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. उद्दीप्त होने का भाव या अवस्था 2. चमक; तेज।
उद्देशिका (सं.) [सं-स्त्री.] उद्देश्य बताने वाली भूमिका।

उद्देश्य (सं.) [सं-पु.] 1. प्रयोजन 2. लक्ष्य 3. अभिप्राय 4. वह मानसिक भाव या विचार जिससे प्रेरित होकर कुछ कहा जाए या किया जाए; जिसके विषय में कुछ कहा जाए 5. किसी वाक्य का कर्तृ पद जो उसके विधेय से भिन्न होता है। [वि.] इष्ट; लक्ष्य; अभिप्रेत।
उद्देश्यपूर्ण (सं.) [वि.] उद्देश्य से भरा; अभिप्राययुक्त।
उद्देश्यपूर्ति (सं.) [सं-स्त्री.] उद्देश्य की पूर्ति; लक्ष्य की प्राप्ति; किसी मकसद का हासिल हो जाना।
उद्देश्यहीन (सं.) [वि.] निरुद्देश्य; बिना किसी लक्ष्य का; निष्प्रयोजन; बिना मकसद।
उद्देश्यीय (सं.) [वि.] उद्देश्य संबंधी; उद्देश्य के लिए।
उद्देष्टा (सं.) [वि.] 1. इंगित करने वाला 2. लक्ष्य दृष्टि में रखकर काम करने वाला।
उद्धत (सं.) [वि.] उग्र; प्रचंड; अक्खड़; दुष्ट; उजड्ड; अविनीत। [सं-पु.] 1. नायक का एक भेद 2. एक प्रकार का छंद जिसमें चालीस मात्राएँ होती हैं।
उद्धतांश (सं.) [सं-पु.] 1. उद्धरण 2. किसी ग्रंथ, लेख, उदाहरण, प्रमाण, साक्षी आदि के रूप में लिया हुआ अंश; (कोटेशन)।
उद्धरण (सं.) [सं-पु.] 1. किसी पुस्तक, नाटक, भाषण व आलेख आदि का वह वाक्यांश या पद्यांश जो प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है; (कोटेशन) 2. याद पाठ की पुनरावृत्ति; दोहराव 3. उद्धार करना; निकालना; ऊपर उठाना 4. कष्ट या संकट आदि से किसी को मुक्ति दिलाना; छुटकारा।
उद्धरणी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. पढ़े हुए पाठ को बार-बार दुहराने की क्रिया 2. घटना का विवरण आदि फिर से कह सुनाना; (रिसाइटल)।
उद्धरणीय (सं.) [वि.] उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किए जाने योग्य; उदाहरण देने योग्य।
उद्धर्ष (सं.) [सं-पु.] आनंद; प्रसन्नता।

उद्धव (सं.) [सं-पु.] 1. उत्सव; पर्व 2. यज्ञ की अग्नि 3. (पुराण) कृष्ण के मित्र तथा रिश्ते में मामा।
उद्धस्त (सं.) [वि.] हाथ ऊपर उठाए हुए।
उद्धार (सं.) [सं-पु.] 1. छुटकारा; मुक्ति 2. दुर्बल या हीन स्थिति से उबरना 3. विपत्ति या संकट से किसी को निकालना; मुक्ति 4. दुखनिवृत्ति; त्राण 5. अभ्युदय; उन्नति।
उद्धारक (सं.) [वि.] मुक्ति या छुटकारा दिलवाने वाला; उद्धार करने वाला।
उद्धारण (सं.) [सं-पु.] 1. उद्धार करने की क्रिया या भाव 2. उबारना; बचाना 3. ऊपर उठाना 4. वाक्य, शब्द आदि को कहीं से निकाल देना या अलग कर देना 5. भाग लेना।
उद्धित (सं.) [वि.] 1. ऊपर उठाया हुआ; उत्तोलित 2. अच्छी तरह रखा हुआ; स्थापित।
उद्धृत (सं.) [वि.] 1. (किसी निबंध, नाटक, उपन्यास आदि का वह अंश-विशेष) जो किसी मत की पुष्टि में प्रमाण या उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया गया हो 2. अपने कथन के समर्थन में लिया गया; (कोटेड) 3. जड़ से उखाड़ा हुआ।
उद्ध्वंस (सं.) [सं-पु.] विनाश।
उद्ध्वस्त (सं.) [वि.] 1. नष्ट किया हुआ 2. गिरा हुआ।
उद्बुद्ध (सं.) [वि.] 1. जाग्रत बुद्धि वाला; विकसित 2. प्रबुद्ध; चैतन्य 3. उद्दीप्त 4. जगा या जगाया हुआ 5. याद आया या दिलाया हुआ।
उद्बोध (सं.) [सं-पु.] 1. जागना; जागरण 2. स्मरण 3. ज्ञान।

उद्बोधक (सं.) [वि.] 1. जगाने वाला 2. ज्ञान कराने वाला 3. कर्तव्य आदि का स्मरण कराने वाला; अनुस्मरण 4. उत्तेजित करने वाला। [सं-पु.] सूर्य।
उद्बोधन (सं.) [सं-पु.] 1. किसी बात का ज्ञान कराने की क्रिया या भाव 2. उत्तेजित करना 3. जागने या जगाने का भाव 4. विचार प्रकट करने की क्रिया या भाव।
उद्भट (सं.) [वि.] 1. बहुत बड़ा; श्रेष्ठ 2. प्रबल; प्रचंड 3. असाधारण 4. सर्वोत्तम।
उद्भव (सं.) [सं-पु.] 1. उत्पत्ति; जन्म 2. मूल; उद्गम 3. उत्पत्ति स्थान 4. वृद्धि; बढ़ती। [वि.] जो किसी से उत्पन्न हुआ हो।
उद्भावक (सं.) [वि.] 1. उत्पत्ति करने वाला; जन्मदाता 2. उद्भव करने वाला 3. उद्भावना करने वाला; कल्पना करने वाला
उद्भावना (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मन में उत्पन्न कोई अनोखी बात (सूझ) या कल्पना 2. अस्तित्व में आना; उत्पन्न होना; उद्भव 3. उत्पत्ति।
उद्भावित (सं.) [वि.] 1. जिसकी उद्भावना हुई हो या की गई हो 2. जिसकी उत्पत्ति हुई हो।
उद्भाषित (सं.) [वि.] उद्भासित।
उद्भासित (सं.) [वि.] 1. अलंकृत 2. व्यक्त 3. प्रकाशित; चमकता हुआ 4. जो सुंदर रूप में प्रकट हुआ हो; सुशोभित।
उद्भिज्ज (सं.) [सं-पु.] 1. धरती फोड़कर बाहर निकलने वाले पेड़, पौधे या लताएँ आदि 2. अंकुर 3. उत्स; झरना। [वि.] जो भूमि फोड़कर निकला हो; भूमि से उत्पन्न होने वाला।
उद्भिन्न (सं.) [वि.] 1. विभक्त किया हुआ 2. जो तोड़ा गया हो; खंडित 3. उत्पन्न 4. व्यक्त।
उद्भूत (सं.) [वि.] 1. जिसका जन्म हुआ हो; उत्पन्न 2. व्यक्त; बाहर आया हुआ; प्रकट 3. सृष्ट; गोचर।

उद्भूति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. उत्पत्ति; जन्म 2. उन्नति; प्रगति; आविर्भाव 3. उद्भूत होने की अवस्था, क्रिया या भाव।
उद्भेदन (सं.) [सं-पु.] 1. तोड़ने या फोड़ने की क्रिया 2. फोड़कर या छेदकर किसी वस्तु का आरपार निकलने की क्रिया या भाव; उगना 3. निकलना 4. प्रकट होना।
उद्भ्रम (सं.) [सं-पु.] 1. ऊपर की ओर उठना 2. भ्रमण; पर्यटन 3. चक्कर काटना 4. ऐसा भ्रम जिसमें बुद्धि काम न करे; विभ्रम 5. मन का उद्वेग या विकलता 6. पश्चाताप।
उद्भ्रमण (सं.) [सं-पु.] 1. चक्कर लगाना या काटना 2. घूमना-फिरना; भ्रमण।
उद्भ्रांत (सं.) [वि.] 1. घूमता हुआ या चक्कर खाता हुआ 2. चकित; भौचक्का 3. भ्रम में पड़ा हुआ 4. पागल; उन्मत्त 5. विह्वल; विकल 6. भ्रांतियुक्त; भूला हुआ; भ्रांत।
उद्यत (सं.) [वि.] 1. तैयार; तत्पर 2. मुस्तैद; प्रस्तुत; आमादा 3. उठाया या ताना हुआ 4. तना या खिंचा हुआ 5. परिश्रमी 6. अनुशासित 7. शिक्षित।
उद्यम (सं.) [सं-पु.] 1. उद्योग; पेशा; धंधा 2. परिश्रम 3. तैयारी 4. कोई व्यापार या शारीरिक कार्य जो जीविकोपार्जन हेतु अथवा किसी उद्देश्य की सिद्धि हेतु किया जाता है 5. पुरुषार्थ।
उद्यमी (सं.) [वि.] परिश्रमी; मेहनती; उद्यम करने वाला; पुरुषार्थी।
उद्यान (सं.) [सं-पु.] बाग; उपवन; फुलवारी; वाटिका; बगीचा।
उद्यापन (सं.) [सं-पु.] 1. भली-भाँति कोई काम पूरा होना 2. विधिपूर्वक कार्य संपन्न करना 3. व्रत आदि की समाप्ति पर किया जाने वाला धार्मिक कृत्य, जैसे- हवन, भोजन।

उद्युक्त (सं.) [वि.] 1. उद्योग में लगा हुआ 2. किसी काम में लगा हुआ 3. तत्पर; तैयार।
उद्योग (सं.) [सं-पु.] 1. अध्यवसाय; व्यापार 2. किसी काम में अच्छी तरह लगना; उद्यम; प्रयत्न; प्रयास; श्रम 3. कारख़ाना; (इंडस्ट्री)।
उद्योगधंधा [सं-पु.] व्यापार या लाभ के लिए माल या सामान तैयार करने का काम; व्यापारिक संस्थान; कारखाने; (इंडस्ट्री)।
उद्योगपति (सं.) [सं-पु.] 1. उद्योग का स्वामी 2. बड़े कारखाने का मालिक; (इंडस्ट्रियलिस्ट)।
उद्योगशाला (सं.) [सं-पु.] 1. कच्चे माल से पक्का माल तैयार करने का स्थान; कारख़ाना; (फ़ैक्टरी) 2. उद्योग का स्थान; उद्योगालय।
उद्योगी (सं.) [वि.] 1. उद्योग करने वाला 2. मेहनती; प्रयत्नशील; परिश्रमी 3. अध्यवसायी।
उद्योत (सं.) [सं-पु.] 1. प्रकाश; उजाला 2. आभा; चमक; दीप्ति।

उद्योतन (सं.) [सं-पु.] 1. प्रकाशित करना या होना 2. चमकने या चमकाने का कार्य; प्रकाशन 3. सामने लाना; प्रकट करना 4. भाषाविज्ञान में वह नया शब्द जो अर्थ की द्योतकता को बढ़ाता है।